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SIR से बाहर हुए 47 लाख लोग क्या कर सकते हैं? अब भी बचे हैं दो रास्ते

बिहार में 22 साल बाद हुई SIR की प्रक्रिया पूरी हो गई है। चुनाव आयोग ने फाइनल लिस्ट जारी कर दी है। कुल मिलाकर 47 लाख वोटर्स के नाम काटे गए हैं। ऐसे में जानते हैं कि नाम कट गया है तो फिर क्या रास्ता है?

bihar sir

प्रतीकात्मक तस्वीर। (Photo Credit: PTI)

चुनाव आयोग ने मंगलवार को बिहार की स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) की फाइनल लिस्ट जारी कर दी। फाइनल लिस्ट में 47 लाख से ज्यादा वोटरों के नाम काटे गए हैं। जून में SIR से पहले बिहार में कुल 7.89 करोड़ वोटर्स थे। SIR के बाद 30 सितंबर तक बिहार में कल 7.42 करोड़ वोटर्स हो गए हैं। SIR की फाइनल लिस्ट में 17.87 लाख नाम जुड़े हैं। 


इससे पहले 1 अगस्त को चुनाव आयोग ने जो ड्राफ्ट लिस्ट जारी की थी, उसमें 65 लाख से ज्यादा वोटर्स के नाम काटे गए थे। 1 सितंबर से 30 सितंबर तक इस पर दावे-आपत्ति मांगी गई थीं। इसके बाद मंगलवार को फाइनल लिस्ट जारी कर दी गई।


बिहार में 22 साल बाद SIR की प्रक्रिया की गई थी। आखिरी बार 2003 में SIR हुआ था। बिहार में SIR की प्रक्रिया 24 जून से 25 जुलाई तक चली थी। इसके बाद 1 अगस्त को इसका ड्राफ्ट आया था और अब 30 सितंबर को फाइनल लिस्ट आई है।

 

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ड्राफ्ट और फाइनल लिस्ट में कितना अंतर?

  • 1 अगस्त वाली लिस्ट: SIR से पहले बिहार में 7.89 करोड़ वोटर्स थे। 1 अगस्त को ड्राफ्ट लिस्ट में कुल 7.24 करोड़ वोटर्स के नाम थे। 65 लाख के नाम काट दिए थे। ये वे लोग थे जिनका पता बदल गया था या मौत हो गई थी या इनके नाम दो जगह मिले थे।
  • 30 सितंबर वाली लिस्ट: मंगलवार को आई लिस्ट में 7.42 करोड़ वोटर्स के नाम हैं। 21.53 लाख वोटर्स के नाम जुड़े हैं लेकिन साथ ही साथ 3.66 लाख के नाम भी काटे गए हैं।लिहाजा कुल 17.87 लाख वोटर्स बढ़ गए।

नाम कट गया तो क्या कर सकते हैं?

कुल मिलाकर बिहार में SIR की प्रक्रिया के बाद 47 लाख वोटर्स के नाम कट चुके हैं। यह फाइनल लिस्ट है। हालांकि, अभी भी यह पूरी तरह से फाइनल नहीं है। चुनाव आयोग ने बताया है कि इन आंकड़ों में बदलाव हो सकता है।


अगर आप भी उन 47 लाख लोगों में हैं, जिनका नाम SIR की फाइनल लिस्ट में नहीं है। तो अब ऐसे में अब आपके सामने अपील के दो रास्ते हैं। 


चुनाव आयोग ने बताया है कि जो भी SIR की फाइनल लिस्ट से संतुष्ट नहीं है, वह जनप्रतिनिधि कानून की धारा 24 के तहत डीएम के सामने पहली अपील दाखिल कर सकता है। इसके बाद बिहार के मुख्य चुनाव अधिकारी के सामने दूसरी अपील दायर की जा सकती है।


इतना ही नहीं, अगर कोई भी पात्र व्यक्ति वोटर लिस्ट में अपना नाम जुड़वाना चाहता है तो फॉर्म-6 भरकर आवेदन कर सकता है। हालांकि, अब चूंकि चुनाव में ज्यादा समय नहीं बचा है, इसलिए नाम जुड़वाने के लिए उम्मीदवारों के नामांकन की आखिरी तारीख से 10 दिन पहले तक आवेदन करना होगा।

 

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अगले हफ्ते हो सकता है तारीखों का ऐलान

चुनाव आयोग ने साफ किया है कि किसी भी पात्र व्यक्ति को वोटर लिस्ट से बाहर नहीं किया जाएगा। साथ ही यह भी कहा है कि कोई भी अपात्र व्यक्ति वोटर लिस्ट में शामिल नहीं होगा।


बिहार की चुनाव तारीखों का एलान अगले हफ्ते तक किया जा सकता है। न्यूज एजेंसी PTI ने बताया है कि 4 और 5 अक्टूबर को चुनाव आयोग की टीम चुनाव तैयारियों का जायजा लेने के लिए पटना जाएगी। बताया जा रहा है कि इसके बाद कभी भी चनाव तारीखों का ऐलान कर दिया जाएगा।


बिहार में विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को खत्म हो रहा है। उससे पहले नई सरकार का गठन किया जाएगा। बिहार की 243 सीटों पर पिछली बार तीन चरणों में बिहार में चुनाव कराए गए थे।

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