ऑस्ट्रेलिया में यूनिवर्सल हेल्थ इंश्योरेंस मेडिकेयर सभी लोगों को कम और बिना लागत के हेल्थ कार्ड देती है जिसकी मदद से वे अपना इलाज अच्छे अस्पताल में करवा सकते हैं। एक स्टडी में पता चला कि पुरुषों के मुकाबले महिलाएं स्वास्थ्य सेवाओं में ज्यादा खर्च करती हैं। शोध में पता चला कि पुरुष खर्च की वजह से डॉक्टर के पास जाने में ज्यादा देरी करते हैं। आइए जानते हैं महिलाएं पुरुषों के मुकाबले स्वास्थ्य सेवाओं में अधिक पैसा क्यों खर्च करती हैं।
महिलाओं को गंभीर बीमारियां अधिक होती हैं। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में गंभीर स्वास्थ्य समस्या होने की आशंका अधिक होती हैं। कुछ ऐसी स्थितियां भी हैं जो पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक प्रभावित करती हैं, जैसे ऑटोइम्यून स्थितियां हैं। 2021 से 2022 में 79 प्रतिशत पुरुषों की तुलना में 88 प्रतिशत महिलाओं ने डॉक्टर्स से मुलाकात की। हालांकि 2020 से 21 में 4.3 प्रतिशत महिलाओं ने कहा कि पिछले 12 महीने में एक बार खर्च की वजह से डॉक्टर्स से मिलना टाल दिया था। जबकि पुरुषों के लिए यह आंकड़ा 2.7 प्रतिशत था।
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ऑस्ट्रेलियन ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स ने अपने डेटा में बताया कि महिलाएं अपने मेंटल हेल्थ पर पैसे खर्चने से बचती हैं या उसमें देरी करती हैं। महिलाओं को अपनी पुरानी बढ़ी हुई बीमारियों की वजह से डॉक्टर की दवाओं को ज्यादा जरूरत पड़ी है। 2020 से 2012 में 37% पुरुषों की तुलना में 62% महिलाओं को प्रिस्क्रिप्शन मिला।
प्रजनन स्वास्थ्य स्थितियां
पिछले पांच सालों में 18 वर्ष से अधिक उम्र की लगभग आधी महिलाओं ने गंभीर पेल्विक दर्द का अनुभव किया है। यह एंडोमेट्रियोसिस, डिसमेनोरिया (माहवारी में दर्द), वुल्वोडायनिया (योनि में दर्द) और मूत्राशय में दर्द जैसी स्थितियों के कारण हो सकता है। 7 में से हर एक महिला ‘एंडोमीट्रियोसिस’ पीड़ित है। 45 से 64 साल की एक चौथाई महिलाओं में मेनोपॉज के लक्षण दिखते हैं जिसकी वजह से उनकी डेली लाइफ पर असर पड़ता है। इन कारणों की वजह से उन्हें तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
जांच है महंगा
महिलाओं को अक्सर पुरानी स्थितियों के जांच में ज्यादा समय लगता है। इस वजह से महिलाओं को पुरानी बीमारियों का ट्रीटमेंट करवाने में ज्यादा समय लगता है। जांच में देरी की वजह से उन्हें एक से ज्यादा बार डॉक्टर के पास जाना होता है। इस वजह से खर्च भी बढ़ता है। आस्ट्रेलिया में एंडोमेट्रियोसिस के बारे में पता लगाने में औसतन साढ़े छह से आठ साल लगते हैं। इसके पीछ कई कारण है जैसे कि महिलाओं के दर्द को समाज द्वारा सामान्य समझा जाना, कुछ स्वास्थ्य पेशेवरों के बीच ‘एंडोमेट्रियोसिस’ के बारे में सही जानकारी ना हो। इसके अलावा किफायती इलाज की कमी होना।
मेडिकेयर बेनिफिट शेड्यूल में भी दोनों जेंडर में असमानाताएं हैं, पेल्विक और ब्रेस्ट अल्ट्रासाउंड में स्क्रोटम टेस्ट से कम छूट है। महिलाओं को पेल्विक पेन में एमआईआर करवाने पर भी कोई छूट नहीं है।
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मैनेजमेंट भी महंगा है
एंडोमेट्रियोसिस जैसी गंभीर बीमारी के कई तरह के लक्षण होते हैं लेकिन इसका इलाज कोई नहीं है। महिलाओं के पास ज्यादा सुविधाएं नहीं है। इस वजह से इसका मैनेजमेंट भी बहुत मुश्किल है।
खर्च अधिक और बचत कम
महिलाओं को अपने हेल्थ केयर की वजह से बहुत ज्यादा वित्तीय दवाब झेलना पड़ता है। जो महिलाएं एंडोमेट्रियोसिस और गंभीर पेल्विक दर्द से पीड़ित हैं उन्हें बार-बार छुट्टी लेकर डॉक्टर के पास जाने की जरूरत पड़ती है। इस वजह से महिलाओं को कभी कभी भेदभाव भी झेलना पड़ता है। इस कारण उनके करियर पर असर पड़ता है, रोजगार छीन जाता है और जल्दी रिटायरमेंट भी लेना पड़ता है। ऑस्ट्रेलिया में हर साल 16000 महिलाएं मेनोपॉज की अवस्था में पहुंचती हैं। इस कारण उन पर वित्तीय बोझ बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। ऐसे में 4 में से एक महिला को काम छोड़कर पार्ट टाइम नौकरी करनी पड़ती है। रिटायर जल्दी होने की वजह से उनकी आय कम हो जाती है और खर्च बढ़ जाता है।
डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल इंटरनेट पर उपलब्ध सामान्य जानकारी और डॉक्टर से बातचीत पर आधारित है। सही परामर्श के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।