भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) भूषण गवई की मां कमला गवई ने 1 अक्टूबर को उन अटकलों पर विराम लगा जिसमें कहा जा रहा था कि वह 5 अक्टूबर को महाराष्ट्र के अमरावती में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के शताब्दी समारोह में शामिल होने वाली हैं। उन्होंने कहा कि वह इस खबर पर हो रहे विवाद से दुखी हैं, इसलिए संघ के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर हिस्सा नहीं लेंगी। CJI की मां ने कहा कि कुछ लोगों ने उन्हें 5 अक्टूबर को होने वाले कार्यक्रम में आने का न्योता दिया था। उन्होंने कहा कि सभी के लिए शुभकामनाएं दे रहीं हैं।
CJI की मां ने जारी पत्र में लिखा, 'जैसे ही कार्यक्रम में मेरे शामिल होने की खबर आई, कई लोगों ने न केवल मुझ पर बल्कि दिवंगत दादासाहेब गवई पर भी आरोप लगाना और आलोचना करना शुरू कर दिया। हमने अंबेडकर की विचारधारा के अनुसार अपना जीवन जिया है, जबकि दादासाहेब गवई ने अपना जीवन अंबेडकरवादी आंदोलन को समर्पित कर दिया था। अलग विचारधाराओं वाले मंच पर अपनी विचारधारा साझा करना भी जरूरी है, जिसके लिए हिम्मत की जरूरत होती है।'
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बिहार के पूर्व राज्यपाल आर.एस. गवई का परिचय
रामकृष्ण सूर्यभान गवई 1964 से 1994 तक महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य रहे। 1998 में वह अमरावती से 12वीं लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए। 2006 में उन्हें बिहार का राज्यपाल बनाया गया। फिर 2008 से अगस्त 2011 तक केरल के राज्यपाल के पद पर रहे।
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CJI की मां ने बताया कि अगर वह 5 अक्टूबर के दिन वाले कार्यक्रम में जाती तो वहां वह अंबेडकर के विचारधारा को ही सामने रखती। उनका साफ कहना है कि एक कार्यक्रम की वजह से उनके पति को बदनाम करने की कोशिश की गई है जिससे उन्हें बहुत दुख पहुंचा है। इसलिए उन्होंने समारोह में न जाने और इस पूरे विवाद पर रोक लगाने का फैसला लिया है।