अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जवाब में अरब मुल्क गाजा को लेकर नया प्लान लेकर आए हैं। इस प्लान को मिस्र ने तैयार किया है, जिसे अरब के नेताओं ने मंजूरी दे दी है। इस प्लान को अगले हफ्ते OIC में पेश किया जाएगा।
मिस्र के विदेश मंत्री बद्र अब्देलात्ती ने बताया कि 7 मार्च को जेद्दाह में होने वाली ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (OIC) की बैठक में इस प्लान को पेश किया जाएगा। OIC में 57 मुस्लिम देश हैं, जिसमें से 22 अरब मुल्क हैं।
मिस्र का ये प्लान ट्रंप के उस प्लान के जवाब में आया है, जिसमें उन्हें गाजा को 'मिडिल ईस्ट का रिवेरा' यानी सबसे खूबसूरत जगह बनाने की बात कही थी। ट्रंप ने कुछ हफ्तों पहले कहा था कि अमेरिका गाजा पर कब्जा करेगा और वहां रिजॉर्ट सिटी बसाएगा। इससे गाजा के लोगों को नौकरियां और घर मिलेंगे।
अब मिस्र ने गाजा के पुनर्निर्माण के लिए 53 अरब डॉलर (करीब 4.61 लाख करोड़ रुपये) का प्लान तैयार किया है। इसके तहत गाजा को फिर से पहले की तरह बसाया जाएगा, ताकि 20 लाख फिलिस्तीनी आराम से रह सकें।
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क्या है मिस्र का गाजा प्लान?
मिस्र ने जो गाजा के लिए प्लान तैयार किया है, उसके मुताबिक इसे दो फेज में लागू किया जाएगा। पहला फेज 6 महीने का होगा जबकि दूसरा फेज 4 से 5 साल का होगा। मिस्र ने 112 पन्नों में अपना प्लान तैयार किया है। इसके तहत, फिलिस्तीनियों को बगैर कहीं और बसाए 2030 तक गाजा का पुनर्निर्माण किया जाएगा।
प्लान के मुताबिक, पहले फेज में गाजा की सलाह अल-दीन सड़क से मलबे को हटाया जाएगा। यही सड़क गाजा को उत्तर से दक्षिण तक जोड़ती है। सड़क साफ होने के बाद इसके किनारे पर 2 लाख अस्थायी घर बनाए जाएंगे, जिनमें 12 लाख लोग रहेंगे। साथ ही साथ 60 हजार से ज्यादा इमारतों की मरम्मत की जाएगी।
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दूसरे फेज में क्या-क्या होगा?
मिस्र के प्लान के तहत दूसरा फेज 4 से 5 साल तक चलेगा। इस फेज में 4 लाख स्थायी घर बनाए जाएंगे। इसके साथ ही गाजा के बंदरगाह और इंटरनेशनल एयरपोर्ट को भी नए सिरे से तैयार किया जाएगा।
इसके अलावा, गाजा में वेस्ट सिस्टम, पानी, बिजली और टेलीकॉम जैसे बुनियादी सुविधाओं को दुरुस्त किया जाएगा। विदेशी फँड भी जुटाया जाएगा ताकि गाजा पट्टी को अच्छी तरह से पुनर्निर्मित किया जा सके।
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अमेरिका-इजरायल ने क्या कहा?
अमेरिका और इजरायल, दोनों ने ही मिस्र के इस प्लान को खारिज कर दिया है। व्हाइट हाउस की नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की प्रवक्ता ब्रायन ह्यूजेस ने इसे अव्यवहारिक बताते हुए खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, 'गाजा में मलबा ही मलबा है, बारूद का ढेर है, फिलिस्तीनी वहां रह नहीं सकते हैं।'
इजरायल के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ओरेन मार्मोरस्टीन ने कहा कि मिस्र का प्लान 'वास्तविकता' से मेल नहीं खाता है। उन्होंने कहा, मिस्र ने अपने प्लान में 7 अक्टूबर 2023 को हुए हमास के हमले का जिक्र नहीं किया है, जिसने इस जंग की शुरुआत की थी। उन्होंने फिलिस्तीनियों को गाजा की बजाय दूसरी जगह बसाने की बात दोहराई।
वहीं, अरब मुल्कों ने मिस्र के इस प्लान का स्वागत किया है। अरब लीग के प्रमुख अहमद अबुल घीत ने कहा कि 'गाजा के लोगों को यहां से नहीं हटाया जाएगा। हमने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। मिस्र का प्लान गाजा में नए सुरक्षा और राजनीतिक संदर्भ का नया रास्ता बनाता है।'
संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि इस युद्ध ने गाजा को 69 साल पीछे धकेल दिया है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, गाजा पट्टी से पूरी तरह से मलबा हटाने में कम से कम 21 साल लग सकते हैं। इस पर 1.2 अरब डॉलर का खर्च आएगा। संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि इजरायली हमले ने गाजा की 90 फीसदी इमारतों को तबाह कर दिया है।