ऑस्ट्रेलिया में पहलगाम जैसा अटैक; बाप-बेटे ने 7 मिनट तक कैसे मचाई तबाही?
ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में रविवार को जश्न मना रहे यहूदियों पर दो हमलावरों ने अंधाधुंध गोलीबारी कर दी। इस आतंकी हमले में 16 लोगों की मौत हो चुकी है।

गोलीबारी में घायल शख्स को ले जाते डॉक्टर। (Photo Credit: PTI)
ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में बॉन्डी बीच पर रविवार को हुई गोलीबारी में 16 लोगों की मौत हो गई। दो हमलावरों ने गोलीबारी तब की, जब यहूदी 'हनुका' त्योहार मनाने के लिए जुटे थे। लोग जश्न में डूबे थे, तभी हमलावरों ने अंधाधुंध गोलीबारी कर दी। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने इसे 'यहूदी विरोधी आतंकवाद' बताया है। यह हमला ऐसे वक्त हुआ है, जब 'हनुका' का पहला दिन था। इस त्योहार के लिए 14 दिसंबर से ही 8 दिन की छुट्टियां शुरू हुई थीं। 'हनुका' का मतलब 'समर्पण' होता है।
इजरायल-हमास की जंग के बाद से ये घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 के बाद से ऑस्ट्रेलिया और इटली में यहूदी विरोधी घटनाएं सबसे ज्यादा सामने आई हैं।
इस बीच रविवार को बॉन्डी बीच पर जो गोलीबारी हुई, उसने सिर्फ ऑस्ट्रेलिया ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। इस घटना को तीन दशकों की सबसे घातक गोलीबारी बताया जा रहा है। पुलिस ने इसे 'आतंकी हमला' करार दिया है।
बॉन्डी बीच पर जिस तरह से आतंकी हमला हुआ, यह ठीक उसी तरह था, जिस तरह इस साल 22 अप्रैल को पहलगाम में हमला हुआ था। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने गोलीबारी कर 26 लोगों को मार डाला था।
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कब, क्या, किसने किया हमला?
- कब हुआ हमला: न्यू साउथ वेल्स के पुलिस कमिश्नर मेल लेनयन ने बताया कि शाम 6:47 बजे बॉन्डी बीच पर गोलीबारी होने की सूचना मिली थी। गोलीबारी बीच के घास वाले इलाके आर्चर पार्क में हुई थी। जहां गोलीबारी हुई, वहां यहूदियों की अच्छी-खासी आबादी है।
- क्या हुआ: रविवार को 'हनुका' का पहला दिन था। इसे मनाने के लिए बॉन्डी बीच पर 1 हजार से ज्यादा यहूदी जुटे थे। तभी दो हमलावरों ने आकर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। गोलीबारी के बीच लोग भागते हुए दिखाई दे रहे थे।
- किसने किया: हमलावर पिता और बेटा था। पुलिस ने बताया कि 50 साल का साजिद अकरम और उसका 24 साल का बेटा नावीद अकरम ने हमला किया। पुलिस ने साजिद को मार गिराया है। जबकि, उसका बेटा नावीद गंभीर रूप से घायल हो गया है।
- कितनों की मौत हुई: स्वास्थ्य मंत्री रयान पार्क ने बताया कि 16 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में 10 साल की एक बच्ची भी शामिल है। मरने वालों की उम्र 10 से 87 साल के बीच है। हमले में 42 लोग घायल हुए हैं, जिनका इलाज चल रहा है।
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जश्न, गोलीबारी और सन्नाटा
यहूदी त्योहार 'हनुका' का रविवार को पहला दिन था। लोग सुबह से ही बीच पर इकट्ठा होना शुरू हो गए थे। कई विदेशी पर्यटक भी थे, जो समंदर किनारे बैठे थे।
लोग जश्न में डूबे थे, तभी गोलीबारी शुरू हो गई और अफरा-तफरी मच गई। लोग अपनी जान बचाते हुए इधर-उधर भाग रहे थे। कुछ ही देर में बीच पर लोगों की चप्पलें, कपड़े सब बिखरे पड़े थे।
https://twitter.com/iexclusivenews/status/2000191462072303986
33 साल की रेबेका उस वक्त अपने दो बच्चों और पिता के साथ थीं। जब गोलीबारी हो रही थी, तब रेबेका अपने 5 साल के एक बेटे को टेबल के नीचे छिपाकर बैठी थीं। उन्होंने न्यूज एजेंसी AP से कहा, 'हम बस भगवान से प्रार्थना कर रहे थे कि प्लीज हमें मरने मत देना। प्लीज मेरे बच्चों को सुरक्षित रखना।'
उन्होंने बताया कि उनके पास लेटे एक आदमी को सीने में गोली लगी थी और वह मर गया। रेबेका ने बताया, 'एक महिला मेरे बगल में थी और वह बूढ़ी औरत थी, जो फर्श पर भी नहीं बैठ पा रही थी और उन्होंने उसे गोली मार दी।'
बॉन्डी बीच के पास ही एक होटल के कमरे से एक शख्स ने इसका वीडियो बनाया। वीडियो में कम से कम 7 मिनट तक गोलियों की आवाज सुनी जा सकती है।
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...तो हो सकती थीं और मौतें!
दो हमलावर- साजिद अकरम और नाविद अकरम ने मिनटों तक भीड़ पर गोलीबारी की। साजिद को तो पिता को तो मार दिया है। दूसरा हमलावर नाविद गोलियां चला रहा था। तभी एक राहगीर ने उसे पकड़ लिया और घायल कर दिया।
एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक राहगीर व्हाइट टीशर्ट और डार्क पैंट पहने हुए एक कार के पीछे छिपा दिख रहा है। फिर वह चुपके से बंदूकधारी हमलावर के पीछे जाता है, उसे पकड़ता है और उसकी बंदूक छीन लेता है। इसके बाद वह बंदूकधारी पर हथियार तान देता है और उसे जमीन पर गिरा देता है।
https://twitter.com/ILTVNews/status/2000192623697371448
जिस व्यक्ति ने यह सब किया, उसकी पहचान अहमद अल अहमद के रूप में हुई है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी उसकी तारीफ की है। न्यू साउथ वेल्स के प्रीमियर क्रिस मिन्स ने कहा, 'एक आदमी जो गोली चलाने वाले बंदूकधारी के पास गया और अकेले ही उसे निहत्था कर दिया, उसने कइयों की जान बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाली।'
अहमद अल अहमद को भी दो गोलियां लगी हैं। उसके चचेरे भाई मुस्तफा ने बताया कि अहमद सिडनी में फलों की दुकान चलाता है। मुस्तफा ने स्थानीय मीडिया से कहा, 'हमें उम्मीद है कि वह ठीक हो जाएगा। वह एक हीरो है।'
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किसने क्या कहा?
ऑस्ट्रेलिया में यह तीन दशकों का सबसे बड़ा नरसंहार था। दुनियाभर में इस हमले की निंदा हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले की कड़ी निंदा की है।
पीएम मोदी ने X पर पोस्ट करते हुए लिखा, 'भारत की जनता की ओर से मैं उन परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया। हम इस दुख की घड़ी में ऑस्ट्रेलिया के लोगों के साथ खड़े हैं। भारत आतंकवाद के प्रति बिल्कुल भी सहनशीलता नहीं रकता है और आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के खिलाफ लड़ाई का समर्थन करता है।'
https://twitter.com/narendramodi/status/2000169288854913315
इस हमले में एक इजरायली नागरिक की भी मौत हुई है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक मीटिंग में कहा, 'आपने अपने देश के अंदर कैंसर की तरह बढ़ रही इस बीमारी को रोकने के लिए कुछ नहीं किया। आपने बीमारी को फैलने दिया और इसका नतीजा यह है कि आज हमने यहूदियों पर भयानक हमला देखा।'
https://twitter.com/IsraeliPM/status/2000218259526664216
उन्होंने कहा, '17 अगस्त को 4 महीने पहले मैंने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री अल्बानीज को एक चिट्ठी भेजी थी, जिसमें मैंने चेताया था कि ऑस्ट्रेलियाई सरकार की नीतियां ऑस्ट्रेलिया में यहूदी विरोध को बढ़ावा दे रही है।'
वहीं, इजरायली राष्ट्रपति इसाक हर्जोग ने ऑस्ट्रेलियाई सरकार से इस पर कड़ी कार्रवाई करने को कहा है। ऑस्ट्रेलियाई इमाम काउंसिल ने हमले की निंदा करते हुए एक बयान जारी किया है। काउंसिल ने कहा, 'हिंसा और अपराध के इन कृत्यों की हमारे समाज में कोई जगह नहीं है। इसके लिए जिम्मेदार लोगों को पूरी तरह से जवाब ठहाराय जाना चाहिए और उन्हें कानून का पूरा सामना करना चाहिए।'
ऑस्ट्रेलिया में इससे पहले 1996 में नरसंहार हुआ था। तब एक अकेले हमलावर ने अंधाधुंध गोलीबारी कर 35 लोगों को मार डाला था।
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