उत्तर बंगाल में बारिश से 20 की मौत; दर्जनों लापता; दौरा करेंगी CM ममता
उत्तर बंगाल में शनिवार को लगातार 12 घंटे तल बारिश हुई। बारिश के चलते राज्य के इस हिस्से में भारी तबाही मची है। इसमें 17 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है।

दार्जिलिंग में रेस्क्यू करती NDRF, Photo Credit- PTI
पश्चिम बंगाल के उत्तरी भाग में भारी बारिश ने वहां के लोगों के जीवन को बुरी तरह से प्रभावित किया है। दार्जिलिंग जिले के पहाड़ों में शनिवार को मूसलाधार बारिश हुई। भारी बारिश के बीच दार्जलिंग में कई जगहों पर भूस्खलन हुए जिससे कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई। इन प्राकृतिक हादसों में कई लोग लापता हो गए हैं।
जिले में भूस्खलन के कारण कई घर बह गए, सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं और कई दूरदराज के गांवों का संपर्क टूट गया है। अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि NDRF और जिला प्रशासन की रिपोर्ट के मुताबिक, कई जगहों- सरसली, जसबीरगांव, मिरिक बस्ती, धार गांव (मेची), नागराकाटा और मिरिक झील क्षेत्र से लोगों के मारे जाने की खबर है।
सोमवार को दौरे पर रहेंगी मुख्यमंत्री ममता
दार्जिलिंग उप-मंडल अधिकारी (SDO) रिचर्ड लेप्चा ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि पुलिस, स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रतिक्रिया टीम की मदद से बचाव और राहत अभियान जारी है। वहीं, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीड़ितों के लिए मुआवजे की घोषणा की है। सीएम ममता बनर्जी ने घोषणा में कहा कि आपदा में मारे गए लोगों के परिवारों को सरकारी मुआवजा और उनके एक सदस्य को नौकरी मिलेगा। उन्होंने कहा कि वह सोमवार (6 अक्तूबर) को उत्तर बंगाल का दौरा करेंगी और क्षेत्र की स्थिति का आकलन करेंगी।
I am deeply worried and concerned that several areas in both North Bengal and South Bengal have been flooded due to sudden huge rains within a few hours last night as well as due to rush of excessive river waters in our State from outside.
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) October 5, 2025
Yesterday night there was sudden…
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उन्होंने आगे कहा कि सोमवार दोपहर मुख्य सचिव मनोज पंत के साथ उत्तर बंगाल के लिए रवाना होंगी और सिलीगुड़ी से स्थिति पर नजर रखेंगी।
पीएम मोदी भी रख रहे नजर
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इन मौतों पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि भारी बारिश और भूस्खलन के मद्देनजर दार्जिलिंग और आसपास के क्षेत्रों की स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है। नागराकाटा के धार गांव में मलबे से कम से कम 40 लोगों को बचाया गया है, जहां भारी भूस्खलन के कारण कई घर ध्वस्त हो गए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'दार्जिलिंग में पुल दुर्घटना में हुई जानमाल की हानि से बहुत दुःख हुआ है। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है, उनके प्रति मेरी संवेदना है। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। भारी बारिश और भूस्खलन के मद्देनजर दार्जिलिंग और आसपास के इलाकों की स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है। हम प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।'
Authorities are closely monitoring the situation in Darjeeling and surrounding areas affected by heavy rainfall and landslides. My thoughts are with the bereaved families. Wishing the injured a quick recovery.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 5, 2025
'स्थिति चिंताजनक है'
उत्तर बंगाल विकास मंत्री उदयन गुहा ने स्थिति को 'चिंताजनक' बताया और रिपोर्ट का हवाला देते हुए मृतकों की संख्या सत्रह बताई। गुहा ने कहा, 'जान का नुकसान दुखद है। हमारी रिपोर्ट के अनुसार, मिरिक में 11 और दार्जिलिंग में छह लोगों की मौत हुई है। लेकिन अभी तक संख्या की पुष्टि नहीं हुई है।' भूस्खलन के कारण मिरिक-सुखियापोखरी सड़क सहित प्रमुख मार्गों पर यातायात बाधित हो गया जबकि कई पहाड़ी बस्तियों की संचार लाइनें टूट गईं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य सचिवालय नबान्न स्थित कंट्रोल रूम से घटनाक्रम पर नजर रख रही हैं। टीवी9 बांग्ला समाचार चैनल से फोन पर बात करते हुए सीएम बनर्जी ने स्थिति को 'गंभीर' बताया। उन्होंने कहा, 'भूटान में लगातार बारिश के कारण पानी उत्तर बंगाल में बह गया है। यह आपदा दुर्भाग्यपूर्ण है। प्राकृतिक आपदाएं हमारे नियंत्रण से बाहर हैं। हम बहुत दुखी हैं। मैंने मुख्य सचिव के साथ पांच प्रभावित जिलों के अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठकें कीं। मैं सुबह छह बजे से स्थिति पर नजर रख रही हूं।'
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12 घंटों में 300 MM से ज्यादा बारिश
मुख्यमंत्री ने कहा कि केवल 12 घंटों में 300 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश हुई, जिससे कम से कम सात जगहों पर भयंकर बाढ़ और भूस्खलन हुआ। उन्होंने इस स्थिति की तुलना पिछले महीने त्योहारों के मौसम में कोलकाता में आई भीषण बाढ़ से की। उन्होंने कहा, '12 घंटे से लगातार भारी बारिश हो रही है। सात जगहों पर भूस्खलन हुआ है। मैं कड़ी नजर रख रही हूं और उम्मीद है कि सोमवार दोपहर तीन बजे तक वहां पहुंच जाऊंगी।'
बड़ी संख्या में पर्यटक प्रभावित
आपदा में बड़ी संख्या में पर्यटक भी प्रभावित हुए हैं। भूस्खलन और सड़क मार्ग पर अवरोधों के कारण पूरे क्षेत्र में हजारों पर्यटक फंसे हुए हैं। मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि राज्य सरकार उन्हें सुरक्षित वापस लाने की व्यवस्था करेगी और पर्यटकों से अपील की कि वे घबराएं नहीं और वहां से निकलने की जल्दबाजी न करें। उन्होंने कहा, 'कई पर्यटक फंसे हुए हैं। मैं उनसे अनुरोध करती हूं कि वे जल्दबाजी न करें। कृपया जहां हैं वहीं रहें। होटल वालों को उनसे ज्यादा पैसे नहीं लेने चाहिए। उनकी सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है और प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा।'
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि भारी और लगातार बारिश के कारण बचाव कार्य में रुकावटें आई हैं। उन्होंने कहा, 'यह इलाका फिसलन भरा है और कई घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। नुकसान का आकलन अभी भी किया जा रहा है। इन ढलानों पर मशीनों के लिए काम करना बेहद मुश्किल हो रहा है।'
इसके अलावा तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने उत्तर बंगाल में अपने कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं को जमीनी स्तर पर जाकर संकटग्रस्त लोगों की सहायता करने का निर्देश दिया है। मौसम विभाग ने दार्जिलिंग और कलिम्पोंग सहित उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल में छह अक्टूबर तक अत्यधिक भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। साथ ही, मिट्टी की नाजुक स्थिति के कारण और अधिक भूस्खलन और सड़कों पर अवरोध पैदा होने की चेतावनी दी है।
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