अब EPF खाते में जमा पूरा पैसा निकाल सकते हैं। पहले ऐसा नहीं होता था। अब EPF खाते 100% पैसा निकाला जा सकता है। सोमवार को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के बोर्ड ने इसे मंजूरी दी। श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया की अगुवाई में हुई बोर्ड मीटिंग में यह फैसला लिया गया। इस फैसले से EPFO के 7 करोड़ से ज्यादा सदस्यों को फायदा होगा।
बोर्ड मीटिंग में EPF स्कीम के पार्शियल विदड्रॉल प्रोविजन यानी आंशिक निकासी को सरल करने का फैसला लिया गया। पहले इससे जुड़े 13 जटिल प्रावधान थे, जिन्हें अब 3 कैटेगरी में बदल दिया गया है।
अब तीन कैटेगरी होंगी। पहली, जिसमें बीमारी, पढ़ाई और शादी-विवाह जैसी आवश्यक जरूरतें हैं। दूसरी, जिसमें घर जैसी आवासीय जरूरतों को रखा गया है। और तीसरी, जिसमें कुछ विशेष परिस्थितियां हैं।
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अब क्या बदला गया है?
- 3 कैटेगरी: पहले 13 जटिल प्रावधान थे। अब 3 श्रेणियां होंगी। पहले 'विशेष परिस्थितियों' के तहत पैसा निकालने के लिए प्राकृतिक आपदा, बेरोजगारी, महामारी जैसे कारण बताने होते। मगर अब बिना कोई कारण बताए पैसा निकाल सकते हैं।
- 100% निकासी: EPF खाते में 25% मिनिमम बैलेंस बनाए रखना होता है। बाकी 75% पैसा निकाल सकते हैं। पहले यह पूरा 75% नहीं निकाल सकते थे। मगर अब निकाल सकते हैं। यानी, EPF खाते से 100% निकासी हो सकती है। पहले 36-50% तक रकम ही निकाल सकते थे।
- निकासी की सीमा: पहले शादी-विवाह और पढ़ाई के लिए EPF खाते से सिर्फ 3 बार ही आंशिक रूप से निकासी कर सकते थे। अब इस सीमा को बढ़ा दिया गया है। अब पढ़ाई के लिए 10 बार और शादी-विवाह जैसे मामलों में 5 बार तक निकासी की जा सकती है।
- नौकरी का समय: पहले मकान के लिए 5 साल और पढ़ाई-शादी के लिए EPF से पैसा निकालने के लिए 7 साल की नौकरी जरूरी थी। अब इसे भी कम कर दिया गया है। अब मकान, पढ़ाई या शादी या बाकी सभी जरूरतों के लिए 1 साल की नौकरी के बाद ही EPF से पैसा निकाला जा सकता है।
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इससे फायदा क्या होगा?
इसे ऐसे समझिए कि EPF खाते में जो पैसा होता है, वह दो हिस्सों- 75% और 25% में बंटा होता है। 75% वाला हिस्सा आप निकाल सकते हैं। जबकि 25% मिनिमम बैलेंस होता है, जो हमेशा रखना जरूरी होता है।
पहले यह होता था कि अगर कोई व्यक्ति EPF खाते से पैसा निकालना चाहता है तो वह पूरा का पूरा 75% नहीं निकाल सकता था। पहले मकाने के लिए 36 से 50% और शादी-पढ़ाई के लिए 50% तक रकम निकाली जा सकती थी। मगर अब पूरा का पूरा पैसा निकाला जा सकता है।
जबकि, पहले यह होता था कि रिटायरमेंट, नौकरी जाने या मौत होने पर ही EPF से पूरा पैसा निकाला जा सकता था। अब आप कभी भी पूरा पैसा निकाल सकते हैं, बशर्ते नौकरी करते हुए 12 महीने यानी 1 साल से ज्यादा हो गया हो।
हालांकि, 25% का मिनिमम बैलेंस EPF खाते में बनाए रखना जरूरी होगा। इस पर सालाना 8.25% का ब्याज मिलेगा।
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और क्या बदल गया है?
अब 'प्रीमैच्योर फाइनल सेटलमेंट' और 'पेंशन' के लिए भी पूरा पैसा निकालने का समय बढ़ा दिया गया है।
पहले अगर आपकी नौकरी चली जाती थी या मर्जी से नौकरी छोड़ देते थे तो EPF खाते का फाइनल सेटलमेंट 2 महीने के भीतर करना होता था। यानी दो महीने के भीतर पूरा का पूरा पैसा निकालना होता था। अब इसे बढ़ाकर 12 महीने कर दिया गया है। यानी, नौकरी छोड़ने के बाद 1 साल तक सेटलमेंट किया जा सकता है।
इसी तरह से रिटायरमेंट के बाद पूरी पेंशन निकालने के लिए भी 2 महीने का समय था। अब इसे भी बढ़ाकर 36 महीने यानी 3 साल कर दिया गया है। इससे रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी को अपनी पेंशन का पैसा सही जगह इस्तेमाल करने का मौका मिलेगा।