logo

ट्रेंडिंग:

'एक बार अमेरिका से पूछो', मुत्तकी ने भारत में बैठकर पाक को दिया संदेश

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री भारत के दौरे पर है। इसी दौरान पाकिस्तानी मीडिया मे खबर आई कि पाकिस्तान ने टीटीपी चीफ को मार गिराया है।

ameer khan muttaqi । Photo Credit: PTI

अमीर खान मुत्तकी । Photo Credit: PTI

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी इस वक्त भारत की आधिकारिक यात्रा पर हैं। अफगानिस्तान में जब से तालिबानी सरकार बनी है तब से वह पहली बार भारत की यात्रा पर आए हैं। इसके बाद उन्होंने भारत के साथ संबंधों को लेकर बयान दिया और साथ ही इशारों में पाकिस्तान पर भी निशाना साधा।

 

मुत्तकी ने अपने बयान में कहा कि वह भारत और पाकिस्तान के दोनों के साथ अच्छे रिश्ते चाहते हैं लेकिन यह डिप्लोमेटिक रास्ते से ही हो सकता है। अगर कोई अफगानिस्तान को छेड़ना चाहेगा तो यह संभव नहीं है। खबरों के मुताबिक गुरुवार रात को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के कई ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक इस हमले में टीटीपी चीफ मुफ्ती नूर वली महसूद की मौत हो गई।

 

यह भी पढ़ें: फतुहा विधानसभा: रामानंद यादव इस बार भी RJD को दिलाएंगे जीत?

पाकिस्तान को नसीहत

इस मामले में अफगानिस्तान के विदेश मंत्री ने भारत की जमीन से पाकिस्तान को नसीहत देते हुए कहा, 'सीमा के पास सरहदी इलाकों में हमला हुआ है। हम पाकिस्तान की इस हरकत को गलत मानते हैं। समस्याओं का समाधान ऐसे नहीं हो सकता। हमने बातचीत का रास्ता खुला रखा है। उन्हें अपनी समस्या खुद ही सुलझानी चाहिए। अफ़गानिस्तान में 40 साल बाद शांति और प्रगति हुई है। इससे किसी को कोई समस्या नहीं होनी चाहिए... हम एक स्वतंत्र राष्ट्र हैं। अगर हमारे यहां शांति है, तो लोग परेशान क्यों हैं।'

भारत-पाकिस्तान के साथ चाहते बेहतर संबंध

उन्होंने कहा, 'हम भारत और पाकिस्तान के साथ बेहतर संबंध चाहते हैं, लेकिन यह एकतरफ़ा नहीं हो सकता। अफ़गानों के साहस की परीक्षा नहीं ली जानी चाहिए। अगर कोई ऐसा करना चाहता है, तो उसे अंग्रेजों से, सोवियत संघ, अमेरिका और नाटो से पूछना चाहिए, ताकि वे उसे समझा सकें कि अफ़गानिस्तान के साथ खेलना ठीक नहीं है।'

 

आगे उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की ज्योग्राफी ऐसी है कि वह ट्रांजिट का अच्छा माध्यम बन सकता है। हम भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ अच्छे रिश्ते चाहते हैं लेकिन यह एकतरफा नहीं हो सकता है। इसके लिए दोनों तरफ से कोशिश होनी चाहिए। जब कूटनीतिक रास्ते मौजूद हैं तो उसी रास्ते से मुश्किलों को हल करना चाहिए।

ट्रेड कमेटी का गठन

मुत्तकी ने भारत के साथ व्यापार को लेकर कहा कि हमने व्यापार को लेकर ट्रेड कमेटी बनाने पर सहमति जतायी है। अफगानिस्तान में निवेश, खनिज और ऊर्जा के क्षेत्र में गतिविधियों के संदर्भ में उपलब्ध अवसरों के कारण, हमने भारतीय पक्ष को इन क्षेत्रों में कार्य की संभावनाएं तलाशने के लिए आमंत्रित किया।

 

उन्होंने कहा, 'मैंने भारत के विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर के साथ आर्थिक, राजनीतिक, कूटनीतिक, क्षेत्रीय और सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर विस्तृत बैठक की। इनमें कुछ उपलब्धियां भारत सरकार द्वारा दूतावास में तकनीकी अपग्रेडेशन का था और इस्लामिक अमीरात का राजनयिक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली पहुंचेगा।

 

हम अपने व्यापार को मज़बूत करने के लिए हवाई गलियारे को मज़बूत करने पर भी सहमत हुए हैं। विदेश मंत्री ने अफ़ग़ानिस्तान में स्वास्थ्य गतिविधियों को व्यापक बनाने का संकल्प लिया, और हम भूकंप पीड़ितों के लिए प्रदान की गई सहायता की सराहना करते हैं।'

बगराम पर क्या बोले

वहीं बगराम को लेकर उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान ने कभी भी विदेशी सेना को स्वीकार नहीं किया है और न ही भविष्य में कभी भी स्वीकार करेगा। अगर कोई हमारे साथ संबंध रखना चाहता है तो वे डिप्लोमेटिक तरीके से आगे आ सकते हैं, लेकिन किसी भी तरह से अन्य देश की सेना को अफगानिस्तान स्वीकार नहीं करेगा।'

 

यह भी पढ़ें: 7 दिनों तक भारत में रहेंगे तालिबानी मंत्री, एजेंडा क्या है?

 

मुत्तकी ने कहा, 'अगर सब अपने-अपने देशों में शांति लाएं, जैसा कि अफ़ग़ानिस्तान ने किया है, तो हर जगह शांति होगी। पिछले आठ महीनों में अफ़ग़ानिस्तान में एक भी छोटी-मोटी घटना नहीं हुई है। पिछले चार सालों में अफ़ग़ानिस्तान ने किसी भी देश को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है।'

Related Topic:

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap