• NEW DELHI 05 Feb 2025, (अपडेटेड 05 Feb 2025, 1:25 PM IST)
अमेरिका में 1 करोड़ से ज्यादा विदेशी नागरिक अवैध तरीके से रहते हैं। डोनाल्ड ट्रम्प चुन-चुनकर अवैध प्रवासियों को अपने देश से बाहर निकाल रहे हैं। इस प्रक्रिया में उनसे कुछ गलतियां हो रही हैं।
अमरेिका में अवैध प्रवासियों को डिपोर्ट किया जा रहा है। (Photo Credit: Social Media)
शरीर पर जंजीरों में कैद है, हाथ बांधे गए हैं, हथकड़ियां लगी हैं और कतार में उन्हें एक के बाद एक C-17 जहाजों में धकेला जा रहा है। उनके साथ ऐसा सलूक किया जा रहा है, जैसा कुख्यात अपराधियों और आतंकियों के साथ होता है। अमेरिकी पुलिस और सिक्योरिटी एजेंसिया उन्हें हिंदुस्तान डिपोर्ट कर रही है।
अमेरिका के C-17 विमान से 205 अवैध प्रवासी भारत भेजे जा रहे हैं। अमृतसर एयरपोर्ट पर उन्हें डिपोर्ट किया जा रहा है। ये लोग डंकी रूट के जरिए अमेरिका में दाखिल हुए थे। ये फर्जी कागजातों के सहारे अमेरिका में दाखिल हुए थे। इनमें से कई ऐसे लोग हैं, जो भारत में वांछित आरोपी हैं।
डिपोर्टेशन पर सवाल क्यों उठ रहा है? अमेरिका अवैध प्रवासियों से जो सलूक कर रहा है, वह सवालों के घेरे में है। अमेरिका वैध तरीकों से आए भारतीयों के साथ ऐसा नहीं कर रहा है। डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यालय में ही कई भारतीय मूल के लोगों को अहम पद दिए गए हैं। वह अवैध तौर पर दाखिल हुए हिंदुस्तानी घुसपैठियों के खिलाफ कड़े एक्शन ले रहे हैं। जो प्रक्रिया उन्हें डिपोर्ट करने के लिए अपनाई जा रही है, उस पर मानवाधिकार संगठन आपत्ति जता रहे हैं।
अमेरिका मानवाधिकारों का पक्षधर रहा है लेकिन डोनाल्ड ट्रम्प का प्रशासन उन्हीं नियमों को तोड़ रहा है। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों और वैश्विक अधिवेशनों में जो गाइडलाइन अवैध प्रवासियों के डिपोर्टेशन को लेकर बनी हैं, उन नियमों को अमेरिका ही तोड़ रहा है।
संयुक्त राष्ट्र के नियमों को क्यों तोड़ रहा अमेरिका? संयुक्त राष्ट्र संघ की एक समिति 'यूएन कमेटी अगेंस्टर टॉर्चर' (CAT) और ह्युमन राइट्स काउंसिल का मानना है कि अवैध तरीके से किसी परिस्थिति में किसी देश में घुसे लोगों के साथ 'अपराधियों' जैसा सलूक नहीं किया जा सकता है। उन्हें सामान्य अपराधियों की हिरासत में नहीं रखा जा सकता है, न ही उन्हें हथकड़ियां पहनाई जा सकती हैं। 'द यूएन वर्किंग ग्रुप ऑन आर्बिटरी डिटेंशन' ने 26 फरवरी 2018 में कुछ संशोधित नियम जारी किए थे। जो लोग शरणार्थी या किन्हीं वजहों से अवैध तरीके से किसी देश में रह रहे हैं, उन्हें भी मनमाने तौर पर हिरासत में नहीं लिया जा सकता है।
अमेरिका में अवैध हिंदुस्तानी प्रवासियों को डिपोर्ट किया गया है।
संयुक्त राष्ट्र के तत्कालीन अधिकारी नील मेल्जर ने ह्युमन राइट्स काउंसिल को भेजी गई रिपोर्ट में कहा था कि प्रावासियों को हिरासत में लेना, उन्हें उत्पीड़ित करना गलत है। अगर किसी अपराध को रोकने के लिए, उनके शेल्टर के अनुरोध को खारिज करने के लिए, उनसे कड़ाई से पूछताछ करना, उनके फिंगर प्रिंट लेना, यह सब भी उत्पीड़न में ही आता है।
संयुक्त राष्ट्र और ह्युमन राइट्स काउंसिल की रिपोर्ट कहती है कि एक-एक प्रवासी के बारे में बिना विश्लेषण किए उन्हें डिपोर्ट कर देना गलत है। अगर यह वैश्विक समझौतें के जरिए भी किया जा रहा है, कूटनीतिक आश्वासन के बाद भी किया जा रहा है, 'पुशबैक' या 'पुलबैक' जैसे ऑपरेशन के नाम पर भी किया जा रहा है, तो भी यह गलत है। संयुक्त राष्ट्र का मानना है कि पक्षपात, भेदभाव और अपराधीकरण के नाम पर किया जाने वाला डिपोर्टेशन भी अवैध है।
अमेरिका में कितने हैं अवैध प्रवासी? PEW रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में 1 करोड़ से ज्यादा अवैध प्रवासी हैं। इमिग्रेशन एंड कस्टम्स इन्फोर्समेट (ICE) अमेरिका में 15 लाख से ज्यादा अवैध प्रवासियों की लिस्ट तैयार की है। अमेरिका में सबसे ज्यादा अवैध प्रवासी मेक्सिको से आते हैं। मैक्सिको से करीब 41 लाख प्रवासी आते हैं। एल सल्वाडोर के अवैध प्रवासियों की संख्या 8 लाख और भारत के अवैध प्रवासियों की संख्या 7 लाख है ग्वाटेमाला के 7 लाख लोग अवैध तरीके से अमेरिका में रहते हैं, वहीं होंडुरास के 5.5 लाख लोग अवैध तरीके से अमेरिका में रहते हैं।