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किन वजहों से क्रैश होता है विमान, पायलट से ATC तक; जानें हर गड़बड़ी

एक विमान हादसे के पीछे कई वजह हो सकती हैं। इसमें पायलट से एटीसी तक की भूमिका हो सकती है। मौसम और तकनीकी खराबी से भी विमान दुर्घटना का शिकार हो सकता है।

Representational photo of plane crash.

विमान हादसे की प्रतीकात्मक फोटो। (AI Generated Image)

हवाई यातायात को सबसे सुरक्षित माना जाता है, लेकिन जब भी विमान हादसे होते हैं तो इनमें बचने की संभावना सबसे कम होती है। गुरुवार यानी 12 जून को गुजरात के अहमदाबाद में हुआ भीषण विमान हादसे ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। हादसा किस वजह से हुआ, अभी जांच का विषय है, लेकिन कई ऐसी परिस्थितियां हैं, जिसके कारण अक्सर विमान हादसों का शिकार हो जाते हैं। इसमें इंसानों की गलती और तकनीकी गड़बड़ी समेत कई कारण हैं। आज बात उन्हीं कारणों की।

 

एयर इंडिया ने अपना हॉटलाइन नंबर भी जारी किया है, जिससे जानकारी जुटाई जा सकती है। अगर आपका कोई परिचित या परिजन इस फ्लाइट में हो सकता है तो आप 1800569144 पर संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा, 011-24610843 और 9650391859 पर भी फोन किया जा सकता है।

 
पायलट की गलती: दुनियाभर में कई विमान हादसे पायलट की गलती के कारण हुए हैं। यह विमान हादसों के पीछे की सबसे बड़ी वजह है। माना जाता कि लगभग 50 फीसदी विमान हादसे पायलट की गलती से होते हैं। हवाई जहाज में लगा सिस्टम बेहद जटिल होता है। उसकी निगरानी और प्रबंधन की जिम्मेदारी पायलट की होती है। खराब मौसम और विपरीत परिस्थितियों में जहाज से जुड़ा निर्यण पायलट को ही लेना होता है। एयर कंट्रोल से मिलने वाले निर्देशों का पालन भी करना होता है। विपरीत हालात में पायलट का एक निर्णय हादसे में बदल सकता है। पायलटों से मुख्यत: दो तरह की गलतियां होती हैं। पहली फ्लाइट की उड़ान से जुड़े निर्णय लेने में और दूसरी ऑपरेशन से जुड़ी गलतियां। जैसे- 

  • पायलट की थकान 
  • प्रशिक्षण की कमी
  • गलत निर्णय 
  • संचार में गड़बड़ी या बाधा

 

यह भी पढ़ें: अहमदाबाद में विमान हादसा, AI-171 क्रैश, 242 लोग थे सवार

 

मशीनरी में खराबी

विमान की मशीनरी के फेल होने से भी हादसे होते हैं। विमान के यंत्रों में आई छोटी सी दिक्कत बड़े हादसे की वजह बन सकती है। जैसे इंजन का फेल होना, इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम में दिक्कत आदि। हालांकि उन्नत तकनीक के विकसित होने के बाद से मशीनरी खराबी से जुड़े हादसों में कमी आई है, लेकिन इंजन के फेल होने का खतरा अब भी रहता है।

खराब मौसम

एलेक्जेंडर लॉ ग्रुप की वेबसाइट के मुताबिक लगभग 15 फीसदी विमान दुर्घनाएं खराब मौसम के कारण होती हैं। तेज हवाओं और तूफान में विमान फंस सकता है। उड़ान और लैंडिंग के वक्त पायलट को दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि इन परिस्थितियों में दृश्यता बेहद कम हो जाती है। कोहरे के कारण भी विमान हादसा होने का खतरा रहता है। 2014 में एयर एशिया की फ्लाइट खराब मौसम के कारण हुई दुर्घटना का शिकार हुई थी। मुख्य वजह-

 

  • भारी बारिश
  • कोहरा 
  • हिमपात 
  • तेज आंधी-तूफान 

एयर ट्रैफिक कंट्रोल की गलती 

विमान के सुरक्षित लैंडिंग और टेकऑफ में एयर ट्रैफिक कंट्रोलर (ATC) का अहम योगदान होता है। पायलट भी एटीसी से मिलने वाली जानकारी और सहायता पर निर्भर होता है। एटीसी को कई विमानों से एक साथ तालमेल करना होता है। विमान के लैंडिंग और टेकऑफ में वक्त मौसम समेत कई तथ्यों को ध्यान में रखना होता है। एटीसी से पायलट को मिलने वाली एक गलत जानकारी हादसे को दावत दे सकती है। 

 

विमान हादसों के पीछे अन्य कारण

  • रखरखाव: अगर विमान का उचित तरीके से रखरखाव नहीं किया गया तो यह भी हादसे की वजह बन सकता है। विमान के रखरखाव के नियम हैं। हर एयरलाइंस को इनका पालन करना होता है। 
  • पक्षी का टकराना: विमान से पक्षी के टकराने से भी हादसा हो सकता है। पक्षी के टकराने से इंजन फेल हो सकता है और कई अन्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं। 
  • ईंधन की कमी: ईंधन की सही तरीके से माप नहीं की गई तो भी विमान हादसा हो सकता है। साल 1990 में अमेरिका में एवीआंका फ्लाइट 52 विमान हादसा ईंधन की कमी कारण हुआ था। इसमें 73 की मौत हुई थी।
  • आतंकी हमला: विमान हादसों के पीछे आतंकी हमला भी एक कारण हो सकता है। अगर सुरक्षा प्रोटोकॉल में लापरवाही बरती गई तो इसका फायदा आतंकी संगठन उठा सकते हैं। 1985 में एयर इंडिया फ्लाइट 182 बम धमाके के कारण ही क्रैश हुई थी।

 

यह भी पढ़ें: चरखी दादरी से मुंबई तक, भारत के 5 भीषण विमान हादसे; सैकड़ों की गई जान

हादसे की वजह जानना क्यों जरूरी?

विमान हादसों के बाद वजह की तलाश करना बेहद अहम होता है। ब्लैकबॉक्स इस गुत्थी को सुलझाने में काफी मदद करता है। हादसों की वजह का पता लगाना इसलिए अहम है कि भविष्य में होने वाले हादसों से बचा जा सके। सुरक्षा प्रोटोकॉल को मजबूत और खतरे को कम किया जा सके। असली कारण का पता लगने से भविष्य में होने वाले हादसों से बचा जा सकता है। विमान हादसों में सिर्फ फ्लाइट दुर्घटना को ही शामिल नहीं किया जाता है। इसमें हेलीकॉप्टर, अल्ट्रा-लाइट, ग्लाइडर हादसों को भी शामिल किया जाता है। 

 

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