logo

ट्रेंडिंग:

राहुल गांधी ने तालाब में क्यों लगाई राजनीतिक डुबकी? निशाने पर कौन है?

मछली पकड़कर राहुल गांधी ने बिहार के मल्लाह और निषाद जातियों को साधने की कोशिश में हैं। दरअसल, मल्लाह और निषाद जातियां बिहार में अति पिछड़ा वर्ग में आती हैं।

mallah caste category in bihar

मछुआरों के साथ तालाब में राहुल गांधी। Photo Credit (@RahulGandhi)

कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता (LoP) राहुल गांधी रविवार (2 नवंबर) को बिहार विधानसभा में प्रचार के दौरान बेगूसराय जिले में मछली पकड़ रहे मछुआरों के साथ तालाब में डुबकी लगाईइस दौरान वह मछलीपालन करने वाले लोगों से मिलेराहुल गांधी ने इस दौरान मछली पकड़ने की पारंपरिक प्रक्रिया में भाग लिया और तालाब में तैराकी भी कीराहुल गांधी के इस डुबकी ने बिहार के साथ ही पूरे देश का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कियाराहुल की तालाब में यह डुबकी कोई सामान्य डुबकी नहीं थी, बल्कि यह राजनीतिक डुबकी थीइस डुबकी का संदेश बहुत बड़ा माना जा रहा है

 

जब राहुल बेगूसराय के तालाब में मछुआरो के बीच तालाब में कुदे तो उनके साथ 'महागठबंधन' की ओर से बिहार के उप मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार और वीआईपी प्रमुख 'सन ऑफ मल्लाह' के नाम से मशहूर मुकेश सहनी भी मौजूद थेमुकेश सहनी ने राहुल गांधी के साथ में मछली पकड़ीऐसे में आइए जानते हैं कि राहुल गांधी की इस डुबकी के पीछे के सियासी मायने क्या हैं? और उनके निशाने पर बिहार में कौन हैं...

मल्लाह और निषाद जातियों को साधने की कोशिश

मछली पकड़कर राहुल गांधी ने बिहार के मल्लाह और निषाद जातियों को साधने की कोशिश की हैमल्लाह और निषाद जातियां बिहार में अति पिछड़ा वर्ग में आती हैंइन दोनों जातियों के वोटरो की संख्या बिहार में 4.6 फीसदी हैराहुल गांधी ने इन वोटरों को महागठबंधन के साथ लाने के लिए डुबकी लगाई हैयही नहीं बिहार में इस वर्ग में बिंद, मांझी, केवट, तुरहा आदि उप-जातियां भी शामिल हैंये जातियां विधानसभा में बड़ी भूमिका निभाएंगी

 

 

यह भी पढ़ें: किसी ने बेटी तो किसी ने बहू को दिया टिकट, बिहार में हर दल ने निभाई रिश्तेदारी

9.6 फीसदी है आबादी

इस समुदाय की आबादी 2023 की जातीय जनगणना के मुताबिक राज्य की कुल आबादी का लगभग 9.6 फीसदी हैयह समुदाय मुख्य रूप से उत्तर बिहार के नदी-प्रधान क्षेत्रों जैसे- गंगा, गंडक, बागमती नदियों के किनारे में बसा हुआ है, जहां यह मतदाताओं का महत्वपूर्ण हिस्सा बनता है

 

माना जाता है कि बिहार की विधानसभा में कुल 243 सीटों में से 40-50 सीटों पर निषाद और मल्लाह प्रभावित करते हैंयही वजह है कि महागठबंधन और उसमें शामिल कांग्रेस इस समुदाय के वोटों को लक्षित कर रहे हैं

किस जिले में है दबदबा?

निषाद-मल्लाह वोट बैंक मुख्य रूप से बेगूसराय, खगड़िया, सहरसा और दरभंगा में हैंइसके अलावा सीतामढ़ी, समस्तीपुर, अररिया, पूर्णिया, कटिहार में में 10 से 15 विधानसभा सीटें आती हैंअकेले बेगूसराय में 3-4 सीटें निषाद-मल्लाह बाहुल्य हैंमुजफ्फरपुर जिले की औराई, कुढ़नी, मीनापुर सीटों पर भी यह वर्ग जीत-हार तय करता है

 

यह भी पढ़ें: सरकार आई तो रोसड़ा बिहार का 39वां जिला? प्रियंका गांधी ने क्यों उठाया मुद्दा

महागठबंधन ने मछुआरों से किया वादा

बता दें कि महागठबंधन ने अपने संकल्प पत्र में मछुआरों से वादा किया है कि मछुआरा परिवारों को लीन पीरियड (प्रतिबंधित अवधि, 3 माह) के दौरान प्रति परिवार 5,000 रुपए की सहायता दी जाएगीसाथ ही कहा है कि सरकार आने पर मत्स्य पालन बीमा योजना और बाजार उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी, प्रत्येक प्रखंड में मछली बाजार, ट्रेनिंग सेंटर और अनुदान योजनाएं शुरू की जाएंगीसुसंगत जलाशय नीति के अंतर्गत नदियों और तालाबों का पुनर्जीवन किया जाएगा और आवंटन में परंपरागत मछुआरों को प्राथमिकता दी जाएगी

 

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap