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'बहुत महंगा पड़ेगा', तालिबानी मंत्री ने पाकिस्तान को दी चेतावनी

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तालिबानी मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी ने धमकाते हुए कहा है कि अगर वह कुछ करता है तो उसे बहुत महंगा पड़ेगा।

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तालिबानी मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी। (Photo Credit: X@moiafghanistan)

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीजफायर भले ही हो गया हो लेकिन तनाव अब भी बना हुआ है। अफगानिस्तान की तालिबान सरकार में गृह मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी ने पाकिस्तान को चेतवानी दी है कि अगर वह अपनी समस्याएं अफगानिस्तान में लाता है और यहां अशांति फैलाता है तो यह गलती उसे बहुत भारी पड़ेगी। उन्होंने पाकिस्तान पर अपनी अंदरूनी समस्याएं अफगानिस्तान में लाने और यहां अशांति फैलाने का आरोप लगाया है। 


पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच इसी महीने जबरदस्त तनाव हो गया था। पाकिस्तान की सेना ने अफगानिस्तान में एयरस्ट्राइक की थी। इसके जवाब में तालिबान सरकार ने भी पाकिस्तान पर हमला कर दिया था। बाद में कतर की मध्यस्थता नें दोनों के बीच सीजफायर समझौता हो गया था।


अब सिराजुद्दीन हक्कानी ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा, 'अफगानियों की अपनी अंदरूनी परेशानियां हो सकती हैं लेकिन वे विदेशी आक्रमण के खिलाफ एकजुट हैं।' उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा, 'अगर आप अपनी समस्याएं अफगानिस्तान में लाएंगे और यहां अशांति फैलाएं तो यह गलती आपको बहुत भारी पड़ेगी।'

 

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'हमारे सब्र का इम्तेहान न लें'

तालिबान की सरकार में सिराजुद्दीन हक्कानी ताकतवर नेताओं में से एक है। उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए यह कहा कि वह उनके सब्र की इम्तेहान नहीं लेना चाहिए।


उन्होंने कहा, 'हमारे पास लंबी दूरी की मिसाइलें या शक्तिशाली हथियार नहीं हैं लेकिन हमारा संकल्प और दृढञ निश्चय मजबूत है। अगर हमारे सब्र का इम्तेहान फिर से लिया गया तो इसका जवाब विनाशकारी होगा।'

 

 

हक्कानी ने यह भी कहा कि पाकिस्तान को अपनी समस्याओं का हल खुद करना चाहिए। उन्होंने कहा, 'हमने बार-बार पाकिस्तान से कहा है कि वह अपनी समस्याओं को समाधान खुद करे। उसे किसी दूसरे देश से उम्मीद नहीं रखनी चाहिए।'


उन्होंने दावा किया कि उनकी वजह से कभी अशांति नहीं फैलेगी। उन्होंने कहा, 'हमारी वजह से किसी को कभी समस्या नहीं होगी।' उन्होंने चेतावनी दी कि उकसावे वाली कोई भी हरकत क्षेत्रीय संतुलन को बिगाड़ सकता है। हक्कानी ने कहा, 'अगर हम इन मुद्दों पर कानूनी तरीकें से सोचें तो न तो पाकिस्तान वही पाकिस्तान रहेगा और न ही ग्रेटर अफगानिस्तान अपने वादों पर खरा उतर पाएगा।'

 

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इस महीने हुई थी जबरदस्त लड़ाई

अफगानिस्तान और अफगानिस्तान के बीच इस महीने की शुरुआत में जबरदस्त लड़ाई हो गई थी। 9-10 अक्टूबर की रात को पाकिस्तानी सेना ने काबुल, खोस्त, जलालाबाद और पक्तिका में हवाई हमला कर दिया था। 


जवाब में अफगानी सेना ने भी हमला किया। अफगानिस्तान ने अपने हमलों में पाकिस्तानी सेना के 58 सैनिकों के मारे जाने का दावा किया। हालांकि, पाकिस्तान ने दावा किया कि हमलों में 23 सैनिक मारे गए हैं। उसने यह भी दावा किया कि उसके हमलों में तालिबान और उससे जुड़े 200 से ज्यादा आतंकी को मार गिराया है।


पाकिस्तान आरोप लगाता है कि अफगानिस्तान की सरजमीं में बैठे आतंकी उसे निशाना बनाते रहते हैं। पाकिस्तान का आरोप है कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) आतंकियों ने अफगानिस्तान में पनाह ली हुई है और वहां से पाकिस्तानी सेना को निशाना बनाया जाता है। हालांकि, तालिबान सरकार इसे खारिज करती है।


पाकिस्तान ने दावा किया था कि उसके हमलों में आतंकी मारे गए हैं। हालांकि, तालिबान का कहना था कि यह हमले नागरिक ठिकानों पर किए गए, जिनमें आम नागरिक मारे गए हैं। लगभग 10 दिन तक चले संघर्ष के बाद 18 अक्टूबर को कतर की मध्यस्थता में दोनों के बीच सीजफायर हो गया था।

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