साइबर ठगी के कई मामले आप लोगों ने सुने होंगे, जिनमें आम लोगों से लाखों रुपये की ठगी करके ठग फरार हो जाते हैं लेकिन अब एक बड़ी कंपनी के साथ भी साइबर ठगी का मामला सामने आया है। यह साइबर ठगी देश के मशहूर बिजनेस ग्रुप की कंपनी के साथ हुआ है। टाटा ग्रुप की ब्रिटेन स्थित कंपनी जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) साइबर हमले की चपेट में आ गई, जिससे कंपनी के शेयरों पर बहुत बुरा असर पड़ा। गुरुवार को इस अटैक के कारण टाटा ग्रुप की पैसेंजर और कमर्शियल व्हीकल कंपनी टाटा मोटर्स लिमिटेड के शेयर में 2 प्रतिशत से ज्यादा गिरावट आई। इस हमले के कारण कंपनी को अपना प्रोडक्शन 1 अक्टूबर तक रोकना पड़ा।
किसी बड़ी कंपनी के साथ साइबर ठगी का यह पहला मामला है। इस हमले का कंपनी पर कितना असर हुआ है इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि कंपनी ने अपना काम रोक दिया है और कर्मचारियों को छुट्टी पर भेज दिया है। कुछ जानकारों का मानना है कि कंपनी को जो नुकसान हुआ है वह पिछले साल कंपनी को हुए लाभ से भी ज्यादा हो सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी को करीब 2 अरब पाउंड यानी करीब 23,864 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है।
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1 अक्टूबर तक प्रोडक्शन बंद
इस हमले के बाद कंपनी ने अपना प्रोडक्शन रोक दिया था। पहले 26 सितंबर तक प्रोडक्शन रोकने का नोटिस जारी किया गया था लेकिन बाद में नया नोटिस जारी किया गया जिसमें 1 अक्टूबर तक प्रोडक्शन पर रोक लगा दी गई। जेएलआर ने अपने एक बयान में कहा कि उसने अपने कर्मचारियों और सभी हितधारियों को बुधवार 1 अक्टूबर तक प्रोडक्शन रोकने के फैसले के बारे में सूचित कर दिया है। कंपनी ने करीब 33,000 कर्मचारियों को छुट्टी दे दी है।
साइबर हमले की जांच जारी
जेएलआर का टाटा मोटर्स के कुल कारोबार में लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा है, इसलिए इस नुकसान का सीधा असर टाटा मोटर्स पर पड़ रहा है। कंपनी अभी भी साइबर हमले की फोरेंसिक जांच कर रही है और प्रोडक्शन शुरू करने के लिए प्लान बना रही है। कंपनी ने एक बयान में कहा, 'इस घटना के कारण हो रही निरंतर रुकावट के लिए हमें बहुत खेद है। इस मामले में अभी जांच जारी है और जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, हम अपडेट देते रहेंगे।'
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यह साइबर अटैक ऐसे समय में किया गया, जब कंपनी पहले ही कई समस्याओं से जूझ रही है। अमेरिकी टैरिफ बढ़ने के कारण पहले ही कंपनी का मुनाफा कम हो रहा है। अब इस साइबर हमले से कंपनी का प्रोडक्शन बंद हो गया है। ऐसे में कंपनी पर और ज्यादा दबाव बढ़ गया है।
साइबर इंश्योरेंस डील नहीं हो पाई थी
इस साइबर हमले से पहले जेएलआर एक साइबर इंश्योरेंस डील पर काम कर रही थी। यह डील लॉकटन नाम के एक मशहूर इंडिपेंडेंट बीमा ब्रोकर के माध्यम से कराई जा रही थी लेकिन यह डील पूरी नहीं हो पाई थी। बताया जा रहा है कि यह साइबर इंश्योरेंस डील अंतिम चरण में अटक गई थी।