अगर आप 12वीं के बाद इंजीनियरिंग चाहते हैं और आपको समुद्र में ट्रैवल करना भी अच्छा लगता है को मरीन इंजीनियरिंग आपके लिए एक शानदार करियर विकल्प हो सकता है। इसमें आप इंजीनियरिंग की डिग्री के जरिए नौकरी पाकर अपना समुद्र में सफर करने का सपना भी पूरा कर सकते हैं। बहुत ही कम छात्रों को इस शानदार करियर विकल्प के बारे में पता होता है। अगर आपको इस फील्ड में रुचि है तो आपको 10वीं के बाद से ही अपनी तैयारी शुरू करनी होगी। 12वीं क्लास आपको मैथ्य और साइंस सब्जेक्ट्स में पास करनी होगी। इसके बाद आपको मरीन इंजीनियर बनने के लिए इंजीनियरिंग की डिग्री करनी होगी।
मरीन इंजीनियर बनना कैसे है इससे पहले यह जानना जरूरी है कि मरीन इंजीनियर काम क्या करते हैं। मरीन इंजीनियप समुद्री जहाजों और समुद्री सिस्टम की मशीनरी को डिजाइन, ऑपरेट और मेंटेन करते है। जब भी कोई शिप समुद्र में चलता है तो उस शिप पर भी मरीन इंजीनियर तैनात रहते हैं। मरीन इंजीनियर अच्छी सैलरी के साथ-साथ एक रोमांचक जॉब भी है। इसमें एक स्टेबल करियर तो बनता ही है साथ में आपका ट्रैवल करने का सपना भी पूरा हो सकता है।
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मरीन इंजीनियर क्या होता है?
समुद्री जहाजों के इंजन, पावर सिस्टम, पंप, जनरेटर और टेक्निकल मशीनरी का निरीक्षण, रख-रखाव और इनको चलाने की जिम्मेदारी भी मरीन इंजीनियर के कंधों पर होता है। मरीन इंजीनियर का काम केवल आटोमेशन नहीं बल्कि सुरक्षा, इंजन ऑप्टिमाइजेशन और टेक्निकल दिक्कतों को सुलझाने का भी होता है।
कैसे बनें मरीन इंजीनियर?
मरीन इंजीनियर बनने के लिए आपको 10वीं के बाद ही काम शुरू करना होता है। 10वीं के बाद आपको मैथ, फिजिक्स और केमिस्ट्री यानी पीसीएम सब्जेक्ट लेने होते हैं। 12वीं बोर्ड की परीक्षा में आप जितना बढ़िया स्कोर करेंगे आपको आगे करियर में उतना ही आसान रहेगा। 12वीं के बाद आप इंजीनियरिंग कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं।
कौन से कोर्स करें?
12वीं के बाद आप इंजीनियरिंग यानी B.Tech की डिग्री कर सकते हैं। कुछ संस्थानों में मरीन इंजीनियरिंग की डिग्री भी करवाई जाती है। 4 साल के बैचलर इंजीनियरिंग कोर्स में आपको समुद्री मशीनों, नेविगेशन सिस्टम्स और इंजीनियरिंग फंडामेंटल पढ़ाए जाते हैं। कोर्स के बाद आप समुद्री इंजीनियर यानी मरीन इंजीनियर के रूप में काम कर सकते हैं। कॉलेज से ही आपको प्लेसमेंट मिल सकती है। इसके साथ ही आप ग्रेजुएशन के बाद मास्टर डिग्री भी कर सकते हैं। अगर आप रिसर्च करना चाहते हैं तो पोस्ट-ग्रेजुएशन डिग्री एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।
कहां और कैसे मिलेगी एडमिशन?
अगर आपने मरीन इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने का मन बना लिया है तो इसके लिए आपको बेहतरीन कॉलेज की तलाश करनी होगी। मरीन इंजीनियरिंग के लिए कुछ कॉलेज हैं, जिनमें विशेष करिकुलम तैयार किया गया है। इनमें इंडियन मैरिटाइम यूनिवर्सिटी, कॉलेज ऑफ मरीन इंजीनियरिंग, चेन्नई, और मैरिटाइन इंस्टीट्यूट, पुणे प्रमुख संस्थान हैं। इसके अलावा कई AICTE मान्यता प्राप्त इंजीनियरिंग कॉलेज भी हैं जहां से आप बीटेक मरीन इंजीनियरिंग की डिग्री कर सकते हैं। मरीन इंजीनियरिंग में एडमिशन के लिए आप इंडियन मैरिटाइम यूनिवर्सिटी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (आईएमयू सीईटी) और अन्य एंट्रेस टेस्ट दे सकते हैं। इसके साथ ही आपको फिटनेस टेस्ट और मेडिकल टेस्ट भी देना पड़ सकता है।
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कहां मिलेगी नौकरी?
मरीन इंजीनियरिंग करने के बाद आप कई सेक्टर्स में नौकरी पा सकते हैं। इनमें मर्चेंट नेवी, शिपिंग कंपनी, शिपिंग और मरीन सर्विस, तेल और गैस कंपनी जैसे कई क्षेत्रों में नौकरी मिल सकती है। सैलरी इन में से किसी भी फील्ड में निर्धारित नहीं है। अलग-अलग कंपनी में अलग-अलग सैलरी हो सकती है। एक अनुमान के मुताबिक, फ्रेशर मरीन इंजीनियर को लगभग 4-8 लाख रुपये का सालाना पैकेज पर नौकरी मिल सकती है। अनुभव बढ़ने के साथ ही आपकी सैलरी भी बढ़ेगी और यह 10 से 25 लाख तक भी हो सकती है। मरीन इंजीनियर की मांग लगातार बढ़ रही है क्योंकि समुद्री उद्योग, ट्रेड और ऑयल-गैस सेक्टर में टेक्नोलॉजी विकसित हो रही है। अनुभवी इंजीनियरों को अंतरराष्ट्रीय कंपनियों से भी मौका मिल सकता है। इन कंपनियों में सैलरी और सुविधाएं ज्यादा होती हैं।