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एयर इंडिया हादसा: किसी ने बहन तो किसी ने खोई बेटी, परिजनों ने क्या कहा

एयर इंडिया के प्लेन हादसे में जिन लोगों की जान गई, उनके घरवालों का बुरा हाल है। कोई अपनी बहन को खो चुका है, तो किसी का पूरा परिवार ही खत्म हो गया। लोगों का क्या कहना है, आइए सुनते हैं।

Air India plane crash victim family reaction

एयर इंडिया हादसे में मारे गए लोगों के परिजन, Photo Credit: PTI/ANI

अहमदाबाद से लंदन के गैटविक एयरपोर्ट जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद हादसे का शिकार हो गई। इस भयानक दुर्घटना में प्लेन में मौजूद 242 लोगों में से सिर्फ एक ही शख्स विश्वास कुमार रमेश बच पाया। बाकी सभी की मौत हो गई। विमान में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक सवार थे। हादसा अहमदाबाद के एक घनी आबादी वाले इलाके में हुआ, जिससे वहां रहने वाले कुछ स्थानीय लोग भी इसकी चपेट में आ गए।

 

एयर इंडिया ने अपना हॉटलाइन नंबर भी जारी किया है, जिससे जानकारी जुटाई जा सकती है। अगर आपका कोई परिचित या परिजन इस फ्लाइट में हो सकता है तो आप 18005691444 पर संपर्क कर सकते हैं।

 

परिवार के साथ ली गई आखिरी सेल्फी

प्लेन में कई यात्री उड़ान से पहले की सेल्फी और वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे थे। उन्हीं में से एक परिवार था – डॉ. कोमी व्यास, जो पहले उदयपुर के एक अस्पताल में डॉक्टर थीं, अपने पति डॉ. प्रतीक और तीन बच्चों के साथ लंदन जा रही थीं। डॉ. प्रतीक पहले ही लंदन में थे और परिवार को लाने भारत आए थे। उड़ान से ठीक पहले डॉ. कोमी ने एक सेल्फी ली थी। तस्वीर में पति-पत्नी मुस्कुरा रहे हैं और उनके जुड़वां बेटे नकुल और प्रद्युत (5 साल) और बेटी मिराया (8 साल) कैमरे की तरफ देखकर हंसने की कोशिश कर रहे हैं। अब वो तस्वीर परिवार की आखिरी याद बन गई है।

 

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ब्रिटिश कपल की आखिरी इंस्टाग्राम पोस्ट

फियोनगल और जेमी ग्रीनलॉ-मीक, जो लंदन में एक स्पिरिचुअल वेलनेस सेंटर चलाते थे, उन्होंने अहमदाबाद एयरपोर्ट से फ्लाइट पकड़ने से ठीक पहले इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया था जिसमें दोनों इंडिया ट्रिप की बातें करते हुए खुश नजर आ रहे थे।

 

बांसवाड़ा में शोक की लहर

डॉ. कोमी और प्रतीक को बांसवाड़ा में मेहनती और ईमानदार लोग माना जाता था। दोनों पढ़े-लिखे, समझदार और बच्चों को बहुत प्यार करने वाले माता-पिता थे। जैसे ही हादसे की खबर फैली, पूरे शहर में दुख का माहौल बन गया।

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नगनथोई शर्मा – एक सपना जो अधूरा रह गया

20 साल की नगनथोई शर्मा एयर इंडिया की इस फ्लाइट में बतौर एयर होस्टेस थीं। वे मणिपुर की रहने वाली थीं और पिछले तीन साल से एयर इंडिया में काम कर रही थीं। उनके घरवालों को जैसे ही हादसे की खबर मिली, वे उन्हें बार-बार फोन करने लगे। फोन बज रहा था लेकिन किसी ने उठाया नहीं। सोशल मीडिया पर उनकी मौत की खबरें वायरल होने लगीं, लेकिन परिवार को आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं मिली।

 

नगनथोई की आखिरी मैसेज में लिखा था, 'मैं लंदन जा रही हूं। कुछ ही मिनटों में उड़ान भरेंगे। फिर बात नहीं हो पाएगी।' उनके एक रिश्तेदार ने बताया कि वह हमेशा प्लेन क्रैश को लेकर डरती थीं। उनका कहना था, 'अगर कभी ऐसा हुआ तो मैं नहीं जानती क्या करूंगी।' नगनथोई तीन भाई-बहनों में मंझली थीं। उनकी बड़ी बहन एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाती हैं और छोटी बहन नौवीं कक्षा में है। उनका परिवार फिलहाल किसी भी पक्की जानकारी का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। उनके रिश्तेदार अहमदाबाद रवाना हो चुके हैं, ताकि कुछ ठोस जानकारी मिल सके।

 

'एक भाई की बहन इस हादसे में खो गई...'

AI-171 विमान हादसे में एक भाई की बहन भी सफर कर रही थी, जो अब हमारे बीच नहीं रही। समाचार एजेंसी ANI से बातचीत में भाई ने बताया, 'मेरी बहन इलाज के लिए नाडियाड आई थी। आज उसकी फ्लाइट थी, उसे लंदन वापस जाना था। वो पिछले 15 सालों से लंदन में अपने पति और बच्चों के साथ रह रही थी। मैं खुद उसे एयरपोर्ट छोड़ने गया था। हादसे के बाद मेरा डीएनए सैंपल लिया गया है…"

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