हम सभी ने इंफ्लेमेशन शब्द के बारे में सुना है। इसका हिंदी में मतलब 'सूजन' है। जब हमें खेलते हुए कभी चोट लग जाती या हम गिरते हैं तो हाथ-पैर में सूजन हो जाती है। ऐसी ही सूजन हमारे शरीर के अंदरुनी अंगों में भी आ जाती है। इंफ्लेमेशन हमारे शरीर के लिए अच्छा होता है। जब भी हमें चोट लगती हैं या कोई संक्रमण होता है तो रिएक्शन के तौर पर शरीर में सूजन पैदा होती है।
यह हमें हील करने में मदद करता है लेकिन जब कोई बाहरी बैक्टीरिया, वायरस या पैरासाइट अटैक नहीं कर रहा है और शरीर के हेल्दी सेल्स खुद पर अटैक कर रहे हैं तो यह खतरनाक है। यह ऑटो इम्यून बीमारियों से लेकर क्रॉनिक बीमारी का लक्षण हो सकता है। हमने जयपुर, न्यूट्रीप्लस की डायरेक्टर और सीनियर क्लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट डॉक्टर अंजलि फाटक से पूछा कि शरीर में सूजन को कम करने के लिए किस तरह की डाइट लेनी चाहिए?
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इंफ्लेमेशन तीन प्रकार के होते हैं।
एक्यूट इंफ्लेमेशन - यह इंफ्लेमेशन कुछ देर के लिए होता है। यह आमतौर पर किसी चोट या संक्रमण की वजह से होता है।
क्रॉनिक इंफ्लेमेशन- यह सूजन आमतौर पर बहुत धीरे -धीरे बढ़ती है। यह ज्यादा गंभीर नहीं होती है।
सबएक्यूट इंफ्लेमेशन- यह एक्यूट और क्रॉनिक इंफ्लेमेशन के बीच का एक प्रकार है।
इंफ्लेमेशन का लक्षण
- शरीर में दर्द रहना।
- त्वचा का रंग लाल होना।
- सूजी हुई त्वचा छूने पर गर्म महसूस होना।
- पेट में दर्द, सीने में दर्द
- मुंह में छाले।
- वजन बढ़ना या कम होना।
- जोड़ों में दर्द या अकड़न।
किन कारणों से हो सकता है इंफ्लेमेशन?
- क्रॉनिक स्ट्रेस
- खराब लाइफस्टाइल
- पर्याप्त नींद न लेना
- ज्यादा शराब पीना।
- तंबाकू या सिगरेट का अधिक सेवन।
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डाइट में शामिल करें एंटी इंफ्लेमेटरी फूड
सीनियर क्लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट डॉक्टर अंजलि फाटक के मुताबिक एंटी इंफ्लेमेटरी डाइट का इस्तेमाल शरीर में छिपे क्रॉनिक इंफ्लेमेशन को कम करने के लिए होता है। मोटापा, अर्थराइटिस, डायबिटीज, फैटी लिवर, हृदय रोग और कुछ ऑटोइम्यून डिजीज के दौरान शरीर में इंफ्लेमेशन होता है। इंफ्लेमेशन को चेक करने के लिए पीआरपी लेवल की मदद ली जाती है। इस टेस्ट के जरिए पता चलता है कि शरीर में इंफ्लेमेशन का क्या लेवल है?
- ये फल और हरि सब्जियां शामिल करें- बैरिज, ब्लू बैरिज, स्ट्रॉबेरी, केल, पालक, बथुआ, फुलगोभी, ब्रोकली, बीटरूट, पंपकीन, शकरकंदी,
- साबूत अनाज- ओट्स, क्विनोआ, बारले, मिलेट्स, रागी, जोआर और बाजरा आदि इन सभी चीजों में लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता
- हेल्दी फैट्स- एवाकाडो, एक्स्ट्रा वर्जिन ऑयल, कोल्ड प्रोसेस्ड सरसों का तेल, अलसी का तेल, नट्स और चीया सीड्स। इसके अलावा प्लांट बेस्ड प्रोटीन को लें जिसमें स्प्राउट, तोफू, विभिन्न प्रकार की दालों को शामिल कर सकते हैं।
- इसके अलावा डाइट में फर्मेंटेड और गट हेल्थी चीजों को शामिल करें। अपनी डाइट में हल्दी वाली पानी लें सकते हैं। हल्दी में करक्यूमिन होता है। आप डाइट में अदरक, लहसुन, लॉन्ग, दालचीनी, इलायची, अजवाइन, क्लौंजी, तुलसी, मिंट, धनिया पत्ता शामिल करें। ये सभी चीजें इंफ्लेमेशन को दूर करने का काम करती हैं।
- शरीर को हाइड्रेट रखना बहुत जरूरी है। आप शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए ग्रीन टी, कैमोमाइल टी, नारियल पानी, डिटॉक्स ड्रिंक आदि शामिल कर सकते हैं।
किन चीजों को खाने से बचना चाहिए?
डाइट में अधिक शुगर वाली चीजों का सेवन करने से बचें, प्रोसेस्ड चीजें ना खाएं। इसके अलावा शराब और स्मोकिंग करने से बचें। ये सभी चीजें आपके शरीर में इंफ्लेमेशन को बढ़ाने का काम करती है। इन सबसे दूरी बनाकर रखें।