बिक्रम विधानसभा सीट पटना जिले में आती है। यह सीट पटना की दोनों लोकसभा सीटों में से एक पाटलिपुत्र का हिस्सा है। बिक्रम सीट के अलावा पाटलीपुत्र में दानापुर, मनेर, फुलवारी, मसौढ़ी और पालीगंज विधानसभाएं आती हैं। बिक्रम, पटना जिले का एक प्रखंड है। इसकी पटना से दूरी लगभग 36 किलोमीटर है, जबकि भोजपुर जिला यहां से 46 किलोमीटर दूर है। यहां की संत्सकृति की बात की जाए तो बिक्रम में प्रमुख तौर से मगही और भोजपुरी भाषाएं बोली जाती हैं। इसके साथ ही यहां हिंदी भी बड़ी मात्रा में बोली जाती है।
बिक्रम विधानसभा क्षेत्र में आने वाली जमीन समतल है। यहां के लोग कृषि पर निर्भर हैं, जबकि लाखों लोग रोजगार के लिए अन्य शहरों में पलायन कर चुके हैं। यहां से सोन नदी होकर बहती है, जिसे यहां की मिट्टी उपजाऊ है। हालांकि, बिक्रम में मूलभूत सुविधाओं की आज भी कमी है। यहां के लोग मूलभूत सुविधाओं के साथ ही उच्च शिक्षा के लिए ढांचे की मांग करते रहे हैं।
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सामाजिक समीकरण
राजनीतिक लिहाज से बिक्रम विधानसभा सीट साल 2000 के बाद से बीजेपी, कांग्रेस और एलजेपी के हिस्से में आती रही है। यहां कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया का भी अच्छा-खासा प्रभाव है। विधानसभा के इतिहास में सीपीआई ने बिक्रम से चार बार (1980 से 1995) चुनाव जीता है। कांग्रेस 6 बार चुनाव जीती है, जबकि तीन बार बीजेपी का विधायक रहा है। इसके अलावा भारतीय क्रांति दल, जनता पार्टी और एलजेपी ने एक-एक बार चुनाव जीता है।
बिक्रम विधानसभा के सामाजिक समीकरण कर बात करें तो यहां अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या 20.51 फीसदी, राजपूत 13 फीसदी और मुस्लिम मतदाता 5 फीसदी से ज्यादा हैं। यहां लगभग 12 फीसदी मतदाता शहरी हैं।
2020 में क्या हुआ था?
बिक्रम विधानसभा सीट पर 2020 में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। निर्दलीय उम्मीदवार अनिल कुमार दूसरे नंबर पर रहे थे। वहीं, बीजेपी तीसरे पायदान पर रही थी। अनिल कुमार 2010 और 2005 के चुनाव में बीजेपी के टिकट पर बिक्रम से दो बार विधायक रह चुके हैं। 2020 में कांग्रेस से सिद्धार्थ सौरव ने अनिल कुमार को बड़े वोटों के मार्जिन से हराया था। हार का अंतर 35,460 वोटों का था। कांग्रेस के सिद्धार्थ सौरव ने 47.71 फीसदी वोट पाते हुए 86,177 वोट हासिल किया था, जबकि अनिल कुमार को 50,717 वोट मिले। बीजेपी के उम्मीदवार अतुल कुमार को महज 14,439 वोट पाकर संतोष करना पड़ा था।
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वहीं, इस सीट पर एक और निर्दलीय उम्मीदवार नागेंद्र कुमार को शानदार 11,223 वोट मिले थे। बीएसपी प्रत्याशी अरुण कुमार को 3,363 वोट मिले थे।
विधायक का परिचय
बिक्रम के वर्तमान विधायक सिद्धार्थ सौरव युवा हैं। उनकी उम्र 39 साल है। वह बिक्रम से 2020 में कांग्रेस के टिकट पर लगातार दूसरी बार विधायक बनकर बिहार विधानसभा में दाखिल हुए थे। हालांकि, सिद्धार्थ 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हो गए थे। इस बाद उम्मीद जताई जा रही है कि वह बीजेपी के टिकट पर बिक्रम से चुनाव लड़ सकते हैं। सिद्धार्थ सौरव पटना जिले के बिहटा के रहने वाले हैं।
सिद्धार्थ सौरव की पढ़ाई की बात करें तो वह 12वीं पास हैं, जो उन्होंने 1999 में उतीर्ण की थी। वहीं, 2020 के उनके चुनावी हलफनामों के मुताबिक, उनकी आय का मुख्य स्रोत विधायकी रूप में उनका वेतन, कृषि और फैमिली बिजनेस है। पिछले हलफनामों के मुताबिक उनके पास 3.58 करोड़ रुपये की संपत्ति है।
विधानसभा सीट का इतिहास
बिक्रम विधानसभा सीट पर सबसे पहली बात साल 1957 में चुनाव हुए थे। इसके पहले चुनाव में कांग्रेस की मनोरमा देवी बिक्रम की पहली विधायक चुनी गई थीं। इस पर अभी तक कुल 16 चुनाव हुए हैं। आना वाला चुनाव 17वां होगा। विधानसभा में नौबतपुर और बिक्रम सामुदायिक विकास खंड हैं। बिक्रम विधानसभा सीट पाटलीपुत्र लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है।
1957- मनोरमा देवी
1962- मनोरमा देवी
1967- महाबीर गोप
1969- खदेरन सिंह
1972- खदेरन सिंह
1977- कैलाशपति मिश्रा
1980- रामनाथ यादव
1985- रामनाथ यादव
1990- रामनाथ यादव
1995- रामनाथ यादव
2000- राम जनम शर्मा
2005- अनिल कुमार
2005- अनिल कुमार
2010- अनिल कुमार
2015- सिद्धार्थ सौरव
2020- सिद्धार्थ सौरव