हम सभी जानते हैं कि चीनी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है। चीनी के अधिक सेवन से मोटापा, डायबिटीज समेत कई गंभीर बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। क्या आप जानते हैं कि चीनी का सेवन आपके मस्तिष्क पर भी प्रभाव डालता है। कई स्टडी में भी इस बात की पुष्टि हुई हैं कि चीनी का अधिक सेवन दिमाग के लिए नुकसादायक है। Science Direct में छपी रिपोर्ट के मुताबिक चीनी के अधिक सेवन से डिमेंशिया जैसी बीमारी का खतरा बढ़ा सकता है। हमने इस बारे में जयपुर, न्यूट्रीप्लस की डायरेक्टर और सीनियर क्लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट डॉक्टर अंजलि फाटक से बात की।
चीनी के सेवन की वजह से दिनभर थकान महसूस होती है। साथ ही दिमाग की कोशिकाओं को भी प्रभावित करता है। अगर आप चीनी का सेवन कम करते हैं तो आप अलर्ट रहते हैं, मेमोरी बूस्ट होती है। जबकि जो लोग अधिक चीनी का सेवन करते हैं उन्हें थकान, आलसपन, काम में मन न लगना, याददाश्त, एंजाइटी और इरिटेशन की समस्या से परेशान रहते हैं। इन लोगों का मूड एक दम से अच्छा हो जाता है एक दम से चिढ़ जाते हैं।, सीनियर क्लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट डॉक्टर अंजलि फाटक
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शुगर की क्रेविंग को कैसे करें कम?
आप रिफाइंड शुगर की जगह पर अपनी डाइट में साबूत अनाज, ब्राउन राइस, ओट्स आदि का सेवन करें। जब भी आपका कुछ मीठा खाने का मन करें तो किशमिश, नट्स और ताजे फलों का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा डाइट में फाइबर, हेल्दी फाइट्स और प्रोटीन वाली चीजों का सेवन करें।
हेल्दी स्नैक्स में आप फ्रूट चार्ट, स्प्राउट्स, मखाना आदि शामिल कर सकते हैं।
आपके शरीर में जितना अच्छा प्रोटीन का लेवल रहेगा उतना ही शुगर की क्रेविंग कम होगी इसीलिए आपका मिड मॉर्निंग लंच हो, ब्रेकफास्ट या डिनर हो उसमें प्रोटीन की मात्रा अच्छी रहनी चाहिए जो शुगर के लेवल को मेंटेन करने का काम करेगा।
भरपूर मात्रा में पानी पिएं- अगर आप अच्छे से पानी नहीं पीते हैं तो आपको मीठे की क्रेविंग ज्यादा होती है क्योंकि बॉडी के सेल्स से भूखे रहते हैं। भूखे रहने पर हम उन चीजों को खाना चाहते हैं जिसे हमें तुरंत शांति मिले।
माइंडफुल इटिंग करें- इसका मतलब यह नहीं है कि आपको चीनी बिल्कुल नहीं खाना है। आपको खाते समय इस बात का ध्यान रखना है कि आप किस चीज को कितनी मात्रा में खा रहे हो?
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हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करें
शरीर में विटामिन बी 12 और डी की कमी की वजह से भी शुगर खाने की क्रेविंग होती है। ये दोनों विटामिन्स दिमाग के न्यूरोट्रांसमीटर सेल्स के लिए जरूरी है इसलिए जरूरी है कि शरीर में ये दोनों चीजें पर्याप्त मात्रा में हो।
इसके अलावा दिमाग फोकस के साथ काम करें। इसके लिए जरूरी है कि आप हेल्दी लाइफस्टाइल को फॉलो करें। खासतौर से जो लोग रात को देर तक काम करते या सोते हैं उन्हें शुगर की क्रेविंग सबसे ज्यादा होती है क्योंकि घ्रेलिन हार्मोन संतुष्ट नहीं होता है। घ्रेलिन हार्मोन भूख को कंट्रोल करता है और दिमाग को बताता है कि पेट भर गया है।