लद्दाख की गलवान घाटी में जून 2020 में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इसके पांच साल बाद अब अमेरिकी सीनेटर ने हैरान करने वाला दावा किया है। उन्होंने दावा किया है कि इस झड़प के दौरान चीनी सैनिकों ने ऐसे हथियारों का इस्तेमाल किया था, जिसने भारतीय सैनिकों को गला दिया था। यह दावा अमेरिकी सीनेटर बिल हैगर्टी ने किया है।
भारत और चीन के सैनिकों के बीच जून 2020 में गलवान में हिंसक झड़प हुई थी। इस झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। वहीं, चीन के 40 सैनिक मारे गए थे।
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बिल हैगर्टी ने क्या दावा किया?
अमेरिकी सीनेटर बिल हैगर्टी ने दावा किया है कि चीन ने भारतीय सैनिकों को 'गलाने' के लिए इलेक्ट्रो मैग्नेटिक हथियारों का इस्तेमाल किया था।
हालांकि, उन्होंने साफ तौर पर यह नहीं कहा कि चीन ने इन हथियारों का इस्तेमाल गलवान झड़प में ही किया था। उन्होंने बिना नाम लिए कहा कि 5 साल पहले हुई झड़प में इन हथियारों का इस्तेमाल हुआ था। इसलिए माना जा सकता है उनका इशारा गलवान झड़प की तरफ था।
हैगर्टी ने कहा, 'चीन और भारत के बीच विवादों का लंबा इतिहास रहा है। बमुश्किल पांच साल पहले चीन और भारत एक विवादित सीमा पर लड़ रहे थे। तब चीन ने भारतीय सैनिकों को गलाने के लिए एक इलेक्ट्रो मैग्नेटिक हथियार का इस्तेमाल किया था।'
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क्या हुआ था गलवान घाटी में?
लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून 2020 को भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। 45 साल में यह पहली बार था, जब दोनों देशों की सेनाओं में ऐसी हिंसक झड़प हुई थी। इस झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे। चीन के भी 40 जवान इसमें मारे गए थे। इससे पहले मई 2020 से ही LAC पर भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ने लगा था।
इस झड़प के बाद से भारत और चीन के संबंधों में तनाव आ गया था। झड़प के चार साल बाद अक्टूबर 2024 में रूस के कजान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात हुई थी। इस मुलाकात में सीमा विवाद को बातचीत से सुलझाने पर सहमति बनी थी।
पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग की मुलाकात के तुरंत बाद भारत और चीन ने LAC पर पेट्रोलिंग को लेकर एक अहम समझौता किया था। दो हफ्ते पहले ही चीन में हुई SCO समिट के दौरान भी प्रधानमंत्री मोदी और शी जिनपिंग के बीच मुलाकात हुई थी।