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वजन बढ़ने का डर है इस बीमारी का संकेत, मामूली बात समझने की गलती न करें

जरूरत से ज्यादा डाइटिंग सेहत के लिए बेहद खतरनाक है। आज हम आपको कुछ ईटिंग डिसऑर्डर के बारे में बता रहे हैं जो आपकी हड्डियों से लेकर प्रजनन तंत्र को प्रभावित करता है।

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प्रतीकात्मक तस्वीर, Photo Credit: Freepik

संतुलित और पौष्टिक आहार स्वस्थ्य सेहत की कुंजी है। हमारी खाने पीने की आदत हमारे सेहत पर सबसे ज्यादा प्रभाव डालती है। क्या आप जानते हैं बहुत कम खाना और बहुत अधिक खाना, ये दोनों आदतें ही एक प्रकार का ईटिंग डिसऑर्डर है। इस लिस्ट में एनोरेक्सिया, मेनोरेक्सिया और बुलिमिया का नाम शामिल है। हम आपको ईटिंग डिसऑर्डर के बारे में बता रहे हैं जिसकी वजह से विभिन्न प्रकार की बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है।

 

एनोरेक्सिया एक प्रकार का ईटिंग डिसआर्डर है जिसमें व्यक्ति वजन बढ़ने के डर से खाना-पीना छोड़ देता है। यह बीमारी सेहत के लिए बेहद खतरनाक है। इस बीमारी से पीड़ित लोग सही मात्रा में खाना नहीं खाते हैं। इस बीमारी की वजह से महिलाओं में एनीमिया की सबसे ज्यादा दिक्कत होती हैं, त्वचा में पीलेपन छा जाता है, बाल झड़ने लगते हैं और पाचन संबंधी परेशानियां होने लगती हैं। हाल ही में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने एनोरेक्सिया से ज्यादा खतरनाक मेनोरेक्सिया को बताया है।

 

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क्या होता है मेनोरेक्सिया?

इस बीमारी में व्यक्ति इतना कम खाना खाने लगता है जिसकी वजह से प्रजनन तंत्र अस्थायी रूप से बंद हो जाता है और पीरियड्स आने भी बंद हो जाते हैं। इस शब्द का इस्तेमाल डॉक्टर इस परिस्थिति के बारे में बताने के लिए करते हैं। जरूरत से ज्यादा डाइटिंग, सही मात्रा में खाना नहीं खाने से महिलाओं में पीरियड्स बंद हो जाता है या अनियमित हो जाता है।

शरीर के लिए कैसे है हानिकारक?

हार्मोनल इंबैलेंस- जब शरीर बहुत ज्यादा देर तक डाइटिंग पर रहता है तब शरीर में रिपोर्डक्टिव हार्मोन का प्रोडक्शन बहुत कम हो जाता है। इस वजह से ओव्यूलेशन और पीरियड्स पर प्रभाव पड़ता है। धीरे -धीरे शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन का लेवल कम हो जाता है।

 

हड्डियां प्रभावित होती है- एस्ट्रोजन हार्मोन हमारी हड्डियों के लिए बहुत जरूरी होता है। एस्ट्रोजन का लेवल कम होने से बोन डेंसिटी कम होती है जिससे फ्रैक्चर होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा मेटाबॉल्जिम पर भी प्रभाव पड़ता है।

 

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मेनोरेक्सिया के लक्षण

  • अनियमित रूप से पीरियड्स आना
  • खान खाते समय कैलोरी पर ध्यान देना, फूड लेबल को पढ़ना, खाने की मात्रा पर अधिक ध्यान देना।
  • अचानक से वजन घटना, बाल पतले होना, त्वचा में रूखापन, ब्लोटिंग, कब्ज आदि की समस्या होती है।
  • वजन बढ़ने का डर

बुलिमिया

बुलिमिया भी एक प्रकार का ईटिंग डिसऑर्डर है जिसमें व्यक्ति जरूरत से ज्यादा खाना खाता है और फिर उसी खाने को शरीर से निकालने के लिए उल्टी करता है। यह जानलेवा भी हो सकता है। बुलिमिया से पीड़ित व्यक्ति को हर समय अपने वजन की चिंता सताती है और वजन कम करने के लिए जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज करता है। अगर आपको इस प्रकार के लक्षण दिखते हैं तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। इन लक्षणों को सामान्य बात समझने की गलती न करें।

 

Disclaimer: यह आर्टिकल इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारियों पर आधारित है। विस्तृत जानकारी के लिए आप अपने किसी डॉक्टर की सलाह लें।

 

 

 

 

 

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