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ब्राउन राइस खाने से बच्चों के IQ पर पड़ता है असर! स्टडी में दावा

ब्राउन और व्हाइट राइस को लेकर लंबे समय से बहस हो रही है कि कौन सा सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद है। हाल ही में ब्राउन राइस को लेकर चौंकाने वाली स्टडी हुई है।

brown rice

ब्राउन राइस (Photo Credit: Freepik)

व्हाइट राइस के मुकाबले ब्राउन राउस को सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। उसमें फाइबर, विटामिन और मिनरल्स की भरपूर मात्रा होती है। इसमें पोषक तत्वों के साथ सबूत अनाज की खूबियां भी हैं लेकिन इसके कुछ नुकसान भी है जिसके बारे में कोई बात नहीं करता है।  हाल ही में जर्नल Risk Analaysis में स्टडी पब्लिश हुई है। इस स्टडी में बताया गया कि ब्राउन राइस में टॉक्सिक मेटल आर्सेनिक पाया जाता है जो खासतौर से छोटे बच्चों के दिमागी विकास पर गंभीर प्रभाव डालता है।

 

स्टडी में कहा गया कि ब्राउन राइस का अधिक सेवन बच्चों की ब्रेन हेल्थ के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए ब्राउन राइस सेहत के लिए कितना अच्छा भी हो लेकिन इससे होने वाले नुकसान को नजर अंदाज नहीं करना चाहिए।

 

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ब्राउन राइस बच्चों के लिए नुकसानदायक

 

 

मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया है कि ब्राउन राइस में आर्सेनिक की मात्रा व्हाइट राइस से 15% ज्यादा होती है। आर्सेनिक एक टॉक्सिक मेटल है जिसे कैंसर और मस्तिष्क में होने वाले नुकसान से जोड़ा गया है। हालांकि इसका नुकसान स्वस्थ वयस्कों को नहीं होगा।

 

किस उम्र के बच्चों को होता है सबसे ज्यादा नुकसान

 

ब्राउन राइस में मिलने वाले आर्सेनिक से उन बच्चों को नुकसान है जिनकी उम्र छह से 24 महीने के बीच में है। स्टडी में पाया गया कि इस उम्र के बच्चे जब ब्राउन राइस खाते हैं तो उनमें आर्सेनिक की मात्रा व्हाइट चावल खाने वाले बच्चों से दोगुनी पाई गई।

 

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बच्चों में आर्सेनिक की मात्रा ज्यादा होने पर होगी ये बीमारियां

 

स्टडी में कहा गया कि छोटे बच्चे के दिमाग पर आर्सेनिक की वजह से प्रभाव पड़ता है। उनके आईक्यू (IQ) पर प्रभाव पड़ता है, सीखने में मुश्किल होती है। कुछ स्टडी में यह भी पाया गया है कि आर्सेनिक की वजह से बच्चों में ऑटिज्म और एडीएचडी (ADHD) का खतरा भी बढ़ सकता है। इन बच्चों का एक जगह ध्यान लगाने में मुश्किल होती है।

लंबे समय तक आर्सेनिक के संपर्क में हैं तो कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) के मुताबिक, आर्सेनिक में कार्सिनोजेनिक कंपाउंड (वे पदार्थ जिससे कैंसर हो सकता) होता है। इसकी वजह से फेफड़ों का कैंसर, मूत्राश्य का कैंसर और स्किन कैंसर तक हो सकता है।

 

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