जुबीन गर्ग का 19 सितंबर को निधन हो गया। रविवार को उनका शव गुवाहटी पहुंचा। उनके अंतिम यात्रा में फैंस की भीड़ उमड़ पड़ी और लोगों ने उन्हें नम आंखों से विदाई दी। उनका अंतिम संस्कार अर्जुन भोगेश्वर बरुआह स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स में होगा। यहां पर लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे। इसके बाद उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा खुद जुबीन का पार्थिव शरीर लेने दिल्ली गए थे। उन्होंने कहा कि गायक के मौत की जांच की जाएगी। इस मामले में उनके मैनेजर समेत दो लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है।
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जुबीन की अंतिम यात्रा में उमड़ी भीड़
जुबीन की पत्नी ने मैनेजर का किया बचाव
जुबीन की पत्नी गरिमा सैकिया ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि सभी ने उनका हमेशा साथ दिया है। मुझे आशा है कि उनका अंतिम संस्कार भी शांतिपूर्ण ढंग से होगा। प्रशासन से पूरी मदद मिल रही है।
मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर गरिमा ने कहा, 'सिद्धार्थ जुबीन के भाई जैसे हैं। उन्होंने ही 2020 में जब जुबीन की सर्जरी हुई थी और उन्हें इलाज के लिए मुंबई ले जाना पड़ा था। तब सिद्धार्थ ने हमारी मदद की थी। मैं चाहती हूं कि सिद्धार्थ जुबीन की अंतिम यात्रा में शामिल हो और आप लोगों उनके प्रति कोई नकारात्मक विचार न रखें। मुझे सिद्धार्थ के सपोर्ट की जरूरत है। उनके बिना सब हैंडल करना मुश्लिक हो जाएगा।'
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स्कूबा डाइविंग करते समय हुई थी मौत
जुबीन ने 52 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया। वह नॉर्थ ईस्ट फेस्टिवल में हिस्सा लेने के लिए सिंगापुर पहुंचे थे। सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग करते समय उन्हें चोटें आई थी। इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया जहां इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। उनकी मौत के बाद असम में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया। उन्होंने हिंदी, असम और बंगाली भाषा में 200 से ज्यादा गाने गाए थे। उन्होंने हिंदी में 'या अली', ‘जाने क्या चाहे मन बावरा’ जैसे हिट गाने गाए थे।