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अमेरिका का होगा कंट्रोल, TikTok को लेकर ट्रंप-जिनपिंग में हो गई डील?

टिकटॉक को लेकर अमेरिका और चीन के बीच जल्द ही डील होने वाली है। इसके बाद अमेरिका में टिकटॉक पर पूरां कंट्रोल अमेरिकी निवेशकों के पास आ जाएगा।

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प्रतीकात्मक तस्वीर। (AI Generated Image)

अमेरिका में टिकटॉक पर बैन की तलवार लटक रही थी, जो अब लगभग हट सी गई है। अब अमेरिका में जो टिकटॉक चलेगा, उसका पूरा कंट्रोल अमेरिकियों के हाथ में होगा। व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैरोलिन लेविट ने बताया टिकटॉक की डील पर जल्द ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप साइन करने वाले हैं। उन्होंने बताया कि टिकटॉक का ज्यादातर मालिकाना हक अब अमेरिकारियों के पास होगा।


उन्होंने बताया कि अमेरिकी यूजर्स के डेटा और सिक्योरिटी की मॉनिटरिंग ओरेकल करेगा। अमेरिकियों का डेटा ओरेकल के सर्वर पर ही स्टोर किया जाएगा, ताकि कोई भी विदेशी इसे ऐक्सेस न कर सके।


कैरोलिन लेविट ने बताया, 'राष्ट्रपति ट्रंप इस हफ्ते के आखिरी में इस डील पर साइन करेंगे। इसके तहत टिकटॉक का ज्यादातर कंट्रोल अमेरिकी निवेशकों के पास होगा।' उन्होंने यह भी बताया कि एक बोर्ड भी बनेगा, जिसमें नेशनल सिक्योरिटी और साइबर सिक्योरिटी से जुड़े एक्सपर्ट्स शामिल होंगे।

 

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क्या होगा इस डील में?

इस डील के बारे में अब तक बहुत ज्यादा जानकारी सामने नहीं आई है। कैरोलिन लेविट ने कुछ जानकारियां ही अब तक साझा की हैं। उन्होंने बताया कि 'अमेरिकी सरकार के साथ पार्टनरशिप में ओरेकल, टिकटॉक के सिक्योरिटी पार्टनर के रूप में काम करेगा और टिकटॉक के प्लेटफॉर्म पर अमेरिकी यूजर्स के डेटा की सिक्योरिटी की मॉनिटरिंग करेगा।'


उन्होंने बताया, 'अमेरिकियों का डेटा चीन की पहुंच के बिना अमेरिका में ही स्टोर किया जाएगा। सभी अमेरिकी यूजर्स का डेटा ओरेकल के सर्वर पर स्टोर होगा।'


कैरोलिन लेविट ने यह भी बताया कि टिकटॉक के एल्गोरिदम को अमेरिका में फिर से ट्रेन्ड किया जाएगा, जो उसकी पैरेंट कंपनी बाइटडांस से पूरी तरह अलग होगा। उन्होंने कहा, 'टिकटॉक के एल्गोरिदम को बाइटडांस के कंट्रोल से बाहर, अमेरिका में फिर से ट्रेन्ड किया जाएगा।'

 


माना जा रहा है कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि अमेरिका को चीन पर भरोसा नहीं है। अमेरिका पहले ही टिकटॉक को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बता चुका है, इसलिए इस पर बैन भी लगने वाला था। अब अमेरिका इस समझौते के तहत टिकटॉक के एल्गोरिदम को अपने हिसाब से तैयार करेगी, ताकि चीन इसके जरिए अपना प्रोपेगैंडा न फैला सके। हालांकि, इससे यूजर एक्सपीरियंस पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। लेविट ने बताया कि अमेरिकी दूसरे देशों के यूजर्स का कंटेंट भी देख पाएंगे और अमेरिकियों का कंटेंट भी दूसरे देश के यूजर्स देख सकेंगे।


वॉल स्ट्रीट जर्नल और न्यूयॉर्क टाइम्स ने इस पूरे मामले से जुड़े सूत्रों के हवाले से बताया है कि टिकटॉक का 80% कंट्रोल अमेरिकी निवेशकों के पास होगा। बाकी बचा 20% कंट्रोल ही बाइटडांस और चीन के पास होगा।

 

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इस डील से फायदा क्या होगा?

यह डील पूरी तरह से अमेरिका के हक में है। इससे अमेरिका के पास अमेरिका में टिकटॉक पर पूरा कंट्रोल आ जाएगा। इससे होगा यह कि अमेरिका में टिकटॉक तो चलता रहेगा लेकिन अमेरिका के हिसाब से। अमेरिका में टिकटॉक के 17 करोड़ से ज्यादा यूजर्स हैं।


इससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था को भी फायदा होने की उम्मीद है। कैरोलिन लेविट का अनुमान है कि टिकटॉक यूजर्स से अगले 4 साल में अमेरिकी अर्थव्यवस्था में 178 अरब डॉलर आने की उम्मीद है। 

 


इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस डील को मंजूरी दे दी है। ट्रंप ने कहा था कि टिकटॉक पर अमेरिका का 'फुल कंट्रोल' होगा और यह हमारे लिए 'बहुत अच्छी डील' है।

नहीं तो बैन हो जाता टिकटॉक

अमेरिका में टिकटॉक पर बैन की तलवार लटक रही थी। अप्रैल 2024 में बाइडेन सरकार के दौरान एक बिल पास किया गया था, जिसके तहत 19 जनवरी 2025 को टिकटॉक को बैन किया जाना था। 


हालांकि, ट्रंप सरकार ने इस बैन को लागू नहीं किया। उन्होंने टिकटॉक को डील करने का समय दिया। इसके लिए ट्रंप ने 4 बार डेडलाइन बढ़ाई। आखिरी डेडलाइन 17 सितंबर थी, जिसे फिर बढ़ाया गया। ट्रंप का कहना था कि वह नहीं चाहते कि अमेरिका में टिकटॉक पर बैन लगे। ट्रंप ने कहा था कि वह टिकटॉक को बचाना चाहेंगे, क्योंकि युवा खासकर बच्चे इसे पसंद करते हैं।

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