पीरियड का समय हर महिला के लिए मुश्किल भरा होता है। इस दौरान महिलाओं के पेट और कमर में दर्द, पेट फूलना, मांस पेशियों में अकड़न और थकान की समस्या होती है। हालांकि पीरियड के समय होने वाली परेशानी के बारे में ज्यादातर लोग जानते हैं। क्या आप जानते हैं महिलाओं की तरह पुरुषों को भी पीरियड्स का सामना करना करना पड़ता है। पुरुषों में होने वाली इस मेल मेंस्ट्रुएशन को मेडिकल भाषा में इरिटेबल मेल सिंड्रोम (IMS) कहा जाता है। आइए जानते हैं क्या होती है यह समस्या और इसके क्या लक्षण है।
इरिटेबल मेल सिंड्रोम में पुरुषों को महिलाओं की तरह ब्लीडिंग नहीं होती हैं लेकिन पेट और कमर में असहनीय दर्द, थकान, मूड स्विंग की समस्याएं रहती है। महिलाओं की तरह उनमें चिढ़चिढ़ापन आ जाता है। पुरुषों में यह समस्या टेस्टोस्टिरोन हार्मोन के स्तर में गिरावट होने की वजह से होती है। हार्मोन के लेवल में कई कारणों से बदलाव आता जैसे बढ़ती उम्र, खराब लाइफस्टाइल, नींद पूरी ना होना, वजन बढ़ना या घटना या कोई मेडिकल कंडिशन की वजह से भी हो सकता है।
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इरिटेबल मेल सिंड्रोम के लक्षण
- मूड स्विंग्स
- डिप्रेशन
- एंग्जाइटी
- फोकस और याददाशत कमजोर होना
- हाइपरसेंसिटिविटी
- मांस पेशियों में कमजोरी
टेस्टोस्टिरोन हार्मोन कम होने के कारण

ज्यादा स्ट्रेस है खतरनाक- तनाव लेने की वजह से टेस्टोस्टेरोन हार्मोन पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है। अगर आप जरूरत से ज्यादा तनाव लेते हैं तो मूड स्विंग और चिड़चिड़ापन अनुभव करते हैं।
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अनहेल्दी लाइफस्टाइल- अनहेल्दी लाइफस्टाइल की वजह से डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसे कई गंभीर बीमारियां हो सकती है। अनहेल्दी लाइफस्टाइल का असर टेस्टोस्टिरोन हार्मोन पर भी पड़ता है।
पर्याप्त मात्रा में नींद नहीं लेना- हर व्यक्ति को 8 से 9 घंटे की नींद लेनी चाहिए। पर्याप्त मात्रा में नींद नहीं लेने से आपके स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। साथ ही हार्मोन के लेवल पर भी असर पड़ता है।
इरिटेबल मेल सिंड्रोम की समस्या से बचने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल को फॉलो करें। साथ ही रोजाना 30 मिनट एक्सरसाइज करें। इन चीजों को करने से टेस्टोस्टिरोन हार्मोन का लेवल कम नहीं होगा।
Disclaimer: यह आर्टिकल इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारियों और सामान्य बातचीत पर आधारित है। विस्तृत जानकारी के लिए आप अपने किसी डॉक्टर की सलाह लें।