नीतीश के EBC पर फोकस, महागठबंधन ने किया 30 पर्सेंट आरक्षण का वादा
बिहार में नीतीश कुमार के EBC वोटबैंक को ध्यान में रखते हुए महागठबंधन ने अपना पहला वादा इसी वर्ग के लिए किया है। इसके लिए अति पिछड़ा न्याय संकल्प जारी किया गया है।

अति पिछड़ा संकल्प जारी करते महागठबंधन के नेता, Photo Credit: Congress
बिहार चुनाव से पहले जमकर पसीना बहा रही कांग्रेस पार्टी ने अपनी कार्यकारिणी की बैठक इस बार पटना में बुलाई। 85 साल बाद ऐसा मौका जब कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बिहार में हुई। इस बैठक के तुरंत बाद कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) समेत तमाम गठबंधन नेताओं ने अति पिछड़ा न्याय संकल्प पत्र जारी किया, जिसमें कुल 10 वादे किए गए हैं। वादा किया गया है कि बिहार की पंचायतों और नगर निकायों में अति पिछड़ा वर्ग यानी EBC के लिए 20 पर्सेंट आरक्षण को बढ़ाकर 30 पर्सेंट किया जाएगा। इस मौके पर तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में नकलची सरकार है और कोई भरोसा नहीं है कि कल को वह इस वादे की भी नकल कर डाले।
इस मौके पर राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, तेजस्वी यादव, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के मुखिया मुकेश सहनी और कई अन्य नेता मौजूद रहे। इस मौके पर राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने हाइड्रोजन बम का जिक्र किया था और वह जरूर आएगा। राहुल ने फिर से जातिगत जनगणना का जिक्र किया और कहा कि देश में किसकी, कितनी आबादी है, यह पूरे देश को पता चलना चाहिए।
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तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार की सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, 'आप लोग तो जानते ही हैं कि यह नकलची सरकार है। अपना इनके पास कोई विजन नहीं है। अब हो सकता है कि हम लोगों ने अनाउंस किया है तो इसमें से भी नकल कर लें। हम लोगों ने पेंशन की बात, बिजली की बात, महिलाओं की बात, माई-बहन मान योजना की बात की, कर रहे हैं कि नहीं नकल? लोग कह रहे हैं कि 2005 से 2025, बहुत हुए नीतीश। हम कहना चाहते हैं कि नीतीश जी हाईजैक हो चुके हैं, उन्हें पता नहीं है कि क्या हो रहा है। नरेंद्र मोदी और अमित शाह बिहार की सरकार चला रहे हैं। हमारी लड़ाई भ्रष्ट अधिकारियों से है, जिनका बड़ा रैकेट है और वे बिहार की तिजोरी खाली करके अपनी तिजोरी भर रहे हैं।'
#WATCH | Patna, Bihar | RJD leader Tejashwi Yadav says, "This government is a 'Nakalchi' (copycat) government. They have no vision. Now, it's possible that they may copy what we've announced today... People are saying, 'Do hazar paanch se pachchis, Bahur Hue Nitish"... Nitish… pic.twitter.com/kx6eNDU61i
— ANI (@ANI) September 24, 2025
क्या बोले राहुल गांधी?
राहुल गांधी ने आगे कहा, 'लोकसभा में मैंने नरेंद्र मोदी जी के सामने दो बातें कहीं। 1. देश में जातिगत जनगणना होगी। 2. आरक्षण में 50% की दीवार तोड़ेंगे। इन वादों के पीछे सोच थी कि आज भी देश में अतिपिछड़ा, पिछड़ा, दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक वर्गों को जितनी भागीदारी मिलनी चाहिए, वह नहीं मिलती है। हम जातिगत जनगणना कर दिखाना चाहते हैं कि देश में किसकी कितनी आबादी है- यह पूरे देश को पता चलना चाहिए।'
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'अतिपिछड़ा न्याय संकल्प' पत्र के सभी बिंदुओं के बारे में @INCOBCDept के अध्यक्ष श्री @DrJaihind ने जानकारी दी 👇
— Congress (@INCIndia) September 24, 2025
1. ‘अतिपिछड़ा अत्याचार निवारण अधिनियम' पारित किया जाएगा
2. अतिपिछड़ा वर्ग के लिए पंचायत तथा नगर निकाय में वर्तमान 20% आरक्षण को बढ़ाकर 30% किया जाएगा
3. आबादी के… pic.twitter.com/LxpxmYeULM
हाल ही में हाई कोर्ट के फैसले के बाद उत्तर प्रदेश में जाति आधारित रैलियों पर रोक लगाने के फैसले पर राहुल गांधी ने कहा, 'उत्तर प्रदेश में अब जाति आधारित प्रदर्शन करना मना है। एक तरफ ऐसी सोच है, जबकि दूसरी तरफ हमारी सोच है- जहां हम अतिपिछड़ा समाज को विजन देना चाहते हैं। यह विजन हमारा या किसी पार्टी का नहीं है, बल्कि अति पिछड़ा समाज का विजन है।'
क्या है EBC?
दरअसल, बिहार में अति पिछड़ी जातियों की आबादी लगभग 36 प्रतिशत है। साल 2005 में सरकार बनाने के बाद से ही नीतीश कुमार ने इस वर्ग को अच्छे से साधा। नीतीश कुमार की सरकार ने ही इस वर्ग को पंचायतों और नगर निकायों में 20 प्रतिशत आरक्षण दिया। इतना ही नहीं, नीतीश कुमार की सरकार ने बिहार के जिलों में EBC विद्यार्थियों के लिए हॉस्टल खुलवाए, प्री और पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप शुरू की। नीतीश कुमार ने अपनी सरकार में कई EBC नेताओं को मंत्री भी बनाया।
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इसका उन्हें चुनावी फायदा भी खूब मिला है और हर चुनाव में इस वर्ग ने उनका खूब साथ दिया है। यही वजह है कि नीतीश कुमार खुद कम जनसंख्या वाली जाति से आने के बावजूद अति पिछड़ों के नेता बने हुए हैं। अब तेजस्वी यादव और राहुल गांधी की जोड़ी अपने साथ मुकेश सहनी जैसे नेताओं को लेकर इसी EBC वोटबैंक में सेंध लगाने में जुटी हुई है। राहुल गांधी खुद जातिगत जनगणना कराने और आरक्षण की सीमा बढ़ाने की वकालत लगातार करते रहे हैं। ऐसे में आने वाले चुनाव से लिहाज से महागठबंधन के ये एलान बेहद अहम हो जाते हैं।
क्या हैं वादे?
1.अति पिछड़ा अत्याचार निवारण अधिनियम' पारित किया जाएगा
2. अति पिछड़ा वर्ग के लिए पंचायत और नगर निकाय में वर्तमान 20% आरक्षण को बढ़ाकर 30% किया जाएगा
3. आबादी के अनुपात में आरक्षण की 50% की सीमा को बढ़ाने हेतु, विधान मंडल पारित कानून को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा
4. नियुक्तियों की चयन प्रक्रिया में “Not Found Suitable” (NFS) जैसी अवधारणा को अवैध घोषित किया जाएगा
5. अति पिछड़ा वर्ग की सूची में अल्प या अति समावेशन (under- or over-inclusion) से संबंधित सभी मामलों को एक कमेटी बनाकर निष्पादित किया जाएगा
6. अतिपिछड़ा, अनुसूचित जाति, जन-जाति तथा पिछड़ा वर्ग के सभी आवासीय भूमिहीनों को शहरी क्षेत्रों में 3 डेसिमल तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 5 डेसिमल आवासीय भूमि उपलब्ध कराई जाएगी
7. UPA सरकार द्वारा पारित 'शिक्षा अधिकार अधिनियम' (2010) के तहत निजी विद्यालयों में नामांकन हेतु आरक्षित सीटों का आधा हिस्सा अति पिछड़ा, पिछड़ी जाति, अनुसूचित जाति और जन-जाति के बच्चों हेतु निर्धारित किया जाएगा
8. 25 करोड़ रुपयों तक के सरकारी ठेकों/आपूर्ति कार्यों में अति पिछड़ा, अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ी जाति के लिए 50% आरक्षण का प्रावधान किया जाएगा।
9. संविधान की धारा 15 (5) के अंतर्गत राज्य के सभी निजी शिक्षण संस्थानों के नामांकन हेतु आरक्षण लागू किया जाएगा
10. आरक्षण की देखरेख के लिए उच्च अधिकार प्राप्त आरक्षण नियामक प्राधिकरण का गठन किया जाएगा और जातियों की आरक्षण सूची में कोई भी परिवर्तन केवल विधान मंडल की अनुमति से ही संभव होगा
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