राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में मिडिल ईस्ट शांति समझौते की ओर आगे बढ़ रहा है। इसमें हमास ने 20 जिंदा बंधकों को रिहा करने की घोषणा की थी। इस रिहाई के बीच यह खबर आई है कि नेपाली हिंदू स्टूडेंट बिपिन जोशी की बॉडी को वापस इजरायल भेज दिया गया है। बिपिन को हमास ने करीब दो साल से ज्यादा समय के लिए बंधक बना कर रखा था। इजरायल में नेपाल के राजदूत धन प्रसाद ने इस बात की पुष्टि की है।
धन प्रसाद ने कहा, 'बिपिन जोशी की बॉडी हमास ने इजरायल अधिकारियों को सौंप दिया है और उनके शव को तेल अवीव ले जाया जा रहा है।' इजरायली सेना के प्रवक्ता ने भी बताया कि हमास ने बिपिन जोशी के साथ 4 और लोगों की बॉडी इजरायल को वापस कर दी हैं। बॉडी को नेपाल वापस भेजने से पहले उसका DNA टेस्ट कराया जाएगा और नेपाली एम्बेसी की मदद से इजरायल में ही अंतिम संस्कार किया जाएगा।
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कैसे पकड़े गए बिपिन जोशी?
बिपिन जोशी सितंबर 2023 को नेपाल से गए थे। बिपिन गाजा बॉर्डर के पास एग्रीकल्चर रिसर्च के लिए 16 और लोगों के साथ गए थे। इस प्रोग्राम के तहत इन लोगों को इजरायली खेती के तरीके पर रिसर्च करना था। इस रिसर्च के दौरान 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजरायल पर हमला कर दिया। हमले से बचने के लिए बच्चे बंकर में जा कर छिप गए। हमास ने बंकर पर कई हमले किए जिसमें कई बच्चे घायल हो गए। ऐसा बताया गया था कि बिपिन ने एक ग्रेनेड फटने से पहले ही उसे बाहर फेंक दिया जिससे कई लोगों की जान बच गई।
इसके बाद ही हमास के आतंकवादियों ने उन्हें पकड़ लिया और बंधक बनाकर गाजा ले गए। इसके बाद इजरायल सेना ने एक फुटेज जारी किया जिसमें इन्हें टॉर्चर करते दिखाया गया। इसके बाद ऐसी कोई भी वीडियो जारी नहीं हुई जिसमें वह जिंदा दिखे हो। उनके परिवार वाले लगातार उनकी रिहाई के लिए सरकारों से गुहार लगाते रहे थे पर अब उनकी मौत की पुष्टि हो गई है। बिपिन 26 अक्टूबर को 25 साल के होने वाले थे।
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हमास और इजरायल के बीच चल रहे शांति समझौते के बीच दोनों ओर से लोगों की रिहाई की जा रही है। हमास ने गाजा में दो साल से अधिक समय से बंधक बनाए गए सभी 20 जिंदा इजरायली को रिहा किया है। इस समझौते के तहत, इजरायल ने भी बदले में लगभग 2,000 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया है। इसी समझौते में 28 इजरायली बंधकों के शवों को भी वापस करने की बात शामिल है।