अमेरिकी राष्ट्रपति डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस का नाम बदलने जा रहे हैं। इसके बाद डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस का नाम बदलकर 'डिपार्टमेंट ऑफ वॉर' हो जाएगा। ट्रंप का इस पर कहना है कि डिपार्टमेंट ऑफ वॉर सुनकर 'ज्यादा अच्छा' लगता है। अमेरिका के रक्षा विभाग को पेंटागन कहा जाता है।
फॉक्स न्यूज ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि नाम बदलने को लेकर ट्रंप शुक्रवार को एक एक्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन करेंगे।
ट्रंप का मानना है कि 'डिफेंस' से ज्यादा बेहतर नाम 'वॉर' लगता है। उनका कहना है कि अमेरिका ने कई लड़ाइयां जीती हैं, इसलिए इसका नाम 'डिपार्टमेंट ऑफ वॉर' होना चाहिए।
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नाम क्यों बदल रहे ट्रंप?
गुरुवार को ओवल ऑफिस में मीडिया से बातचीत के दौरान ट्रंप ने कहा कि वॉर नाम ज्यादा बेहतर है। ट्रंप ने कहा, 'पीट हेगसेथ ने डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस कहा था। आप जानते हैं, मुझे यह किसी भी तरह से अच्छा नहीं लगा। हम डिफेंस में क्यों हैं? इसलिए इसे डिपार्टमेंट ऑफ वॉर कहा जाता था।'
ट्रंप ने आगे कहा, 'यह ज्यादा प्रभावशाली लगता था और जैसा कि आप जानते हैं कि हमने पहला विश्व युद्ध जीता, फिर दूसरा विश्व युद्ध जीता। हमने सब कुछ जीता।'
ट्रंप बोले- नाम बदलने के लिए वोट करें
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी कैबिनेट से नाम बदलने के लिए वोट करने की अपील की और कहा कि यह 'ज्यादा बेहतर' लगता है।
उन्होंने कहा, 'अगर आप वोट करते हैं और इसे वापस उसी स्थिति में बदलना चाहते हैं, जब हमेशा युद्ध जीतत थे तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है। अगर आप ऐसा करना चाहते हैं तो मुझे बताएं। मुझे लगता है कि डिपार्टमेंट ऑफ वॉर ज्यादा बेहतर लगता है।'
पहले डिपार्टमेंट ऑफ वॉर ही था नाम
अमेरिका के डिफेंस डिपार्टमेंट का नाम पहले डिपार्टमेंट ऑफ वॉर ही था। इसकी स्थापना 1789 में हुई थी। उस वक्त एक वॉर सेक्रेटरी हुआ करता था, जिसके पास अमेरिका की आर्मी और नेवी की कमान थी। बाद में 1798 में नेवी के लिए अलग से विभाग बनाया गया। डिपार्टमेंट ऑफ वॉर के पास वायु सेना की जिम्मेदारी भी थी।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद राष्ट्रपति हैरी एस. ट्रूमैन की सरकार ने 1947 में 'नेशनल मिलिट्री एस्टैब्लिशमेंट' यानी NME की स्थापना की। इसके बाद 1949 में तीनों सेनाओं को पेंटागन की एक छतरी के नीचे लाया गया और NME का नाम बदलकर डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस कर दिया।