भारत और पाकिस्तान के बीच 2025 में अप्रैल में हुए पहलगाम हमले के बाद कई दिनों तक संघर्ष चला था। ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को हार मिली लेकिन फिर भी पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आता। अमेरिका के प्रमुख थिंक टैंक काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस (CFR) की ताजा रिपोर्ट ने साउथ एशिया में युद्ध की आशंका जताई है। थिंक टैंक ने अपनी ‘कॉन्फ्लिक्ट्स टू वॉच इन 2026’ नाम की रिपोर्ट में कहा है कि बढ़ती आतंकी गतिविधियों के चलते भारत और पाकिस्तान के बीच फिर से युद्ध होने की संभावना है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस युद्ध से अमेरिका के हितों पर भी असर पड़ सकता है।
अमेरिकी थिंकटैंक की रिपोर्ट में भारत पाकिस्तान के बीच संघर्ष की संभावना को 'मध्यम' बताया गया है। साथ ही इस संभावित संघर्ष की वजह से अमेरिकी हितों पर असर की संभावना को भी मध्यम श्रेणी में रखा गया है। इस रिपोर्ट में अमेरिकी थिंकटैंक ने उन देशों और परिस्थितियों का आकलन किया है, जहां 2026 में युद्ध होने की संभावना है। इस रिपोर्ट में भारत पाकिस्तान के बीच युद्ध की मध्यम संभावना जताई गई है और आतंकवाद को इसकी वजह बताया गया है लेकिन इस बारे में विस्तार से जानकारी नहीं दी गई है।
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पाकिस्तान-अफगानिस्तान युद्ध भी संभव
इस रिपोर्ट में साउथ एशिया में अशांति की बात कही गई है। 2025 में पाकिस्तान ने पहले भारत से पंगा लिया और फिर अफगानिस्तान से। दोनों पड़ोसी देशों के साथ पाकिस्तान के संबंध अच्छे नहीं है और रिपोर्ट में भी दावा किया गया है कि 2026 में पाकिस्तान को फिर से अफगानिस्तान से संघर्ष करना पड़ सकता है। सीएफआर की रिपोर्ट में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच युद्ध की मध्यम संभावना जताई गई है। इसके पीछे की वजह बताई गई है सीमा पार से बढ़ते उग्रवादी हमलों को। अक्तूबर 2025 में पाकिस्तान और तालिबान के बीच काफी तनातनी हो गई थी। दोनों तरफ से काफी गोलीबारी हुई थी और अफगानिस्तान ने पाकिस्तान पर काबुल में बमबारी करने का आरोप लगाया था। वहीं, इस्लामाबाद का कहना था कि तालिबान ने उस पर हमला करने वाले आतंकियों को शरण दे रखी है। इसके बाद से अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच संबंधों पर गहरा असर पड़ा था।
भारत में सक्रिय आतंकवादी
भारत और पाकिस्तान के बीच आतंकवाद एक बड़ा मुद्दा है और आतंकी हमले के कारण ही 2025 में संघर्ष हुआ था। भारत ने पाकिस्तान में स्थित आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया था। इस रिपोर्ट में भी संघर्ष के पीछे आतंकवाद को मुख्य वजह माना गया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि अभी जम्मू-कश्मीर में कोई बड़ा आतंकी हमला नहीं हुआ लेकिन खुफिया जानकारी से पता चलता है कि भीषण सर्दी में जम्मू क्षेत्र में 30 से ज्यादा पाकिस्तानी आतंकवादी सक्रिय हैं। रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि दोनों देशों ने रक्षा तैयारियों और हथियारों की खरीद में काफी तेजी लाई है।
क्या है CFR?
अमेरिका के प्रमुख थिंक टैंक काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस इन शॉर्ट CFR की स्थापना 1921 में हुई है। इसे अमेरिका का सबसे प्रभावशाली थिंक टैंक माना जाता है। इसमें पूर्व राजनयिक, सैन्य अधिकारी, शिक्षाविद और नीति विशेषज्ञ शामिल हैं। इसके विश्लेषण और सिफारिशों पर अमेरिकी सरकार, व्हाइट हाउस, अमेरिकी कांग्रेस और अमेरिकी नीति निर्माता बारीकी से नजर रखते हैं। इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार कई अहम फैसले भी लेती है। इसलिए यह रिपोर्ट बहुत महत्तवपूर्ण हो जाती है।
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इस साल हुआ था संघर्ष
पाकिस्तानी आतंकवादियों ने कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को 26 टूरिस्टों को बेरहमी से मार दिया था। इस हमले से भारत में एक बार फिर पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा उभाल खाने लगा और इसका जवाब भी दिया गया। भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू कर पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में 9 आतंकी ठिकनों को धवस्त कर दिया था। इसके बाद पाकिस्तान ने भी जवाबी हमला किया। इस दौरान एक दूसरे की तरफ ड्रोन और मिसाइलें दागी गई थीं। इस संघर्ष में पाकिस्तान लगातार पिछड़ता गया, जिसके बाद 10 मई को संघर्ष विराम के लिए पाकिस्तान ने भारतीय अधिकारियों से संपर्क किया। भारत ने पाकिस्तान के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया और दोनों देशों के बीच युद्ध विराम हो गया।