देश में नए साल के जश्न की तैयारियां पूरे जोर-शोर से चल रही हैं। चाहे घर पर हों या बाहर, इस मौके पर हर कोई अच्छा और खास खाना तलाशता है। वेजिटेरियन लोगों के लिए पनीर सबसे पसंदीदा और खास विकल्प होता है। इस समय बाजार में पनीर की मांग तेजी से बढ़ जाती है लेकिन ज्यादा मुनाफा कमाने के लालच में कुछ दुकानदार लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ करने लगते हैं और नकली पनीर बेचने लगते हैं। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) की हालिया रिपोर्ट बताती है कि कई राज्यों और शहरों में पनीर में मिलावट के मामले काफी डरावने हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि इस सूची में कौन-सा राज्य सबसे ऊपर है।
सरकारी छापों और FSSAI की रिपोर्ट के मुताबिक, देश के अधिक आबादी वाले कई राज्य इस लिस्ट में शामिल हैं। 30 दिसंबर को पटना में 500 किलो ‘जहरीला पनीर’ जब्त किया गया, जिसकी जांच में सामने आया कि यह दूध से नहीं बल्कि मैदा, पाम ऑयल, बेकिंग सोडा और डिटर्जेंट से बनाया गया था। आपकी सेहत के लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि कहीं आप भी ऐसे राज्य में तो नहीं रहते और अगर रहते हैं, तो असली पनीर की पहचान कैसे करें।
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देश के मुख्य 'हॉटस्पॉट्स'
FSSAI ने 16-17 दिसंबर 2025 को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दूध, पनीर और खोया में मिलावट के खिलाफ 'स्पेशल एनफोर्समेंट ड्राइव' चलाने का आदेश दिया था। हाल के महीनों में 'डेयरी एनालॉग' को असली पनीर बताकर बेचने की शिकायतों में भारी बढ़ोतरी हुई है इसके लिए FSSAI ने दुकानों पर औचक छापेमारी के निर्देश दिए हैं।
- दिल्ली-NCR- हालिया सरकारी आंकड़ों के अनुसार, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में पनीर की स्थिति सबसे चिंताजनक पाई गई है। फुड डिपार्टमेंट के लिए गए नमूनों में से लगभग 83% पनीर के सैंपल फेल हो गए। इसमें से 40% पनीर तो पूरी तरह से 'असुरक्षित' घोषित किया गया, यानी वह खाने योग्य ही नहीं था। यहां पनीर में डिटर्जेंट, सल्फ्यूरिक एसिड, पाम ऑयल और घटिया मिल्क पाउडर की मिलावट पाई गई।
- कर्नाटक- कर्नाटक में भी स्थिति काफी खराब दर्ज की गई है। राज्य में लिए गए 163 पनीर सैंपलों में से शुरुआती जांच में केवल 4 सैंपल ही सुरक्षित पाए गए। बाकी सैंपलों में भारी मिलावट की आशंका जताई गई है।
- पंजाब और हरियाणा- इन राज्यों को नकली पनीर का 'मैन्युफैक्चरिंग हब' माना जाता है। यहां से भारी मात्रा में नकली पनीर दिल्ली और अन्य राज्यों में सप्लाई किया जाता है। पंजाब के लुधियाना, मोहाली और हरियाणा के जींद व नूंह जैसे इलाकों में लगातार नकली पनीर बनाने वाली फैक्ट्रियों पर छापे पड़ते रहते हैं। यहां पनीर बनाने के लिए दूध की जगह यूरिया, डिटर्जेंट और घटिया तेल का इस्तेमाल होता है।
- महाराष्ट्र- FSSAI के नेशनल सर्वे के अनुसार, मुंबई और पुणे जैसे शहरी इलाकों में भी पनीर की गुणवत्ता मानकों से काफी नीचे पाई गई है। हाल ही में पुणे में एक साथ 1400 किलो नकली पनीर जब्त किया गया था।
पनीर में क्या-क्या मिलाया जा रहा है?
सरकारी खुलासे के आधार पर, खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने जांच में पाया है कि 'सिंथेटिक पनीर' बनाने के लिए इन खतरनाक चीजों का इस्तेमाल होता है:
- हार्मफुल केमिकल: सफेदी के लिए टाइटेनियम डाइऑक्साइड और सल्फ्यूरिक एसिड।
- घटिया फैट: दूध के क्रीम की जगह पाम ऑयल या हाइड्रोजनेटेड फैट।
- थिकनर: वजन बढ़ाने के लिए अरारोट, मैदा या स्टार्च।
- सफाई का सामान: झाग और सफेदी के लिए डिटर्जेंट और यूरिया।
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घर पर कैसे पहचानें पनीर?
FSSAI ने उपभोक्ताओं के लिए कुछ सरल तरीके बताए हैं:
- असली पनीर हाथ से मसलने पर टूटकर बिखर जाता है। अगर पनीर रबड़ की तरह खिंच रहा है या स्पंज जैसा है, तो वह मिलावटी हो सकता है।
- पनीर के एक टुकड़े पर आयोडीन की कुछ बूंदें डालें। अगर पनीर का रंग नीला हो जाता है, तो समझ लीजिए कि इसमें स्टार्च या मैदा मिलाया गया है।
- पनीर को पानी में उबालें और ठंडा होने पर उसमें 'सोयाबीन पाउडर' या 'अरहर दाल का पाउडर' डालें। अगर पनीर का रंग हल्का लाल होने लगे, तो इसमें डिटर्जेंट या यूरिया की मिलावट हो सकती है।
- हमेशा भरोसेमंद डेयरी या सर्टिफाइड ब्रांड से ही पनीर खरीदें। बहुत ज्यादा सफेद और चमकदार दिखने वाला पनीर अक्सर खतरनाक रसायनों से बना होता है।