दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्क अमेरिका में शटडाउन हो गया है। अमेरिकी संसद से फंडिंग बिल पास नहीं हो पाया है, इसलिए शटडाउन लागू हो गया है। फंडिंग बिल को पास होने के लिए 60 वोटों की जरूरत थी। मगर यह 55-45 से गिर गया। शटडाउन लगने का मतलब हुआ कि अब अमेरिका में सरकारी कामकाज ठप पड़ जाएगा। अमेरिकी सरकार को जरूरी सुविधाओं को छोड़कर बाकी सभी गतिविधियां बंद करनी पड़ेंगी।
सीनेट में डेमोक्रेट्स हेल्थकेयर सब्सिडी की मांग पर अड़े थे। जबकि, रिपब्लिकन इसे अलग से निपटाने की बात कह रहे थे। डेमोक्रेट्स की मांग थी कि फंडिंग बिल में हेल्थकेयर सब्सिडी को भी शामिल किया जाना चाहिए।
वहीं, ट्रंप ने मंगलवार को वोटिंग से पहले धमकी दी थी कि अगर अमेरिका में शटडाउन हुआ तो वह डेमोक्रेट्स के कार्यक्रमों को रद्द कर देंगे और सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल देंगे। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा था, 'हम बहुत से लोगों को नौकरी से निकाल देंगे और इनमें ज्यादातर डेमोक्रेट्स होंगे।'
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आखिरकार शटडाउन लागू
शटडाउन को लेकर डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन, दोनों ही एक-दूसरे पर ठीकरा फोड़ रहे हैं। फंडिंग बिल पास न होने के बाद ट्रंप सरकार ने संघीय एजेंसियों को शटडाउन लागू करने का आदेश दे दिया है।
वहीं, व्हाइट हाउस ने अपनी वेबसाइट पर शटडाउन का काउंटडाउन शुरू कर दिया था। अब व्हाइट हाउस की वेबसाइट पर शटडाउन का टाइम आ रहा है। व्हाइट हाउस ने इसे 'डेमोक्रेट शटडाउन' बताते हुए लिखा है कि 'अमेरिकी डेमोक्रेट के काम करने के तरीके से सहमत नहीं हैं।'
मंगलवार से अमेरिका के हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर भी एक पॉप-अप मैसेज दिया जा रहा है, जिसमें चेतावनी देते हुए लिखा है 'कट्टरपंथी वामपंथी सरकार को बंद करवा देंगे और अमेरिकियों को भारी नुकसान पहुंचाएंगे, जब तक कि उनकी 1.5 ट्रिलियन डॉलर की मांगें पूरी नहीं हो जातीं।'
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शटडाउन का असर क्या होगा?
अमेरिकी सरकार का वित्तीय वर्ष 1 अक्टूबर से शुरू होता है और 30 सितंबर तक फंडिंग बिल पास करना जरूरी था, ताकि सरकार के पास खर्च करने के लिए पैसे हों। मगर बिल सीनेट में अटक गया और अब शटडाउन ही करना पड़ेगा।
शटडाउन का मतलब हुआ कि अमेरिकी सरकार का कामकाज ठप पड़ जाएगा। गैर-जरूरी सेवाओं को बंद कर दिया जाएगा। सिर्फ जरूरी सेवाएं ही शुरू होंगी। लाखों कर्मचारियों को बिना सैलरी के छुट्टी पर भेज दिया जाएगा। जरूरी सेवाओं से जुड़े कर्मचारी भी बगैर सैलरी के ही काम करेंगे।
माना जा रहा है कि शटडाउन के बाद 7.50 लाख से ज्यादा संघीय कर्मचारियों को छुट्टी पर भेज दिया जाएगा। जबकि, इमरजेंसी सर्विसेस से जुड़े 14 लाख कर्मचारियों को भी बिना सैलरी के ही काम करना पड़ता। अनुमान है कि इससे इससे हर दिन 40 करोड़ डॉलर का नुकसान होगा। आखिरी बार जब 2018 में शटडाउन लगा था तो 20 लाख कर्मचारियों पर इसका असर पड़ा था।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, अमेरिका के 13 हजार से ज्यादा एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स को बिना सैलरी के ही काम करना होगा। और तो और, अमेरिकी सेना के 20 लाख सैनिकों को शटडाउन खत्म होने तक बिना सैलरी के ही काम करना होगा।
पिछले 50 साल में फंडिंग बिल अटकने की वजह से अमेरिका में 20 बार शटडाउन लगा है। आखिरी बार ट्रंप की सरकार में दिसंबर 2018 में 35 दिन के शटडाउन रहा था। उस वक्त शटडाउन की वजह से अमेरिकी अर्थव्यवस्था को 11 अरब डॉलर का घाटा हुआ था। ट्रंप के इस साल राष्ट्रपति पद की शपथ लेने से पहले भी शटडाउन का खतरा मंडराया था। हालांकि, बाद में फंडिंग बिल पास हो गया था। मगर इस बार फंडिंग बिल अटक गया है और अब शटडाउन लगने वाला है।