• MUMBAI
07 Dec 2025, (अपडेटेड 07 Dec 2025, 5:04 PM IST)
रणवीर सिंह की फिल्म 'धुरंधर' का गाना 'इश्क जलाकर कारवां' लोगों को खूब पसंद आ रहा है। इस गाने की तुलना लोग 1960 के गाने 'ये है इश्क इश्क से क्यों कर रहे हैं?
मोहम्मद रफी और रणवीर सिंह, Photo Credit: Social Media
रणवीर सिंह की फिल्म 'धुरंधर' बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा रही है। यह एक ऐक्शनथ्रिलर फिल्म है। फिल्म को दर्शकों और क्रिटिक्स का पॉजिटिवरिस्पॉन्स मिला है। फिल्म में रणवीर सिंह, अर्जुन रामपाल, अक्षय खन्ना, संजय दत्त, आरमाधवन जैसे अभिनेताओं ने शानदार ऐक्टिंग की है। फिल्म के ऐक्शनसीन्स से लेकर गानों तक की खूब चर्चा हो रही है।
फिल्म का गाना 'इश्क जलाकर कारवां' रिलीज हो गया है। इस गाने को शाश्वत सचदेव, शहजाद अली, सुभदीप दास चौधरी, अरमान खान ने मिलकर गाया है। इसका म्यूजिक शाश्वत सचदेव और रोशल लाल ने दिया है। यह एक कव्वाली ट्रैक है जिसे दर्शक खूब पसंद कर रहे हैं। क्या आप जानते हैं कि इसी तरह का कव्वाली सॉन्ग 1960 की फिल्म 'बरसात की रात' में था। इस गाने का नाम 'ये है इश्क इश्क' था। 'धुरंधर' का 'कारवां' सॉन्गरिलीज होते ही लोग इस गाने को क्यों ढूंढने लगे? आइए जानते हैं दोनों में क्या अंतर है?
'धुरंधर' में जो 'कारवां' सॉन्ग है उसे लिरिक्स पूरी तरह से अलग है। इस गाने की 2 लाइनें 'ये इश्क इश्क' से मिलती है। हालांकि संगीतकारों ने 'कारवां' सॉन्ग में उसकी जगह दूसरे शब्दों का इस्तेमाल किया है। इस गाने के लिरिक्स है, 'ना तो कारवां की तलाश है, ना तो हमसफर की तलाश है।' जबकि असली लाइन में हमसफर की जगह रहबर शब्द का इस्तेमाल है।
'ये है इश्क इश्क' गाना
'ना तो कारवां की तलाश है, ना तो रहबर की तलाश है'। इस वजह से इस गाने की खूब चर्चा हो रही है। इस गाने को मन्नाडे, मोहम्मद रफी, एसडीबत्तीश, सुधा मल्होत्रा ने मिलकर गाया था। यह गाना उस समय में बहुत बड़ा हिट था जो आज भी लोगों को खूब पसंद है। इस गाने के लिरिसिस्टसाहिरलुधियानवी थे। इस फिल्म में मधुबाला, भारत भूषण, श्यामा, चंद्रशेखर और खुर्शीदबावरा मुख्य भूमिका में थे।
'धुरंधर' ने बॉक्स ऑफिस पर तीन दिनों में 72 करोड़ रुपये का बिजनेस किया है। फिल्म ने पहले दिन 33 करोड़ का बिजनेस किया था। फिल्म जल्द 100 करोड़ का आंकड़ा पार कर लेगी। फिल्म के अगले पार्ट की घोषणा हो गई। फिल्म का दूसरा पार्ट अगले साल 19 मार्च को रिलीज किया जाएगा।