logo

ट्रेंडिंग:

बिहार में सियासी तड़का! वामपंथी भी बुलाएंगे बंगाल और केरल से कॉमरेड

बिहार विधानसभा चुनावों में प्रचार के लिए वामपंथी पार्टियां अपने नेताओं को बंगाल, केरल, दिल्ली के साथ ही अन्य राज्यों से नेता बुलाएंगी।

Bihar Left parties

प्रचार के लिए वामपंथी भी बुलाएंगे बंगाल और केरल से नेता। Photo Credit (@cpimspeak)

संजय सिंह, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर कोई भी दल प्रचार-प्रसार में पीछे नहीं रहना चाहता है। इस प्रदेश में वामपंथी की चमक-धमक भले ही कम रही हो, लेकिन जमीनी पकड़ इसकी मजबूत है। फिलहाल अन्य दलों की तरह वामपंथी भी सीट शेयरिंग का इंतजार कर रहे हैं। वामपंथी दल भी पहले की तुलना में ज्यादा सीटें मांग रहे हैं। 

400 नेताओं की टीम तैयार 

विधानसभा चुनाव में प्रचार प्रसार के लिए वामपंथी दलों ने बंगाल, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगना, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और झारखंड से संगठन के नेताओं और संगठन कार्यकर्ताओं की टीम को बुलाने का निर्णय लिया है। इनकी संख्या लगभग 400 होगी। प्रयास यह है कि चुनाव प्रचार से लेकर मतदान तक महागठबंधन के साथ पूरी टीम एकजुटता से जुड़ी रहे, ताकि हर बूथ पर कार्यकर्ताओं से बेहतर समन्वय स्थापित हो सके। 

 

यह भी पढ़ें: उत्तर बंगाल में बारिश से 20 की मौत; दर्जनों लापता; दौरा करेंगी CM ममता

JNU और DU के छात्र भी संभालेंगे कमान

वामपंथी दलों के प्रांतीय नेताओं के अनुसार चुनाव की घोषणा के बाद ये संगठन कार्यकर्ता एनडीए के खिलाफ व्यूह रचना के लिए मैदान में उतरेंगे। जेएनयू और दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र भी चुनाव कमान संभालेंगे। सीपीआई ने अन्य प्रदेशों के 186 नेताओं और संगठन कार्यकर्ताओं की सूची पोलित ब्यूरो को सौंप दी है। 10 अक्टूबर के बाद से पूरे वामपंथी दलों की टीम पूरे राज्य में दिखाई देगी।

सीपीआई ने मांगी 24 से ज्यादा सीटें

महागठबंधन में अन्य दलों की तरह शामिल सीपीआई को भी 24 सीटें चाहिए। पार्टी का मानना है कि राज्य के 38 जिलों में उनका मजबूत जनाधार है। पार्टी की कार्यकारिणी ने अपनी मजबूत 24 सीटों को चिन्हित कर सूची महागठबंधन समन्वयक समिति के संयोजक को सौंप दी है, लेकिन पार्टी के जिला और राज्य सम्मेलन में कुछ अन्य सीटों को चिन्हित कर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया गया है। इस मामले को ध्यान में रखकर पार्टी अपनी दूसरी सूची भी महागठबंधन को सौपेंगी

 

यह भी पढ़ें: एयरपोर्ट पर नशे में गृह मंत्री शाह को लेने पहुंचा था अधिकारी, सस्पेंड

 

सीपीआई के इस निर्णय से महागठबंधन में सीट शेयरिंग का मामला एक बार फिर उलझता नजर आ रहा है। हालांकि महागठबंधन में सीटों को लेकर आरजेडी और कांग्रेस में भले ही खींचतान दिखती हो, लेकिन सीपीआई के साथ ऐसी बात नहीं दिखती है। सीपीआई महागठबंधन में हर मुद्दे पर साथ है। जानकारों का कहना है कि अपनी भविष्य की राजनीति को देखकर सीपीआई 24 से ज्यादा सीटों की मांग कर रही है, लेकिन सीट शेयरिंग के दौरान सीपीआई को जो सम्मानजनक सीटें मिलेंगी। उससे बात बन सकती है।

 

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap