इजरायल ने गाजा के लिए राहत सामग्री लेकर जा रहे एक काफिले में शामिल 137 लोगों को हिरासत में ले लिया था। इसके बाद इन सभी लोगों को वहां से निर्वासित कर दिया गया और शनिवार को वे सभी तुर्की पहुंचे। इनमें से दो एक्टिविस्ट ने दावा किया कि स्वीडिश क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग के साथ हिरासत के दौरान दुर्व्यवहार किया गया। ग्रेटा के साथ मौजूट एक्टिविस्ट हजवानी हेल्मी और अमेरिकी नागरिक विंडफील्ड बीवर ने रॉयटर्स को बताया कि ग्रेटा के बाल खींचे गए और उसे इजरायली झंटा पहनने के लिए मजबूर किया गया।
उन्होंने बताया कि ग्रेटा थनबर्ग को धक्का देकर इजरायली झंडा पहनने के लिए मजबूर किया गया। एक अन्य कार्यकर्ता एर्सिनसेलिक के मुताबिक ग्रेटा को उनके बालों से घसीटा गया और उनके साथ मारपीट की गई। उन्होंने कहा, 'उन्होंने हमारी आंखों के सामने ग्रेटा को उसके बालों से घसीटा, उसे पीटा और उसे इजरायली झंटा चूमने के लिए मजबूर किया। उन्होंने चेतावनी के तौर पर प्रताड़ित करने के लिए हर संभव कोशिश की।'
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तुर्की पहुंचे निर्वासित कार्यकर्ता
यह सभी कार्यकर्ता गाजा में सहायता पहुंचाने की कोशिश कर रहे थे। इन सभी कार्यकर्ताओं को निर्वासित कर दिया गया और ये सभी शनिवार 4 अक्टूबर 2025 को तुर्की पहुंचे। तुर्की विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस्तांबुल एयरपोर्ट पर उतरे कार्यकर्ताओं में 36 तुर्की नागरिक शामिल थे। इसके अलावा इनमें अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, अल्जीरिया, मोरक्को, इटली, कुवैत, लीबिया, मलेशिया, मॉरिटानिया, स्विट्जरलैंड, ट्यूनीशिया और जॉर्डन के नागरिक भी शामिल थे।
क्या बोले निर्वासित एक्टिविस्ट?
तुर्की पहुंचने के बाद निर्वासित एक्टिविस्टों ने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके साथ बहुत बुरा व्यवहार किया गया। एक एक्टिविस्ट ने कहा कि उन्होंने हमारे साथ जानवरों जैसा व्यवहार किया। उन्होंने आगे कहा कि बंदियों को न तो साफ खाना दिया गया और न ही पानी और उनकी दवाइयां और सामान जब्त कर लिया गया। अमेरिकी नागरिक विनफील्डर बीवर ने कहा कि ग्रेटा थनबर्ग के साथ बुरा बर्ताव किया गया और उसे प्रोपेगेंडा के लिए इस्तेमाल किया गया। उन्होंने बताया कि जब इजरायल के सुरक्षा मंत्री वहां पहुंचे तब ग्रेटा थनबर्ग को एक कमरे में धकेल दिया गया।
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इटली के विदेश मंत्री ने भी दिया बयान
इस पूरे मामले में इटली के विदेश मंत्री एंटोनियो ताजानी ने बताया कि इटली के 26 नागरिक टर्किश एयरलाइंस की उड़ान से तुर्की पहुंचे हैं, जबकि 15 अन्य अभी भी इजरायल में हैं और आने वाले दिनों उन्हें भी निष्कासित किया जाएगा। विदेश मंत्री ताजानी ने एक्स पर लिखा, 'मैंने तेल अवीव स्थित इटली दूतावास को निर्देश दिया है कि हमारे बाकि बचे नागरिकों के साथ उनके अधिकारों का सम्मान करते हुए व्यवहार किया जाए।'
इजरायल ने दी सफाई
इजरायल ने निर्वासित किए गए लोगों के आरोपों को सिरे से नकार दिया। इजरायल ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि सभी बंदियों को पानी, खाना और शौचालय की सुविधा दी गई। इजरायली विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि हिरासत में लिए गए सभी एक्टिविस्टों के कानूनी अधिकारों का पूरा सम्मान किया गया।