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देश के परिवारों की बचत बढ़ी या घटी? सरकार ने दे दिया जवाब

देश के परिवारों की बचत पर केंद्र सरकार ने लोकसभा में जवाब दिया है। बढ़ती कमाई की खबरों के बीच में क्या आपके परिवार की बचत बढ़ी है या घटी है, समझिए कहानी।

Finance Ministry

भारतीय परिवार। सांकेतिक तस्वीर। Photo Credit: Sora

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सोमवार को लोकसभा में वित्त मंत्रालय ने देश में घरेलू बचत की स्थिति को लेकर अहम आंकड़े पेश किए हैं। एक सवाल के लिखित जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि भले ही सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के अनुपात में घरेलू बचत में मामूली गिरावट आई है, लेकिन लोगों द्वारा बचाई गई कुल रकम में बढ़ोतरी हुई है।

सांसद राव राजेंद्र सिंह ने वित्त मंत्री से सवाल किया था, जिसका जवाब, वित्त राज्य मत्री पंकज चौधरी ने सदन में दिया। उन्होंने घटती घरेलू बचत और इसके अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर को लेकर चिंता जाहिर की थी। नेशनल अकाउंट स्टेटिक्स 2025 के आंकड़े बता रहे हैं कि घरेलू बचत बढ़ी है। 

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आंकड़े क्या कहते हैं?

नेशनल अकाउंट स्टेटिक्स 2025 के आकंड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2022-23 में घरेलू बचत 50.1 लाख करोड़ रुपये थी, जो वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़कर 54.61 लाख करोड़ रुपये हो गई है। यानी लोगों ने पहले से ज्यादा पैसा बचाया है। यह बचत प्रति व्यक्ति नहीं, प्रति परिवार है। 

 

नेशनल अकाउंट स्टेटिक्स के आंकड़ों की तुलना अगर देश की कुल जीडीपी से की जाती है तो इसमें गिरावट दिखी है। घरेलू बचत वित्त वर्ष 2022-23 में 18.6 फीसदी के आस पास थी, जो साल 2023-2024 में घटकर 18.1 फीसदी रह गई है। 

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सरकार बचत बढ़ाने के लिए क्या कर रही है?

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि सरकार लोगों की आमदनी और बचत बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रही है। सरकार ने टैक्स में आम लोगों को राहत दी है, गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) में नीतिगत बदलाव से भी बचत बढ़ाने की कोशिश की गई है। 

  • टैक्स में राहत: 12 लाख रुपये तक की सालाना आय पर नई इनकम टैक्स छूट दी गई है, जिससे मध्यम वर्ग के हाथ में खर्च और बचत के लिए ज्यादा पैसा बचेगा।

  • जीएसटी में सुधार: हाल ही में जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाया गया है, जिससे घरेलू खपत और निवेश को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

  • रोजगार और इंफ्रास्ट्रक्चर: सरकार 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस', स्किल डेवलपमेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर दे रही है। सरकार का कहना है कि इससे रोजगार के मौके बढ़ सकते हैं और लोगों की आय में इजाफा हो सकता है।

अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ सकता है?

ऐसे फैसलों का तत्कालिक असर कम दिखता है। सरकार ने भरोसा जताया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की नींव मजबूत है, महंगाई बढ़ी तो बचत की नई नीतियां भी सामने आएंगी। वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि घरेलू मांग अच्छी बनी हुई है, महंगाई कम हो रही है और कंपनियों की बैलेंस शीट भी सुधरी है। सरकार आर्थिक स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रयासरत है।

 

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