किशमिश सेहत के लिए फायदेमंद होती है। यह एक ऐसा चीज है जो हमारे घरों की किचन में आसानी से मिल जाती हैं। किशमिश का इस्तेमाल खीर, स्मूदी समेत अन्य मिठाइयों को बनाने के लिए किया जाता है। इसमें फाइबर, आयरन, पोटेशियम और पॉवरफुल एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। मार्केट में दो तरह की किशमिश मिलती हैं। एक काली और दूसरी पीले रंग की होती है। दोनों में से कौन सी ज्यादा फायदेमंद है? आइए जानते हैं।
स्टडी के मुताबिक किशमिश बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है, ब्लड प्रेशर को बेहतर करता है और खून में शुगर के लेवल को नियंत्रित रखता है। Journal Of Nutrition and Health में यह स्टडी पब्लिश हुई है जिसमें बताया गया कि किशमिश दिल के बहुत फायदेमंद होता है। दोनों ही किशमिश हृदय के लिए अच्छी है। हालांकि दोनों काम अलग होता है। काली किशमिश में एंटी ऑक्सीडेंट और आयरन की भरपूर मात्रा होती है जबकि पीली वाली खाने में ज्यादा नरम और स्वादिष्ट होती है।
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हृदय के लिए कौन सा ज्यादा फायदेमंद है?
काली किशमिश को धूप में सुखाया जाता है जिस कारण से उसमें ज्यादा मात्रा में आयरन और एंथोसाइनिन होता है। इसके काले रंग का कारण एंटी ऑक्सीडेंट का लेवल ज्यादा होना होता है। वहीं, पीले रंग की किशमिश को सल्फर डाइऑक्साइड के साथ मिलाकर बनाया जाता है ताकि लंबे समय तक इस्तेमाल हो सकें। इसी वजह से पीली किशमिश ज्यादा मीठी और सॉफ्ट होती है। हालांकि काली किशमिश में ज्यादा पोषक तत्व मौजूद होते हैं।
काली किशमिश में आयरन की मात्रा ज्यादा होती है जिस वजह से हीमोग्लोबिन को सपोर्ट करता है। इसमें मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करता है। काली किशमिश की तुलना में पीली वाली में एंटी ऑक्सीडेंट की मात्रा कम होती है। हालांकि यह नेचुरल शुगर है।
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पेट के लिए कौन सा ज्यादा अच्छा है?
दोनों तरह के किशमिश में फाइबर की भरपूर मात्रा होती है। Journal Of Nutrition and Health के मुताबिक किशमिश का सेवन पेट के लिए अच्छा होता है। यह पेट में गुड बैक्टीरिया को बढ़ाने का काम करता है। काली किशमिश में इन सॉल्यूबल फाइबर होता है जो कब्ज की समस्या से राहत दिलाता है। जबकि पीली किशमिश में सॉल्यूबल फाइबर होता है जो पाचन को बेहतर करता है और ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है। पाचन को बेहतर करने के लिए दोनों किशमिश को मिलाकर खाना चाहिए।
ज्यादा खाने से होने वाले नुकसान
अगर आप किशमिश को ज्यादा मात्रा में खाते हैं तो शरीर में शुगर का लेवल और मोटापा बढ़ता है। जिन लोगों को सल्फाइट्स से दिक्कत है उन्हें इसके सेवन से परहेज करना चाहिए। अधिक मात्रा में खाने से दांतों में कैविटी की समस्या हो सकती है।