अमेरिका के जॉर्जिया में हुंडई प्लांट में इमिग्रेशन छापेमारी के बाद हिरासत में लिए गए साउथ कोरिया के 300 से ज्यादा कामगारों को रिहा किया जाएगा। इसे लेकर अमेरिका और साउथ कोरिया के बीच डील हो गई है।
अमेरिका के इमिग्रेशन एंड कस्टम एन्फोर्समेंट (ICE) की टीम ने जॉर्जिया के हुंडई प्लांट में छापेमारी की थी। छापेमारी के बाद ICE की टीम ने 475 कामगारों को हिरासत में ले लिया था, जिनमें 300 से ज्यादा साउथ कोरियाई नागरिक हैं।
साउथ कोरिया ने रविवार को बताया कि कामगारों को रिहा करने को लेकर अमेरिका के साथ समझौता हो गया है। इन मजदूरों को अब साउथ कोरिया वापस लाया जाएगा। साउथ कोरिया के प्रेसिडेंशियल चीफ ऑफ स्टाफ कांग हून सिक ने बताया कि कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद चार्टर्ड प्लेन से इन मजदूरों को वापस लाया जाएगा।
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कहां और क्यों हुई छापेमारी?
ट्रंप के एजेंडा में मास डिपोर्टेशन भी शामिल है। ट्रंप जब से राष्ट्रपति बने हैं, तब से ही अवैध अप्रवासियों को पकड़कर उनके देश वापस भेजा जा रहा है।
गुरुवार को ICE की टीम ने जॉर्जिया के हुंडई प्लांट में छापा मारा था। यह ICE की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई थी, जिसमें इतने ज्यादा प्रवासियों को पकड़ा गया था। शुक्रवार को ICE ने बताया था कि उन्होंने 475 लोगों को हिरासत में लिया है, जिनमें से ज्यादातर साउथ कोरिया के नागरिक थे।
यह छापेमारी जॉर्जिया में उस प्लांट में हुई थी, जहां हुंडई इलेक्ट्रिक गाड़ियां बनाती है। हुंडई भी साउथ कोरियाई कंपनी है।
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तलाशी ली, बेड़ियों में डालकर ले गए
शनिवार को ICE ने अपनी इस छापेमारी का वीडियो जारी किया था। इसमें प्लांट में ICE का काफिला घुसता नजर आ रहा था। प्लांट में छापेमारी के बाद ICE ने मजदूरों को लाइन में खड़े होने को कहा। कुछ मजदूरों को बस के सामने हाथ रखने को कहा गया और उनकी तलाशी ली गई। बाद में उनके हाथों और कमर में बेड़ियां डाल दी गईं।
हिरात में लिए गए इन मजदूरों को जॉर्जिया के फोकस्टोन में स्थित डिटेंशन सेंटर ले जाया गया। होमलैंड सिक्योरिटी के जॉर्जिया एजेंट स्टीव श्रैंक ने बताया था कि फिलहाल इन पर किसी अपराध का आरोप नहीं लगाया गया है और जांच की जा रही है।
उन्होंने बताया था कि ज्यादातर लोगों ने अवैध तरीके से अमेरिकी सीमा पार की थी और यहां रह रहे थे। इनमें से कुछ ऐसे भी जो लीगल तरीके से अमेरिका आए थे लेकिन वीजा एक्सपायर होने के बाद भी यहां काम कर रहे थे।
साउथ कोरिया ने क्या किया?
साउथ कोरिया के राष्ट्रपति ली जे म्यूंग के चीफ ऑफ स्टाफ कांग हून-सिक ने रविवार को बताया कि मजदूरों की रिहाई के लिए अमेरिका के साथ समझौता हो गया है।
उन्होंने बताया था कि मजदूरों को वापस लाने के लिए कोरियाई सरकार एक चार्टर प्लेन भेजेगी, ताकि जल्द से जल्द उन्हें लाया जा सके।
इस बीच साउथ कोरिया की मीडिया ने बताया है कि सोमवार को विदेश मंत्री चो ह्यून भी अमेरिका जाएंगे।