रानीगंज विधानसभा सीट बिहार के अररिया जिले की एक महत्वपूर्ण सीट है। रानीगंज की जिला मुख्यालय से दूरी महज 10 किलोमीटर है, जिसकी वजह से यहां से आवागमन करना आसान हो जाता है। यहां से नेपाल बॉर्डर 40 किलोमीटर दूर है। इसके दक्षिण में पूर्णियां, पश्चिम में सहरसा और सुपौल जिले हैं। कुर्सेला-फारबिसगंज रोड रानीगंज से होकर गुजरती है। यहां काली मंदिर, श्री राधा कृष्ण मंदिर यमुनाघाट और जामा मस्जिद प्रसिद्ध धार्मिक स्थल हैं।
रानीगंज विधानसभा सीट बिहार की उन सीटों में से है जो अपने जातीय समीकरण और स्थानीय मुद्दों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहती है। यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है और आगामी विधानसभा चुनाव में यहां दिलचस्प लड़ाई देखने को मिल सकती है। हालांकि, रानीगंज में मूलभूत सुविधाओं की कमी के साथ में यहां उच्च शिक्षा के लिए ढांचे की मांग होती रही है।
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मौजूदा समीकरण?
रानीगंज विधानसभा सीट 2015 से ही जनता दल यूनाइटेड (JDU) के कब्जे में है। यहां की आबादी मुख्य रूप से अनुसूचित जाति, अतिपिछड़ा वर्ग, यादव और मुस्लिम से मिलकर बनी है, जो चुनावी समीकरण को जटिल बनाता है। यहां से अचमित ऋषिदेव लगातार दो बार से विधायक हैं। 2020 में उन्होंने रानीगंज से आरजेडी को हराया था। 2015 में जेडीयू-आरजेडी का गठबंधन था और दोनों क्षत्रप पार्टियां मिलकर चुनाव लड़ी थी।
इस चुनाव में यह सीट जेडीयू के हिस्से में आई थी। 2015 के चुनाव में अचमित ऋषिदेव ने बीजेपी के रामजी दास ऋषिदेव को 14,930 वोटों से मात दी थी। रानीगंज पर अचमित ऋषिदेव की पकड़ काफी मजबूत मानी जाती है। उनकी पकड़ को देखते हुए इस बात की उम्मीद है कि इस बार भी जेडीयू उन्हीं को अपना उम्मीदवार बनाएगी। ऐसे में आरजेडी को यहां से हराने के लिए अचमित ऋषिदेव के मुकाबले कोई मजबूत कैंडिडेट उतारना होगा।
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2020 में क्या हुआ था?
रानीगंज विधानसभा सीट बिहार के अररिया जिले में आती है। 2020 में रानीगंज में कुल 44.12 प्रतिशत वोट पड़े। 2020 में जनता दल यूनाइटेड से अचमित ऋषिदेव ने राष्ट्रीय जनता दल के अविनाश मंगलम ऋषिदेव को 2304 वोटों के मार्जिन से हराया था।
जेडीयू के अविनाश मंगलम ने 44.1 फीसदी वोट पाते हुए 81,901 वोट हासिल किया था, जबकि अविनाश मंगलम ऋषिदेव को 79,597 वोट मिले। वहीं, इस सीट पर लोजपा के परमानंनद के ऋषिदेव को 5,038 वोट मिले थे।
विधायक का परिचय
अचमित ऋषिदेव रानीगंज से लगातार दो बार से विधायक हैं। ऋषिदेव ने 2020 के बिहार विधान सभा चुनाव में जदयू के टिकट पर रानीगंज विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल की। वह यहां से सबसे पहले 2015 में जेडीयू के टिकट पर विधायक बने थे। इस चुनाव में उन्होंने बीजेपी के प्रत्याशी को मात दी थी। वह अररिया के पुराने और दिग्गज नेता माने जाते हैं।
अचमित ऋषिदेव की पढ़ाई के इसके बारे में कोई पुख्ता जानकारी मौजूद नहीं है। 2020 के उनके चुनावी हलफनामों के मुताबिक, उनकी आय का मुख्य स्रोत विधायकी रूप में उनका वेतन और कृषि है। पिछले हलफनामों के मुताबिक उनके पास 66,79,526 रुपये की संपत्ति है।
विधानसभा सीट का इतिहास
रानीगंज विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र अररिया लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है। इस सीट पर अभी तक कुल 16 चुनाव हुए हैं। इस सीट की संख्या 47 है। रानीगंज विधानसभा में 32 पंचायतें हैं। यह अररिया जिले के सबसे बड़े ब्लॉकों में से एक है। रानीगंज सामुदायिक विकास खंड में भरगामा ब्लॉक है।
1957- राम नारायण मंडल (कांग्रेस)
1962- गणेश लाल वर्मा (निर्दलीय)
1967- डूमर लाल बैठा (कांग्रेस)
1969- डूमर लाल बैठा (कांग्रेस)
1972- बुंदेल रासवान (निर्दलीय)
1977- अधिक लाल पासवान (जनता दल)
1980- यमुना प्रसाद राम (निर्दलीय)
1985- यमुना प्रसाद राम (निर्दलीय)
1990- शांति देवी (जनता दल)
1995- शांति देवी (जनता दल)
2000- यमुना प्रसाद राम (आरजेडी)
2005- रमानंद ऋषिदेव (बीजेपी)
2005- रामजी दास ऋषिदेव (बीजेपी)
2010- परमानंद ऋषिदेव (बीजेपी)
2015- अचमित ऋषिदेव (जेडीयू)
2020- अचमित ऋषिदेव (जेडीयू)