हॉलीवुड का सबसे पुराना फिल्म स्टूडियो वॉर्नर ब्रदर्स बिकने जा रहा है। इसे नेटफ्लिक्स खरीदने वाला है। नेटफ्लिक्स ने बताया कि उसने वॉर्नर ब्रदर्स के साथ 72 अरब डॉलर की डील की है। इस डील में वॉर्नर ब्रदर्स के स्टूडियो के साथ-साथ स्ट्रीमिंग बिजनेस भी नेटफ्लिक्स को मिल जाएगा। हालांकि, इस डील को पूरा होने में अभी समय लगेगा। 2026 की तीसरी तिमाही तक डील पूरी होने की उम्मीद है।
नेटफ्लिक्स और वॉर्नर ब्रदर्स की इस डील पर दुनियाभर की नजर है, क्योंकि इससे फिल्मों का एक्सीपीरियंस काफी हद तक बदल जाएगा।
इस डील को लेकर मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (MAI) ने भी चिंता जताई है। एसोसिएशन का कहना है कि यह डील भारत के सिनेमा थियेटर और फिल्म इकोनॉमी के लिए बड़ा खतरा है।
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होने क्या वाला है?
नेटफ्लिक्स और वॉर्नर ब्रदर्स के बीच डील हो गई है। इससे वॉर्नर ब्रदर्स के स्टूडियो और स्ट्रीमिंग बिजनेस नेटफ्लिक्स को मिल जाएगा। वॉर्नर ब्रदर्स 102 साल पुराना स्टूडियो है।
डील कब तक पूरी होगी? 2026 की तीसरी तिमाही तक। इतना समय इसलिए लगेगा क्योंकि वॉर्नर ब्रदर्स अपनी डिस्कवरी ग्लोबल को नई कंपनी बनाएंगे और उसके बाद ही डील पूरी होने की उम्मीद है।
यह कैश एंड स्टॉक डील है। यानी डील की कुछ रकम कैश में दी जाएगी तो कुछ स्टॉक दिए जाएंगे। यह पूरी डील 72 अरब डॉलर की है। हालांकि, बताया जा रहा है कि कर्ज वगैरह मिलाकर यह डील 82.7 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगी।
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नेटफ्लिक्स का प्लान क्या है?
नेटफ्लिक्स के पास पहले से ही दो बड़े मूवी थियेटर का मालिकाना हक है। इसमें न्यूयॉर्क का पेरिस थियेटर और लॉस एंजेलिस का इजिप्शियन थियेटर शामिल है। अब नेटफ्लिक्स के पास वॉर्नर ब्रदर्स का मालिकाना हक भी आ जाएगा। वॉर्नर ब्रदर्स के पास HBO का स्ट्रीमिंग बिजनेस भी है। यह भी नेटफ्लिक्स के पास आ जाएगा।
नेटफ्लिक्स के को-सीईओ टेड सारंडोस ने कहा कि वॉर्नर ब्रदर्स की फिल्में थियेटर में रिलीज होंगी। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि बहुत लंबे समय तक इन्हें थियेटर में रखना सही नहीं है। इसका मतलब हुआ कि फिल्में थियेटर में रिलीज होने के कुछ ही दिन बाद OTT पर रिलीज की जा सकती है।
अब OTT का जमाना है और ज्यादातर लोग भी थियेटर की बजाय OTT पर ही फिल्में देखना पसंद कर रहे हैं। पहले फिल्म थियेटर में रिलीज होने के 90 दिन बाद OTT पर आती थी। फिर यह 45 दिन बाद ही OTT पर आने लगी। और अब हर फिल्म का अलग-अलग समय है। कुछ फिल्में कुछ ही हफ्तों में OTT पर रिलीज कर दी जाएगी।
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मूवी थियेटर के लिए इसका क्या मतलब है?
इस डील को लेकर दुनियाभर में फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोग चिंता जता रहे हैं। सिनेमा यूनाइटेड के प्रेसिडेंट और सीईओ माइकल ओ'लेरी ने कहा कि इससे एक ऐसा खतरा पैदा हो गया है, जो पहले कभी नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि इस डील की बारीकियों को ध्यान से देखा जाना चाहिए और एंटरटेन्मेंट इंडस्ट्री पर इसके बुरे असर को समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोविड के बाद से थियेटर बिजनेस पूरी तरह से उबर नहीं पाया है। उन्होंने बताया कि पहले साललभर का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 11 अरब डॉलर रहता था। कोविड के बाद सिर्फ 2023 में ही 9 अरब डॉलर का बिजनेस हुआ था, वह भी इसलिए क्योंकि वॉर्नर ब्रदर्स की 'बार्बी' ने अच्छा बिजनेस किया था।
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क्या भारत के लिए भी है खतरा?
इस प्रस्तावित डील को लेकर मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (MAI) ने भी चिंता जताई है। MAI के प्रेसिडेंट कमल ज्ञानचंदानी ने कहा कि नेटफ्लिक्स सिनेमा-फर्स्ट मॉडल पर विश्वास नहीं करता है। अगर यह डील होती है तो खतरा बढ़ेगा। पहला तो यह कि सिनेमाघरों के लिए हाई क्वालिटी कंटेंट कम हो जाएगा और दूसार यह कि थियेटर विंडो या तो छोटी हो जाएगी या खत्म ही हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि इस डील से न सिर्फ बॉक्स ऑफिस के बिजनेस पर असर पड़ेगा, बल्कि दर्शकों की पसंद भी कम होगी। साथ ही साथ भारत में फिल्म प्रोडक्शन, डिस्ट्रीब्यूशन और एग्जिबिशन का इकोसिस्टम कमजोर हो जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत में सिनेमा एंटरटेन्मेंट से भी बढ़कर कहीं ज्यादा है। इससे लाखों लोगों की रोजी-रोटी चलती है।