logo

ट्रेंडिंग:

राष्ट्रपति ने देश छोड़ा, PM भी भागे; इस मुल्क में Gen Z ने बदली सत्ता

अफ्रीकी मुल्क मेडागास्कर में भी Gen Z ने तख्तापलट कर दिया है। तीन हफ्तों से चल रहे प्रदर्शनों के बाद सोमवार रात राष्ट्रपति एंड्री रजोएलिना देश छोड़कर भाग गए।

Madagascar

जेन-जी प्रदर्शनकारी। (Photo Credit: X@DailyMonitor)

नेपाल में जिस तरह से Gen Z प्रोटेस्ट के बाद प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ गया, वैसा ही अब एक अफ्रीकी मुल्क में भी हुआ है। अब Gen Z ने अफ्रीकी मुल्क मेडागास्कर में तख्तापलट कर दिया है। सरकार के खिलाफ पिछले तीन हफ्ते से Gen Z का प्रोटेस्ट चल रहा था। बाद में सेना को भी इनका साथ मिला। इसके बाद राष्ट्रपति एंड्री रजोएलिना देश छोड़कर भाग गए हैं। कहां गए हैं? नहीं पता। 


सोमवार देर रात टीवी संबोधन में राष्ट्रपति एंड्री रजोएलिना ने कहा कि वह अपनी जान के डर से देश छोड़कर भाग गए थे। हालांकि, उन्होंने अपने संबोधन में अपने इस्तीफे की घोषणा नहीं की।


रजोएलिना को कई हफ्तों से विरोध प्रदर्शनों का सामना करना पड़ रहा था। इसमें अहम मोड़ तब आया, जब शनिवार को मेगाडास्कर की एक स्पेशल मिलिट्री यूनिट ने राष्ट्रपति और मंत्रियों से इस्तीफा देने को कहा। राष्ट्रपति रजोएलिना ने इसे सत्ता हथियाने की 'अवैध कोशिश' बताया था।

 

यह भी पढ़ें-- हमास की कैद से छूटे लोगों को मिली 'वेलकम किट' में क्या-क्या है?

देश छोड़कर कैसे भागे राष्ट्रपति?

पिछले हफ्ते राजधानी एंटानानारिवो के अहम चौराहे पर एक रैली हुई थी। इस रैली में हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी जुटे थे। इसके बाद ही मिलिट्री की स्पेशल यूनिट CAPSAT ने भी राष्ट्रपति और मंत्रियों को इस्तीफा देने को कह दिया।


सेना ने मेडागास्कर के सरकारी टीवी चैनल की बिल्डिंग पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद सोमवार देर रात राष्ट्रपति रजोएलिना ने किसी अज्ञात जगह से संबोधन दिया। उनका यह भाषण टीवी पर आया। इसमें उन्होंने कहा, 'मुझे अपनी जान बचाने के लिए एक सुरक्षित ठिकाना ढूंढने पर मजबूर होना पड़ा।'

 


अपने भाषण में उन्होंने इन हालात से बाहर निकलने के लिए 'बातचीत' करने की बात कही। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि वह देश छोड़कर कब और कैसे गए? हालांकि, कुछ रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि उन्हें फ्रांस के एक स्पेशल मिलिट्री प्लेन से बाहर ले जाया गया था।


मेडागास्कर पर कभी फ्रांस का ही कब्जा था। बताया जाता है कि राष्ट्रपति रजोएलिना के पास फ्रांस की नागरिकता भी है। लोगों में नाराजगी की एक वजह यह भी थी। 

 

यह भी पढ़ें-- रेयर अर्थ मिनरल्स पर चीन की रोक, अमेरिका के लिए बड़ा झटका क्यों?

मेडागास्कर में आखिर हुआ क्या था?

