अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ अटैक पर चीन ने खुली धमकी दी है। चीन ने साफ तौर पर इसे 'ट्रेड वॉर' मान लिया है। साथ ही धमकी देते हुए कहा, 'आप जंग चाहते हैं तो वही सही।' चीन ने कहा, 'अगर अमेरिका ट्रेड वॉर छेड़ने पर आमादा है तो हम भी आखिर तक लड़ने के लिए तैयार हैं।'
दरअसल, ट्रंप ने 4 मार्च से चीन पर टैरिफ बढ़ा दिया है। ट्रंप ने पहले ही चीन पर 10% का टैरिफ लगा दिया था। अब 4 मार्च से 10% टैरिफ और बढ़ा दिया है। इससे चीन झल्ला गया है। ट्रंप का यह टैरिफ अटैक अब 'ट्रेड वॉर' में बदलता जा रहा है।
ट्रंप के टैरिफ अटैक पर जवाब देते हुए चीन के विदेश मंत्रालय ने X पर पोस्ट करते हुए लिखा कि अमेरिका, चीन के इंपोर्ट पर टैरिफ बढ़ाने के लिए फेंटेनाइल का इस्तेमाल 'बहाने' के रूप में कर रहा है।
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क्या कहा चीन ने?
ट्रंप पर पलटवार करते हुए अमेरिका में चीन के दूतावास ने लिखा, 'अमेरिका अगर जंग ही चाहता है तो फिर यही सही। फिर चाहे यह टैरिफ वॉर हो या ट्रेड वॉर हो या फिर किसी भी तरह का युद्ध। हम आखिर तक लड़ने के लिए तैयार हैं।'
'डराने-धमकाने का असर हम पर नहीं होगा'
चीन ने अब अमेरिका को लेकर सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। चीन ने कहा कि अमेरिका में फेंटेनाइल क्राइसिस के अपने कारण हैं।
चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा, 'हमारी कोशिशों को मान्यता देने की बजाय, अमेरिका ने चीन पर दोष मढ़ने और उसे बदनाम करने की कोशिश की है। टैरिफ बढ़ाकर दबाव बनाने और उसे ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रहा है।' चीन ने ट्रंप सरकार को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि 'डराने-धमकाने की रणनीति से हम पर कोई असर नहीं पड़ेगा।'
विदेश मंत्रालय ने आगे कहा, 'धमकियों से हमें डर नहीं लगता। हम पर धौंस जमाना काम नहीं करता। दबाव, धमकी या जबरदस्ती चीन से निपटने का सही तरीका नहीं है। चीन पर दबाव डालने वाला हमें गलत आंक रहा है।'
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अमेरिका और चीन में ट्रेड वॉर
ट्रंप के पहले कार्यकाल में भी अमेरिका और चीन के बीच जबरदस्त ट्रेड वॉर चला था। दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप ने चीन पर 20 फीसदी टैरिफ बढ़ा दिया है।
ट्रंप ने संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए ऐलान किया है कि अमेरिका 2 अप्रैल से चीन, भारत जैसे देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने जा रहा है। इसका मतलब हुआ कि चीन पर अमेरिका और टैरिफ बढ़ा सकता है।
ट्रंप के टैरिफ अटैक पर चीन ने जवाब देते हुए अमेरिका पर भी टैरिफ बढ़ा दिया है। चीन ने अमेरिका से आने वाले गेहूं, मक्का और कपास जैसे उत्पादों पर 10 से 15 फीसदी तक टैरिफ बढ़ा दिया है। इसके अलावा, चीन ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए 25 अमेरिकी कंपनियों पर निर्यात और निवेश प्रतिबंध भी लगा दिए हैं।