ऑपरेशन सिंदूर आज भी पाकिस्तान में डर पैदा कर रहा है, जिसकी वजह से पड़ोसी देश इसके बारे में चर्चा कर रहा है। दरअसल, शनिवार को पाकिस्तान ने एक बार फिर बचाव की मुद्रा में आते हुए सार्वजनिक तौर पर माना कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के हमले का असर एक जरूरी मिलिट्री ठिकाने हुआ था, जबकि पाकिस्तान पहले ऐसे किसी भी नुकसान से इनकार करता रहा है।
यह कबूलनामा किसी और ने नहीं बल्कि पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने किया है। इशाक डार ने शनिवार को एक प्रेस ब्रीफिंग में इस बात पर मुहर लरगाते हुए कहा कि भारत ने रावलपिंडी के चकलाला इलाके में नूर खान एयर बेस को निशाना बनाया था। डार ने माना कि हमले से इस एयर बेस को नुकसान हुआ और वहां तैनात कई लोग घायल हुए थे।
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इशाक डार ने क्या कहा?
मीडिया से बात करते हुए इशाक डार ने कहा कि भारत ने बहुत कम समय में पाकिस्तानी इलाके में कई ड्रोन हमले किए। इन हमलों भारत के ऑपरेशन का स्तर पता चलता है। उन्होंने दावा किया, 'उन्होंने (भारत) पाकिस्तान की तरफ ड्रोन भेजे। 36 घंटों में, कम से कम 80 ड्रोन भेजे गए... हम 80 में से 79 ड्रोन को इंटरसेप्ट कर पाए और सिर्फ एक ड्रोन ने एयर बेस ठिकाने को नुकसान पहुंचाया और हमले में लोग भी घायल हुए।'
विदेश मंत्री ने हमलों के बाद की घटनाओं के बारे में बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व में पाकिस्तान सरकार और मिलिट्री लीडरशिप ने बदलते हालात पर प्रतिक्रिया देने के लिए 9 मई की रात को एक इमरजेंसी मीटिंग की।
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भारत ने गलती की?
साथ ही इशाक डार ने कबूल किया है कि भारत ने 10 मई की सुबह नूर खान वायुसेना बेस पर हमला किया था। उन्होंने कहा कि भारत ने सुबह नूर खान एयर बेस पर हमला करके 'गलती की'। हालांकि, यह दोनों देशों के बीच चार दिनों तक चले सशस्त्र संघर्ष के आठ महीने बाद पहली बार है जब पाकिस्तान ने यह स्वीकार किया है। डार ने यह भी कहा कि मई में हुए संघर्ष के दौरान इस्लामाबाद ने पाकिस्तान और भारत के बीच मध्यस्थता का अनुरोध नहीं किया था।
अमेरिका ने क्या भूमिका निभाई
विदेश मंत्री डार ने बताया कि 10 मई को सुबह करीब 8:17 बजे अमेरिकी विदेश मंत्री रूबियो ने उन्हें फोन किया और कहा कि भारत युद्धविराम के लिए तैयार है और पूछा कि क्या पाकिस्तान सहमत होगा। उन्होंने कहा, 'मैंने कहा कि हम कभी युद्ध नहीं चाहते थे।' डार ने कहा कि सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल ने बाद में उनसे संपर्क कर भारत से बात करने की अनुमति मांगी और बाद में पुष्टि की कि युद्धविराम पर सहमति हो गई है।
इशाक डार ने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान ने सात मई के हवाई संघर्ष के दौरान सात भारतीय जेट विमानों को मार गिराया था। लेकिन उन्होंने अपने दावों के समर्थन में कोई सबूत नहीं दिया। उन्होंने पाकिस्तान के इस रुख को दोहराया कि क्षेत्र में स्थायी शांति जम्मू और कश्मीर विवाद के समाधान से जुड़ी हुई है।