तुर्की के इस्तांबुल में होने वाली रूस और यूक्रेन की बातचीत पर संकट के बादल गहराने लगे हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने साफ कर दिया है कि वह बातचीत की टेबल पर तभी आएंगे, जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन मौजूद रहेंगे। यूक्रेन के साथ बातचीत का यह प्रस्ताव पुतिन की तरफ से ही आया था। हालांकि, अब तक साफ नहीं है कि इस बातचीत में पुतिन शामिल होंगे या नहीं। वहीं, जेलेंस्की ने भी कह दिया है कि वे पुतिन के अलावा और किसी रूसी अधिकारी से बात नहीं करेंगे।
दरअसल, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रविवार को कहा था कि वे यूक्रेन के साथ तुरंत बातचीत करना चाहते हैं। रूस और यूक्रेन की यह बातचीत 15 मई को तुर्की के इस्तांबुल में होने वाली है।
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पुतिन आएंगे या नहीं?
हालांकि, रूस के राष्ट्रपति भवन क्रेमलिन की ओर से अब तक इस बात की पुष्टि नहीं की गई है कि इस बातचीत में पुतिन शामिल होंगे या नहीं? क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि सही समय आने पर पुतिन खुद अपने फैसला बता देंगे। पेस्कोव ने कहा, 'जैसे ही राष्ट्रपति को जरूरी लगेगा, हम घोषणा कर देंगे।'
इस बातचीत में अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो भी मौजूद रहेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सऊदी अरब में कहा, 'इस हफ्ते तुर्की में बातचीत होने जा रही है और उम्मीद है कि इससे अच्छे नतीजे सामने आ सकते हैं।'
पुतिन ने भले ही खुद इस बातचीत का प्रस्ताव रखा हो लेकिन उन्होंने जेलेंस्की की तरफ से रखे गए 30 दिन के सीजफायर के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था।
रूस के उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने सरकारी न्यूज एजेंसी TASS से कहा, 'हमारे प्रतिनिधि इस बैठक के लिए तैयार हैं।'
अमेरिकी न्यूज चैनल CNN ने यूरोप के राजनयिक सूत्रों के हवाले से बताया कि इस्तांबुल में होने जा रही इस बैठक में पुतिन के आने की उम्मीद बहुत कम है।

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बात करने से डरते हैं पुतिनः जेलेंस्की
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की बातचीत के लिए तो तैयार हैं लेकिन सिर्फ पुतिन के साथ। जेलेंस्की ने कहा कि वे पुतिन के अलावा और किसी रूसी अधिकारी से बातचीत नहीं करेंगे क्योंकि रूस में सबकुछ पुतिन पर निर्भर है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए जेलेंस्की ने कहा, 'मैं तुर्की में पुतिन से मिलने के लिए तैयार हूं और इस जंग का अंत उनके साथ सीधी बातचीत के माध्यम से होगा।' जेलेंस्की ने कहा, 'हम युद्ध की शुरुआत से लेकर अंत तक सहमत होना चाहते हैं।' उन्होंने दावा करते हुए कहा, 'पुतिन सीधी बातचीत करने से डरते हैं।'
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क्या ट्रंप भी होंगे शामिल?
जेलेंस्की ने अपील करते हुए कहा कि अगर बातचीत बेनतीजा रहती है तो रूस पर और कड़े प्रतिबंध लगाए जाएं। जेलेंस्की ने इस बातचीत में ट्रंप को आने का भी न्योता दिया है। हालांकि, ट्रंप के आने का फैसला भी पुतिन पर निर्भर करता है।
फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में अमेरिकी डिप्लोमैट कीथ केलॉग ने कहा था, 'हम उम्मीद कर रहे हैं कि राष्ट्रपति पुतिन भी आएंगे और फिर राष्ट्रपति ट्रंप भी वहां होंगे। यह एक अविश्वनीय बैठक हो सकती है। मुझे पूरा भरोसा है कि अगर तीनों नेता बैठकर बात करें तो हम बहुत जल्दी शांति पा सकते हैं।'
बताया जा रहा है कि इस्तांबुल में होने वाली इस बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ स्टीव विटकॉफ और कीथ केलॉग भी मौजूद रह सकते हैं।