सत्तू हमारे देश के कई हिस्सों में खाया जाता है लेकिन यह खासतौर से बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में मशहूर है। यह सिर्फ खाने में ही स्वादिष्ट नहीं है बल्कि सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसमें प्रोटीन, मिनरल और फाइबर की भरपूर मात्रा होती है।
सत्तू पोषण का खजाना है। चने को भूनकर उसका पेस्ट तैयार किया जाता है। ओडिशा में भूने हुए चने के साथ बाजरा, बादाम और काजू को भी पीसकर बनाया जाता है। बाजार में कई तरह के सत्तू मिलते हैं लेकिन ज्यादातर लोग इन चार तरह के सत्तू को खाना पंसद करते हैं।
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जौ का सत्तू- जौ को भूनकर जौ का सत्तू तैयार होता है। यह खाने में स्वादिष्ट होने के साथ-साथ सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है। आप इसका इस्तेमाल खीर, लड्डू या हलवा बनाने के लिए कर सकते हैं। 100 ग्राम जौ के सत्तू 12 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है। इसमें खासतौर का फाइबर मौजूद होता है जिसे बीटा ग्लूकन कहा जाता है। यह फाइबर शरीर में कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में मदद करता है।

मिक्स अनाज सत्तू- इस सत्तू को जौ, चना और गेहूं को मिलाकर बनाया जाता है। इसमें विटामिन्स, मिनरल्स, आयरन, मैग्निशियम, कैल्शियम, पोटेशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसे रोजाना खाने से आपकी इम्युनिटी बढ़ती है और बीमारियों से बचे रहते हैं। 100 ग्राम मिक्स सत्तू में करीब 18 ग्राम प्रोटीन होता है।
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चने का सत्तू- चने को भूनकर इस सत्तू को तैयार किया जाता है। आप इस सत्तू का इस्तेमाल पराठा और टिक्की बनाने के लिए कर सकते हैं। आप गर्मी के मौसम में इससे सत्तू का ड्रिंक बना सकते हैं। 100 ग्राम चने के सत्तू में 20 ग्राम प्रोटीन होता है। यह आपके पाचन तंत्र को बेहतर करता है। यह डायबिटीज के लिए मरीजों के लिए अच्छा होता है। साथ ही वजन को भी नियंत्रित करने में मदद करता है।
गेहूं का सत्तू- गेहूं के सत्तू में फाइबर की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। यह आपके पेट को लंबे समय तक भरे रखता है क्योंकि इसमें फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है। 100 ग्राम में 10 ग्राम प्रोटीन होता है।