कांग्रेस ने गुरुवार को बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पहली आधिकारिक सूची में 48 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए। पार्टी के बिहार इकाई अध्यक्ष राजेश राम को कुटुम्बा (एससी आरक्षित) सीट से मैदान में उतारा गया है।
पार्टी ने एक दिन पहले ही अपने बिहार इकाई के आधिकारिक हैंडल पर कुछ उम्मीदवारों के नाम जारी करने शुरू किए थे। कांग्रेस ने उम्मीदवारों की तस्वीरें भी साझा कीं, जिसमें वे नामांकन प्रमाणपत्र लेते दिख रहे हैं। हालांकि, महागठबंधन के सहयोगी दलों के बीच सीट बंटवारे का आधिकारिक समझौता अभी तक तय नहीं हुआ है।
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कहां किसे मिला टिकट?
पहली सूची में पार्टी ने मुजफ्फरपुर से बिजेंद्र चौधरी, गोपालगंज से ओम प्रकाश गर्ग, बेगूसराय से अमिता भूषण, वजीरगंज से डॉ. शशि शेखर सिंह, नालंदा से कौशलेंद्र कुमार और औरंगाबाद से आनंद शंकर सिंह को टिकट दिया है।
इसके अलावा, अनिल कुमार बिक्रम से, ललन कुमार सुल्तानगंज से, अमरेश कुमार लखीसराय से, बीके रवि रोसड़ा से, शशिभूषण राय उर्फ गप्पू राय गोविंदगंज से, जितेंद्र सिंह अमरपुर से और शिव प्रकाश गरीब दास बछवारा से चुनाव लड़ेंगे। त्रिशूलधारी सिंह को बारबीघा सीट से उम्मीदवार बनाया गया है।
राजेश राम ने दिया धन्यवाद
राजेश राम ने एक्स पर एक पोस्ट में पार्टी को नामांकन के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, ‘मैं कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं और विश्वास दिलाता हूं कि मैं यह चुनाव अकेले नहीं लड़ूंगा, बल्कि पूरा कुटुम्बा परिवार एक साथ लड़ेगा। हम सब मिलकर बिहार में महागठबंधन सरकार बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे।’
सूची के अनुसार, बछवारा सीट पर महागठबंधन के भीतर दोस्ताना मुकाबला होगा, क्योंकि वामपंथी दल पहले ही इस सीट पर नामांकन दाखिल कर चुके हैं। औरंगाबाद के विधायक आनंद शंकर को फिर से टिकट दिया गया है। बिहार कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद को कदवा सीट से टिकट मिला है।
नीतू कुमारी को भी दिया टिकट
हिसुआ की विधायक नीतू कुमारी को भी टिकट दिया गया है, जिन्होंने पत्रकारों से कहा था कि वे बीजेपी में शामिल होना चाहती थीं। 2020 के बिहार चुनाव में नीतू ने बीजेपी के अनिल सिंह को 17,000 से अधिक वोटों से हराया था। उन्हें 94,930 वोट मिले थे, जबकि अनिल सिंह को 77,839 वोट मिले थे।
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इससे पहले, 2015 के चुनाव में नीतू ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर 14,188 वोट हासिल किए थे। बीजेपी से उनकी नजदीकी की चर्चा थी, लेकिन फिर भी कांग्रेस ने उन्हें टिकट दिया। कांग्रेस को बिहार में कठिन चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। इस बार प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज के चुनावी मैदान में उतरने से मुकाबला और भी कड़ा हो गया है।