लिथुआनिया की एक 29 साल की महिला को एक दुर्लभ बीमारी है जिसकी वजह से वह मां नहीं बन पा रही हैं। वह कई सालों से गर्भवती होने की कोशिश कर रही है। उन्होंने दो बार इन विट्रो फर्टिलाइजेशन की भी कोशिश की थी लेकिन सफल नहीं हो पाया। डॉक्टर ने जांच किया तो पता चला कि महिला को ह्यूमन सीमिनल प्लाज्मा एलर्जी है। इस बीमारी में पार्टनर के सीमेन से एलर्जी होती है। National Library Of Medicine की रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में इस बीमारी के 100 से कम मामले दर्ज किए गए हैं। आइए जानते हैं क्या है यह बीमारी?
क्या है ह्यूमन सीमिनल प्लाज्मा एलर्जी
ह्यूमन सीमिनल प्लाज्मा एलर्जी एक दुर्लभ बीमारी है जिसमें व्यक्ति को सीमेन में मौजूद प्रोटीन्स से एलर्जी होती है। यह एक तरह पदार्थ होता है जो स्पर्म को ले जाने का काम करता है। यह बीमारी मुख्य रुप से महिला में देखी जाती है लेकिन कुछ पुरुषों को भी अपने ही सीमेन से एलर्जी हो सकती है जिसे पोस्ट ऑर्गैज्मिक इलनेस सिंड्रोम कहते हैं।
यह भी पढ़ें- पैदल चलने से कम होता है डिमेंशिया और डिप्रेशन का खतरा, स्टडी में दावा
ह्यूमन सीमिनल प्लाज्मा के लक्षण
महिलाओं के मामले में छींके आना, नाक बंद होना, पलकों में सूजन, सांस लेने में दिक्कत होना शामिल है। जबकि पुरुषों में हाथ, मुंह, छाती की त्वचा पर संक्रमण के लक्षण नजर आते हैं। गंभीर मामलों में सांस लेने में दिक्कत या एनाफिलैक्सिस हो सकता है।
क्यों होती है यह एलर्जी
सीमेन में प्रोस्टेट स्पेसिफिक एंटीजन जैसे प्रोटीन्स होते हैं जो एलर्जी को ट्रिगर कर सकते हैं। कई बार खाने पीने की चीजों और दवाओं में ऐसी चीजें मिली होती है जो एलर्जी को ट्रिगर करते हैं। असुरक्षित यौन संबंध की वजह से भी एलर्जी हो सकती है। यह संभव है कि किसी महिला को पहले कभी लक्षण न हुए हों लेकिन बाद में सीमेन के संपर्क में आने से एलर्जी हो सकती है। ह्यूमन सीमिनल प्लाज्मा एलर्जी किसी भी उम्र में हो सकती है लेकिन कई महिलाओं ने बताया कि उन्हें ये लक्षण 30 साल की उम्र के आसपास नजर आए। पुरानी स्टडी के मुताबिक, जिन महिलाओं में सीमेन एलर्जी पाई गई उनमें से कई को पहले से बार बार योनि में जलन या संक्रमण की समस्या थी।
यह भी पढ़ें- पानी की कमी से हो सकती हैं गंभीर बीमारियां, जानें डिहाइड्रेशन के लक्षण
क्या एलर्जी की वजह से हो सकता है बांझपन
एचएसपी के कारण बांझपन नहीं होता है लेकिन मां बनना मुश्किल हो जाता है। ये एलर्जी प्रजनन क्षमता को प्रभावित नहीं करती लेकिन इसके लक्षण यौन संबंध बनाने में डाल सकते हैं। आपको हल्की एलर्जी हैं तो उसे दवाइयों से ठीक किया जा सकता है। अगर आप प्रेग्नेंट होना चाहती हैं और इंटरकोर्स नहीं कर सकते हैं तो आईयूआई (IUI) और आईवीएफ (IVF) जैसे ऑप्शन मौजूद है। इन दोनों ही प्रक्रियाओं में स्पर्म को अच्छे से साफ किया जाता है ताकि उनमें से एलर्जेन प्रोटीन हटाए जा सकें। इससे एलर्जी के प्रभाव को खत्म किया जाता है। हालांकि आईवीएफ में गर्भवती होने की संभवना 20% से 35% होती है जबकि आईवीएफ में 5% से 15% होती है। हर महिला की स्थिति अलग है। इसलिए कुछ भी करवाने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह लें।