जाह्नवी कपूर अपने बेबाक अंदाज के लिए जानी जाती हैं। खासतौर से महिलाओं से जुड़े मुद्दे पर वह हमेशा स्टैंड लेती हैं। अपने एक इंटरव्यू में जाह्नवी ने कहा कि पीरियड्स के दौरान महिलाएं बहुत ज्यादा भावुक रहती हैं। उस दौरान पुरुषों का उनका खास ख्याल रखने की जरूरत होती है।
उन्होंने कहा, 'महीने के इस समय में महिलाएं सबसे ज्यादा भावुक रहती हैं। अगर मैं झगड़ा करने की कोशिश कर रही हूं या अपनी बात को सामने रखने की कोशिश कर रही हूं और आप बोलते हो, ‘क्या वो टाइम है? तो भाई, फिर आप अपना रास्ता लो। लेकिन अगर आप सच में हमदर्दी दिखा रहे हो, जैसे कि पूछते हो, ‘क्या तुम्हें एक मिनट चाहिए, क्या वो दिन चल रहे हैं? तो बात अलग है।'
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जाह्नवी बोलीं- पुरुषों को भी होना चाहिए था पीरियड
अभिनेत्री ने आगे कहा, 'आपको समझने की जरूरत है कि हमारे हार्मोन में कई तरह के बदलाव आते हैं, हम जिस दर्द से गुजर है उस दौरान आपको अगर हमसे सची हमदर्दी है तो यह अच्छी बात है। वहीं, कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जिनका टोन बहुत ही अजीब होता है। उन्हें आपसे कोई मतलब नहीं होता है। मैं यह बात पूरे विश्वास के साथ कह सकती हूं कि पुरुष इस दर्द और मूड स्विंग्स को एक मिनट के लिए भी नहीं सह सकते हैं। पता नहीं कौन सा न्यूक्लियर वॉर हो जाता अगर मर्दों को पीरियड्स होते'।
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पीरियड्स को आज भी कुछ लोग मानते हैं शर्म
आज भी हम इस तरह की बातों को सुनते हैं कि 'अच्छा वो दिन आ गए हैं' क्योंकि हमारे समाज में महिलाओं की भावनाओं को तर्कहीन या जरूरत से ज्यादा संवेदनशील कहकर नजर अंदाज कर दिया जाता है। पीरियड को आज भी शर्म की तरह माना जाता है जबकि यह एक बायोलॉजिकल प्रक्रिया है। इस दौरान महिलाओं की भावनाओं को इमोशनल और ओवर रिएक्टिंग कहा जाता है। वहीं, पुरुषों के फैसलों को मजबूती के साथ देखा जाता है। यह समाज का दोहरा व्यव्हार है।