भारत में 8 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित है। भारत को डायबिटीज की राजधानी भी कहा जाता है। डायबिटीज को मधुमह कहते हैं। इस बीमारी में शरीर सही तरीके से इंसुलिन नहीं बना पाता है जिस वजह से ब्लड में ग्लूकोज का लेवल हाई हो जाता है। इस बीमारी का मुख्य कारण अनहेल्दी लाइफस्टाइल है। डायबिटीज दो तरह की होती है टाइप 1 और टाइप 2। टाइप 2 डायबिटीज आम है। ब्लड में शुगर के लेवल को नियंत्रित रखने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव करने की जरूरत होती है।
कभी कभी सिर्फ 10 मिनट काफी होते हैं। 10- 10-10 एक आसान रूल है जो वैज्ञानिक तौर पर पूरी तरह से प्रमाणित है जिसे आप रोजमर्रा की जिंदगी में शामिल कर सकते हैं। 10 मिनट का खाने से पहले सोचें, खाने के बाद 10 मिनट के लिए टहले और खाने के बाद 10 मिनट का आत्म चिंतन करें। ये छोटे छोटे कदम आपकी सेहत में बदलाव ला सकते हैं। आपकी यह आदत ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करती है। यह बात वैज्ञानिक शोधों में साबित हुई है।
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खाने से लगभग 10 मिनट पहले रुके
डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति को खाने से 10 मिनट पहले रुकना चाहिए। इस दौरान कुछ जरूरी काम करें।
कैपिलरी ब्लड ग्लूकोज लेवल की जांच करना- यह चीज खासकर उन लोगों को करनी चाहिए जो इंसुलिन लेते हैं या ऐसी दवाएं लेते हैं जिसमें हाइपग्लाइसीमिया (ब्लड शुगर का अचानक गिरना) हो सकता है।
एक गिलास पानी पिएं- खाने से पहले एक गिलास पानी पिएं ताकि पेट लंबे समय तक भरा हुआ महसूस करता है।
गहरी सांस लेने वाले व्यायाम करें- इन व्यायामों को करने से तनाव कम होता है और मन शांत रहता है।
नेशनल लाइब्रेरी मेडिसिन के मुताबिक डायबिटीज से पीड़ित मरीजों को कैपिलरी ब्लड ग्लूकोज टेस्टिंग (ब्लड शुगर) की जांच करवाने की सलाह दी जाती है। यह टेस्ट खाना खाने से पहले और सोने से पहले किया जाता है। हालांकि किसी भी तरह के टेस्ट को बिना अपने डॉक्टर की सलाह के ना करें।
खाने के 10 मिनट बाद टहलना
एक क्रॉसओवर स्टडी में बताया गया कि डायबिटीज के मरीज को खाना खाने के बाद 10 मिनट के लिए चलना चाहिए। यह स्टडी Diabetologia में प्रकाशित हुई है। डायबिटीज के मरीज को नाश्ता, दोपहर और रात का खाना खाने के बाद 10 मिनट तक टहलना चाहिए। यह तरीका किसी एक समय 30 मिनट के वॉक से ज्यादा प्रभावी होता है। खासतौर से रात के समय में खाना खाने के 10 मिनट तक जरूर वॉक करना चाहिए क्योंकि उस समय हम शारीरिक व्यायाम बिल्कुल नहीं करते हैं।
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10 मिनट का आत्म चिंतन करें
ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में एक प्रभावी तरीका साबित हो सकता है। क्लीनिकल रिसर्च में भी इस तरीके को कारगर माना गया है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के जर्नल में प्रकाशित शोध में बताया गया कि ब्लड शुगर को सिर्फ दवाओं से ही नहीं रोजमर्रा की आदतों के जरिए भी नियंत्रित किया जा सकता है।
- नियमित रूप से ब्लड ग्लूकोज की जांच करना।
- संतुलित आहार लें।
- फिजिकल एक्टिविटी करें।
- तनाव ना लें।
ये सभी चीजें सुनने में आसान लगती है लेकिन ज्यादातर लोग इन चीजों को करने में असफल रहते हैं। इसके पीछे मोटिवेशन की कमी, समाज या परिवार का सहयोग ना मिलना, समय या संसाधनों की कमी हो सकती है।