बिहार की बांकीपुर विधानसभा, पटना जिले की 14 विधानसभाओं में से एक है। विधानसभा की सीट संख्या 182 है। यह पटना साहिब लोकसभा सीट के अंतर्गत आती है। यह बिहार की सबसे अगड़ी विधानसभाओं में से एक है। बांकीपुर विधानसभा सीट में पटना नगर निगम के 5 ग्रामीण वार्ड आते हैं।
अब तक इस विधानसभा पर कुल 3 चुनाव हुए हैं, जिनमें भारतीय जनता पार्टी के नितिन नबीन विधायक चुने गए हैं। उनके पास बिहार सरकार में ट्रांसपोर्ट विभाग है। यह विधानसभा साल 2008 में हुए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई थी। विधानसभा में करीब 391790 वोटर हैं। बांकीपुर, गंगा और सोन नदियों के संगम के पास बसा है। यहां सिविल कोर्ट और पटना कलेक्ट्रेट है। कई ऐतिहासिक स्थल भी हैं।
यह भी पढ़ें: दीघा विधानसभा: NDA की गढ़ में गठबंधन की दाल गलेगी?
विधानसभा पर एक नजर
बांकीपुर विधानसभा, कायस्थ बाहुल विधानसभा है। यहां कायस्थ समुदाय मजबूत स्थिति में है। यहां हर चुनाव में मतदान घट रहा है, जिसे लेकर राजनीतिक पार्टियां चिंतित हैं। साल 2015 में यहां करीब 40.25 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। 2020 में सिर्फ 35.92 प्रतिशत वोटिंग हुई।
2020 में इस सीट पर 3,31,775 मतदाता थे। बांकीपुर में कुल 396781 वोटर हैं। पुरुष मतदाताओं की संख्या 210486 है, वहीं 186268 महिला वोटर हैं। 27 थर्ड जेंडर मतदाता हैं।
अनुसूचित जाति की के वोटर भी यहां निर्णायक स्थिति में है। मुस्लिम मतदाता करीब 7 फीसदी हैं। यह शहरी सीट है। ग्रामीण मतदाता नहीं हैं। 64 फीसदी लोग वोट ही नहीं देते हैं।
मुद्दे क्या हैं?
यह पटना का सबसे विकसित विधानसभाओं से एक है। कलेक्ट्रेट और कोर्ट है। शहरी आबादी है। कई कोचिंग संस्थान हैं। यहां सर्विस सेक्टर में और मौके होने की बात उठती है। यहां अतिक्रमण बड़ी समस्या है, जिसकी वजह से लोग परेशान रहते हैं। ट्रैफिक जाम और जल निकासी की व्यवस्था को लेकर भी सवाल उठते हैं। बेरोजगारी और पलायन का भी मुद्दा उठता है।
यह भी पढ़ें: दिनारा विधानसभा: क्या दोबारा जीतेगी RJD या JDU करेगी खेला?
विधायक का परिचय
बांकीपुर विधानसभा से नितिन नबीन अजेय रहे हैं। वह साल 2010 से कोई चुनाव नहीं हारे हैं। वह कांग्रेस और महागठबंधन के 3 बड़े नेताओं को चुनाव हरा चुके हैं। साल 2010 में उन्होंने आरजेडी के बिनोद कुमार श्रीवास्तव को हराया था, 2015 में आशीष कुमार को और 2020 में लव सिन्हा को। नितिन नबीन, बिहार के चर्चित नेता रहे नबीन किशोर सिन्हा के बेटे हैं।
नितिन नबीन, भारतीय जनता युवा मोर्चा के महासचिव भी हैं। नितिन नबीन, बिहार सरकार में पथ निर्माण विभाग के मंत्री हैं। वह बिहार सरकार में कानून मंत्री भी रहे हैं। उनकी पत्नी डॉ. दीपमाला श्रीवास्त हैं। नितिन नबीन का घर बंदर बागीचा, पटना में है। उन्होंने अपनी कुल संपत्ति 1 करोड़ 74 लाख बताई है। वह 12वीं पास हैं। CSKM पब्लिक स्कूल, दिल्ली से उन्होंने पढ़ाई की है।
यह भी पढ़ें: करगहर विधानसभा: क्या कांग्रेस से JDU छीन पाएगी अपनी 2 बार की जीती सीट?
2020 का चुनाव कैसा था?
2020 के विधानसभा चुनावों में भी नितिन नबीन को जीत मिली। उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार लव सिन्हा को हराया था। लव सिन्हा, टीएमसी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे हैं। नितिन नबीन ने उन्हें 39036 वोटों से हराया था। नितिन नबीन को 2020 में 83068 वोट मिले, लव सिन्हा को 44,032 वोट पड़े। तीसरे नंबर पर द प्लूरल्स पार्टी की पुष्पम प्रिया चौधरी रहीं। 5,189 वोटों के साथ वह तीसरे नंबर पर रहीं। नोटा को कुल 1213 वोट पड़े थे।
2025 में क्या समीकरण बन रहे हैं?
यहां से बीजेपी नितिन नबीन को एक बार फिर उतार सकती है। नितिन नबीन, बिहार सरकार के मंत्री हैं। अभी तक यह तय नहीं हुआ है कि महागठबंधन के खेमे से यह सीट किस पार्टी को मिलेगी। अगर कांग्रेस को मिली तो लव सिन्हा भी दावेदार हो सकते हैं।
यह भी पढ़ें: सासाराम विधानसभा: RJD और BJP में कांटे की टक्कर, अबकी कौन मारेगा बाजी?
सीट का इतिहास
साल 2008 में हुए परिसीमन के बाद यह सीट अस्तित्व में आई थी। यह बिहार की सबसे नई विधानसभाओं में से एक है। साल 2010 में भी नितिन नबीन ने चुनाव जीता था, 2015 और 2020 के चुनाव में भी वही विजयी हुए। यहां भारतीय जनता पार्टी के लिए कभी कोई चुनौती नहीं रही।
- विधानसभा चुनाव 2010: नितिन नबीन, बीजेपी
- विधानसभा चुनाव 2015: नितिन नबीन, बीजेपी
- विधानसभा चुनाव 2020: नितिन नबीन, बीजेपी