दक्षिण एशिया के देशों की संस्कृति, भाषा, इतिहास और खान-पान अलग है। इन सब के बावजूद एक चीज जो सामान्य है वो चावल के लिए प्यार है। भारत, बांग्लादेश से लेकर साउथ कोरिया और जापान तक में चावल एक ऐसी चीज है जो ज्यादातर घरों में बनाया जाता है। चावल से विभिन्न प्रकार के पकवान बनते हैं क्योंकि ये आसानी से मिल जाता है। चावल को पकाना सबसे आसान होता है।
चावल की ज्यादातर किस्में सस्ती और आसानी से मार्केट में मिल जाती है। हम आपको दुनिया के सबसे महंगे चावल किन्मेमई के बारे में बता रहे हैं। जापानी किन्मेमई चावल प्रीमियम चावल में आता है जिसे खास तकनीक के साथ तैयार किया जाता है। किन्मेमई राइस का उत्पादन चावल बफिंग तकनीक से होता है। 2016 में इसे सबसे मंहगे चावल के तौर पर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया था।
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इस चावल को बिना धोएं पकाया जाता है
चावल को पकाने से पहले उसे कई बार धोना पड़ता है ताकि उसमें से गंदगी निकल जाए लेकिन जापानी किन्मेमई चावल पहले से धूला आता है जिस वजह से धोने की जरूरत नहीं पड़ती है। कंपनी का कहना है कि इसमें सामान्य चावल से 6 गुना ज्यादा लिपो पॉलीसेकेराइड (LPS) होते हैं जो प्राकृतिक रूप से इम्यूनिटी को मजबूत करता है। साथ ही संक्रमण से भी बचाने में मदद करता है। किन्मेमई का स्वाद, न्यूट्रिशनल वैल्यू और पाचन क्षमता बेहतर होती होती है।
क्यों महंगा है जापानी किन्मेमई चावल?
ऐसा कहा है जो इस दुनिया का सबसे महंगा चावल बनाता है। जापानी किन्मेमई का हर दाना हाथ से चुना गया है। चावल की इस किस्म को चुनने के लिए पिकामारू और कोशीहिकारी हैं जो दुनिया के सबसे अच्छे अनाजों में से एक हैं। इस चावल की कीमत प्रति किलो 12,557 रुपये है।
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किन्मेमई चावल खाने के फायदे
किन्मेमई चावल में व्हाइट और ब्राउन राइस से ज्यादा पोषक तत्व मौजूद है। इस चावल में फाइबर और विटामिन बी1 की भरपूर मात्रा होती है।. यह सेहत के लिए फायदेमंद होता है। यह फ्लू, संक्रमण, कैंसर और डिमेंशिया से लड़ने में मदद करता है।