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मखदुमपुर विधानसभा: जीत की हैट्रिक लगा पाएगी RJD या JDU करेगी वापसी?

जहानाबाद जिले में आने वाली मखदुमपुर विधानसभा में आरजेडी और जेडीयू के बीच मुकाबला होता आ रहा है। पिछले दो चुनाव से आरजेडी यहां से जीत रही है।

Makhdumpur assembly

मखदुमपुर विधानसभा सीट, Photo Credit- KhabarGaon

बिहार के जहानाबाद जिले में पड़ने वाली मखदुमपुर विधानसभा अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित है। यह जिला मगध क्षेत्र में आता है। मखदुमपुर सीट ने बिहार को एक मुख्यमंत्री भी दिया है। 2014 में जीतन राम मांझी जब मुख्यमंत्री बने थे, तब वह मखदुमपुर से ही विधायक थे। हालांकि, उसके बाद 2015 के चुनाव में मांझी 26,777 वोटों से हार गए थे। 


मखदुमपुर में बराबर की पहाड़ियों में बराबर में बनी गुफाएं हैं। माना जाता है कि इन्हें मौर्य काल में बनाया गया था। इन गुफाओं को पहाड़ियों को काटकर बनाया गया है। माना जाता है कि महाभारत काल में इन पहाड़ियों को 'गोरठगिरी' कहा जाता था।


मखदुमपुर विधानसभा जहानाबाद लोकसभा के अंतर्गत आती है। इस सीट पर अब तक 17 चुनाव हो चुके हैं। इनमें सबसे ज्यादा 7 बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है।

मौजूदा समीकरण

आमतौर पर मखदुमपुर का नाम सुनकर इसे मुस्लिम बहुल मान लिया जाता है, लेकिन ऐसा नहीं है। मखदुमपुर की 93 फीसदी से ज्यादा आबादी हिंदू है। यहां सिर्फ 6 फीसदी ही मुस्लिम हैं। मखदुमपुर में 1995 से 2010 तक हुए 5 चुनावों में हर बार पार्टी बदल जाती थी। मगर पिछले दो चुनाव से यहां लगातार आरजेडी जीतती आ रही है। मखदुमपुर वह सीट है, जहां से आरजेडी बहुत ज्यादा वोटों के अंतर से चुनाव जीतती है। इसलिए यहां आरजेडी का दबदबा अच्छा-खासा है। 2024 के लोकसभा चुनाव में आरजेडी ने जहानाबाद में 1.50 लाख से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की थी।

 

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2020 में क्या हुआ था?

पिछले विधानसभा चुनाव में आरजेडी के सतीश कुमार ने हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के देवेंद्र कुमार को 22,565 वोटों से हराया था। सतीश कुमार को 71,571 और देवेंद्र कुमार को 49,006 वोट मिले थे। बीएसपी के ब्यास मुनि दास तीसरे नंबर पर रहे थे, जिन्हें 5,025 वोट मिले थे।

विधायक का परिचय

मखदुमपुर से इस समय आरजेडी के सतीश कुमार विधायक हैं। सतीश कुमार 2020 के चुनाव में जीतकर पहली बार विधानसभा पहुंचे थे। 


गया के बाराचट्टी में जन्मे सतीश कुमार ने 2009 में अनुग्रह मेमोरियल लॉ कॉलेज से LLB की डिग्री हासिल की थी। इससे पहले उन्होंने 2005 में पटना के कॉलेज से BA की पढ़ाई की थी। पढ़ाई के बाद ही सतीश कुमार राजनीति में आ गए थे।


सतीश कुमार हाल ही में बहुत सुर्खियों में बने हुए हैं। उसकी वजह यह है कि उनके खिलाफ मखदुमपुर की जनता जमकर विरोध कर रही है। कई दिनों से मखदुमपुर के लोग लालू यादव और राबड़ी देवी के घर के बाहर हंगामा कर रहे हैं। विरोध कर रहे लोग 'सतीश कुमार नहीं चाहिए' के नारे लगा रहे हैं। लोगों का दावा है कि विधायक रहते हुए सतीश कुमार ने क्षेत्र में एक काम भी नहीं करवाया है।


2020 के चुनाव में दाखिल हलफनामे में सतीश कुमार ने अपने पास 22.55 लाख रुपये की संपत्ति होने की जानकारी दी थी। उनके खिलाफ 8 क्रिमिनल केस दर्ज हैं।

 

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विधानसभा का इतिहास

इस सीट पर पहली बार 1952 में विधानसभा चुनाव हुए थे। तब से अब तक 17 बार चुनाव हो चुके हैं। यहां कांग्रेस, संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी, जनता पार्टी, जनता दल, आरजेडी, जेडीयू और हम पार्टी जीत चुकी है।

  • 1952: रामेश्वर यादव (निर्दलीय)
  • 1957: मिथिलेश्वर प्रसाद सिंह (कांग्रेस)
  • 1962: सुखदेव प्रसाद वर्मा (कांग्रेस)
  • 1967: एल. राम (संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी)
  • 1969: महाबीर चौधरी (कांग्रेस)
  • 1972: राम स्वरूप राम (कांग्रेस)
  • 1977: राम जतन सिन्हा (जनता पार्टी)
  • 1980: रामाश्रय प्रसाद सिंह (कांग्रेस)
  • 1985: राम जतन सिन्हा (कांग्रेस)
  • 1990: राम जतन सिन्हा (कांग्रेस)
  • 1995: बागी कुमार वर्मा (जनता दल)
  • 2000: बागी कुमार वर्मा (आरजेडी)
  • 2005: रामाश्रय प्रसाद सिंह (एलजेपी)
  • 2005: कृष्णन्दन प्रसाद वर्मा (आरजेडी)
  • 2010: जीतन राम मांझी (जेडीयू)
  • 2015: सूबेदार दास (आरजेडी)
  • 2020: सतीश कुमार (आरजेडी)

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