रजोएलिना 2009 से मेडागास्कर की सत्ता संभाल रहे हैं। जब वह राष्ट्रपति बने थे, तब स्पेशल मिलिट्री यूनिट CAPSAT की अहम भूमिका रही थी। 


सड़कों पर उनके खिलाफ 25 सितंबर को प्रदर्शन शुरू हुए थे। बिजली और पानी की कटौती के विरोध में Gen Z सड़कों पर उतर आए थे। रजोएलिना की सरकार के खिलाफ यह पहला बड़ा प्रदर्शन था। 


नेपाल में Gen Z प्रोटेस्ट की जो वजह थी, वह लगभग मेडागास्कर में भी रही। बिजली, पानी, गरीबी और पढ़ाई को लेकर प्रदर्शन हो रहे थे। इसके अलावा परिवारवाद, भ्रष्टाचार और सरकारी पैसों के गबन के खिलाफ भी विरोध कर रहे थे।

 

Photo Credit: X@DailyMonitor)

Gen Z के इस प्रोटेस्ट में बाद में सिविक ग्रुप और ट्रेड यूनियन भी शामिल हो गए। इसके बाद राजधानी एंटानानारिवो समेत कई इलाकों में नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया। 


प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे इंटरनेट के जरिए लामबंद हुए थे। उनका कहना है कि वे नेपाल और श्रीलंका में तख्तापलट वाले विरोध प्रदर्शनों से प्रेरित थे।

 

यह भी पढ़ें-- जिसने जीता शांति का नोबेल, अब उस पर विवाद; क्या है इजरायल कनेक्शन?

सेना का कितना बड़ा रोल?

रजोएलिना के तख्तापलट में सेना की स्पेशल यूनिट CAPSAT की अहम भूमिका रही है। ऐसा माना जाता है कि अब मेडागास्कर की पूरी सेना को CAPSAT ही कंट्रोल करती है। रजोएलिना के देश छोड़कर भागने के बाद CAPSAT ने बताया है कि उसने सेना का नया इंचार्ज नियुक्त किया है, जिसे रक्षा मंत्री का पद भी सौंपा गया है।


माना जा रहा है कि तख्तापलट में CAPSAT की भूमिका भी है। हालांकि, उसने इससे इनकार किया है। CAPSAT के कमांडर कर्नल माइकल रैंड्रियनिरिना ने कहा कि सेना ने वही किया जो जनता चाह रही थी। उन्होंने कहा कि आगे क्या करना है? क्या नए सिरे से चुनाव होते हैं? यह सब मेडागास्कर की जनता तय करेगी।


उन्होंने दावा किया कि उनके सैनिकों ने प्रदर्शनकारियों के साथ खड़े होने का फैसला लिया था। राजधानी एंटानानारिवो में लोगों ने उनके सैनिकों का गर्मजोशी से स्वागत किया था।

 

यह भी पढ़ें-- हिंसक प्रदर्शन से दहला पाकिस्तान, TLP चीफ साद रिजवी को लगी गोली

 

Photo Credit: X@DailyMonitor

तख्तापलट का रहा है लंबा इतिहास

मेडागास्कर को 1960 में फ्रांस से आजादी मिली थी। तब से अब तक वहां तख्तापलट का लंबा इतिहास रहा है। मेडागास्कर में कई राष्ट्रपति को तख्तापलट के जरिए पद से हटाया जा चुका है।


रजोएलिना भी 2009 में तख्तापलट के बाद ही राष्ट्रपति बने थे। जब तत्कालीन राष्ट्रपति रावलोमनाना को देश छोड़कर भागना पड़ा था। इसके बाद रजोएलिना को राष्ट्रपति चुना गया था। 2023 में विपक्षी पार्टियों ने चुनाव का बहिष्कार कर दिया था। इसके बाद रजोएलिना फिर से राष्ट्रपति चुने गए थे।


राष्ट्रपति रजोएलिना कहां गए हैं? इस बारे में तो नहीं पता है। हालांकि, इस प्रदर्शनों के बीच उनकी सरकार में प्रधानमंत्री और उनके सबसे करीबी सलाहकार भी देश छोड़कर भाग गए हैं। दोनों का विमान सोमवार रात मॉरीशस में उतरा।

Related Topic:#Gen Z

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap